Anokhi Saja
मालिक — गौरी इसे थोडा होंठो से भी प्यार करो। जितना इसे खुश करोगी। उस से दोगुनी ख़ुशी तुम्हे ये देगा।
गौरी न चाहते हुए भी लण्ड की चमड़ी निचे करके उसके गुलाबी सुपाड़े को अपनी जीभ से चाटने लगी। उसकी जीभ का स्पर्श पाते ही मालिक जैसे 7वे आसमान की सैर करने लगा। वो आँखे बन्द किये इस सुनहरी पल का आनंद ले रहा था। इधर गौरी भी एक माहिर वेश्या की तरह उसका लण्ड मुंह में लिए चूस रही थी। अब 5-7 मिनट लण्ड चूसते रहने की वजह से गौरी का मुंह दुखने लगा, ऊपर से उसके लण्ड की नसे फूलने की वजह से सुपाड़ा भी फूल चूका था और उसके मुंह में घुसने में दिक्कत हो रही थी।
ज़मीदार — गौरी बस करो वरना तेरे मुंह में ही मेरा पूरा माल निकल जायेगा। तू ऐसे कर इसपे बैठकर उठक बैठक कर। तब तक तेरे मुंह को थोडा आराम भी मिल जायेगा।
गौरी को उसकी बात जच गयी और वो उठकर मालिक के थूक और तेल से सने लण्ड पे अपनी चूत सेट करके बैठ गयी। लण्ड के आकार के हिसाब से चूत का साइज़ बहुत छोटा था। लेकिन फेर भी पता नही कैसे हिलने जुलने से आधे से ज्यादा लण्ड गौरी की चूत ने निगल लिया था। अब वो ऊपर बैठी उठक बैठक कर रही थी। जिस से उसके गोरे चिट्टे दूध से भरे उरोज़ हिल रहे थे। कभी मालिक उनको पकड़ कर अपना सर ऊँचा करके बार बार उनका दूध पी रहा था। तो कभी गौरी की कमर पकड़ कर उसकी उठक बैठक करने में मदद कर रहा था। काफी समय हिलने जुलने ने अब गौरी थक कर चूर हो गयी ।
गौरी — मालिक अब मुझसे और हिला नही जा रहा। आप ऊपर आ जाओ।
मालिक ने उसकी मज़बूरी देखते हुए लण्ड चूत में डाले ही बड़ी फुर्ती से गौरी को अपने निचे और खुद ऊपर आ गया। उसका ये अंदाज़ देखकर गौरी हैरान रह गयी और अपनी टाँगे मालिक के कन्धों पे रख कर उनसे चुदवाने लगी। अभी 10 मिनट ही हुए होंगे पोजिशन बदले को के गौरी बोली,” मालिक और तेज़ करो, और तेज़ज्ज्जज्ज..
मालिक समझ गया के इसका काम होने वाला है। उससे जितना भी ज़ोर लगा उस स्पीड से अपने हिलने की स्पीड बढ़ा दी, करीब 2 मिनट बाद एक लम्बी आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह लेकर गौरी शांत हो गयी। लेकिन मालिक का अभी भी काम नही हुआ था। उसने अपना काम जारी रखा और थोड़े समय बाद ही वो भी उसके ऊपर ढेरी हो गया। उसने अपने गर्म लावे से गौरी की चूत भरदी। अब दोनों बेजान शरीरो की तरह एक दूसरे से सटे पड़े थे। जब दोनों की सांसे कंट्रोल ने हुई तो एक दूसरे को देखकर हंसने लगे।
ज़मीदार — तो कहो कैसी लगी, मेरी अनोखी सज़ा तुझे ।
गौरी (शरमाते हुए) — यदि ऐसी सज़ा बार बार मिलेगी तो मैं बार बार वादा खिलाफी के लिए तैयार हूँ।
और एक ज़ोरदार हंसी से फिर एक दूसरे को लिपट गए।
मुझे अपना फीडबैक देने के लिए कृपया कहानी को ‘लाइक’ जरुर करें। ताकि कहानियों का ये दोर देसी कहानी पर आपके लिए यूँ ही चलता रहे।
उसके बाद एक बार फेर मालिक ने उसको अलग पोज़ में करीब चोदा। जिससे गौरी के चेहरे पे सन्तुष्टी के भाव साफ दिखायी दे रहे थे।
उस दिन के बाद जब भी उनको चुदाई की भूख लगती, दूसरी हवेली पे पहुंचकर अपनी जिज्ञासा शांत कर लेते। करीब एक साल बाद गौरी ने मालिक के एक बेटे को जन्म दिया। जिसका पूरा खर्च मालिक ने ये कहकर उठाया के हमारे घर पे काम करती थी। इसके लिये इतना तो कर ही सकते है।
अब आप सोच रहे होंगे के उन पैसो का क्या हुआ होगा। जो गौरी ने ब्याज पे लिए थे..
अरे ! भाई अभी भी नही समझे ।
चलो मैं समझाता हूँ। वो अनोखी सज़ा इन पैसो की माफ़ी के लिए तो दी थी।।।
सो प्रिय दोस्तों ये थी एक और मज़ेदार कामुक कहानी। आपको कैसी लगी अपने विचार मुझे मेरी मेल आई डी “[email protected]” पे भेजने की कृपालता करे।
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