Aur Hum Pyaase Hi Reh Gaye – Part 2

Deep punjabi 2017-12-26 Comments

पहले तो वो हट जाओ दीप, ये क्या कर रहे हो, छोड़ दो कोई आ जायेगा, हमारी बहुत बदनामी होगी जैसी बाते करने लगी। लेकिन मैंने उसकी कोई बात नही मानी और मन को इकागर करके अपने काम में लगा रहा। धीरे धीरे उसके मुंह से सिसकिया निकलने लगी। उसकी आँखे बन्द हो चुकी थी। वो और मैं आँखे बन्द किये रोमांस में खोये हुए थे।

इतने में उसे पता नही क्या सूझा वो बोली,” ऐसा करो दीप पहले अपना फ्रिज़ वाला काम निपटा लेते हैं। बाद में ये भी कर लेंगे। अब हाथ आया शिकार मैं कैसे निकलने देता। मैंने उसे कहा,” नही जी, अब फुल मूड बना है। बाद में आपके बच्चे भी स्कूल से आ जायेंगे। बाद की बाद में ही रह जायेगी। कुछ भी न बोलो आप बस चुप चाप मज़ा लेते रहो। उसको मेने पलटा लिया।

अब उसका चेहरा मेरे चेहरे के बिलकुल सामने था और मैंने दोनों हाथो से उसका चेहरा पकड़कर उसके नरम नरम होठो को अपने होंठो में कैद कर लिया। क्या एहसास था यार, उस पल का.. शब्दों में बयान नही कर सकता। वो भी मेरा लिप किस में भरपूर साथ दे रही थी।

मैंने उसके उरोजों को भींचना शुरू कर दिया। उसने कोई विरोध नही किया।इसका मतलब साफ था के उसकी भी रजामंदी है, एकाएक उसकी नज़र दीवार घड़ी पे गयी और बोली, हमारे पास गिनती के 30 मिनट है। जो भी करना है जल्दी करलो बच्चों के स्कूल से आने का वक्त हो गया है।

मैंने वहीं खड़े खड़े उसकी सलवार का नाडा खींच दिया। उसकी सलवार गिरकर उसके पैरों में आ गयी। इसमें हम दोनों हंस दिए। मैंने उसे शेल्फ पे बिठाया और उसकी टंगे चौड़ी करके क्लींशेव चूत का ऊँगली से जायज़ा लिया। जो गर्म गरम कामरस उगल रही थी। मेने अपनी पैंट की बेल्ट और ज़िप खोली और पैंट घुटनो तक करके अपना तना हुआ लण्ड उसकी चूत में पेल दिया।

4 बच्चों की माँ होने के बावजूद भी भाभी की चूत को देखकर लग ही नही रहा था के शादी के 10-15 साल हो गए होंगे। मैंने अपनी कमर हिलानी चालू करदी। भाभी मुझे बाँहो में लेकर उस पल का मज़ा ले रही थी। वो काफी दिनों से सेक्स की भूखी लग रही थी। उसने बताया के अब उसका पति उसकी केयर नही करता।

महीने में एक दो बार ही सेक्स करता है। हमारा सेक्स यही कोई 10 मिनट तक मुशकिल से चला होगा। ये कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट से पढ़ रहे है। हम दोनों एक साथ रस्खलित हुए और अपने अपने कपड़े पहन कर ऐसे हो गए के जैसे कुछ हुआ ही न हो।

कहानी पढ़ने के बाद अपने विचार निचे कोममेंट सेक्शन में जरुर लिखे.. ताकि देसी कहानी पर कहानियों का ये दोर आपके लिए यूँ ही चलता रहे।

मैंने उसे किचन से बाहर, बेडरूम से पलास लेने भेज दिया। मेने देखा के फ्रिज़ की तार का 3 पिन प्लग थोडा सा जला हुआ है। शायद ज्यादा लाइट आने की वजह से वो सड़ गया था। मैंने प्लास से उसे काटकर तार छीलकर वैसे ही फ्रिज़ चला दिया। इतने में भाभी के बच्चे भी स्कूल से आ गए और मैं फ्रिज़ को ठीक करके अपने घर आ गया।

सो दोस्तों ये थी मेरी नई आप बीती, आपको जैसी भी लगी अपने सुझाव “[email protected]” पर भेजने की कृपालता करे। आपके मेल्स का बड़ी बेसब्री से इंतज़ार रहेगा। आपकी बड़ी मेहरबानी होगी। जल्द ही एक और नई कहानी लेकर फेर हाज़िर होऊंगा तब तक के लिए अपने दीप पंजाबी को दो इज़ाज़त नमस्कार, शब्बा खैर…

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