Biwi Ho To Aisi
शीनू की बात सुन कर मेरा दिमाग दौड़ने लगा. मैंने सोचा कि आज नवीन और शीनू अपने कमरे में लाईट जला कर चुदाई करेंगे , तो आज नवीन का लौड़ा देखने का काफी अच्छा मौका है ।
यह इच्छा काफी दिन से मेरे मन में अंगडाई ले रही थी , लेकिन उसके पूरा होने का वक्त आज आया था ।
शाम को शीनू और नवीन घूमने चले गए , बाहर से पिक्चर और खाना खाने के बाद लगभग दस बजे वे लोग वापस आए. मैं उनके इन्तजार में अभी तक जाग रही थी।
शीनू और मेरे बैडरूम के बीच में सिर्फ एक खिड़की थी , जो बंद रहती थी लेकिन दूसरी तरफ लाईट जलती हो तो खिड़की की दरार से दूसरी और दिख जाता था.
मैंने सोच लिया था कि मैं इसी दरार का फायदा उठाऊँगी ।
करीब साढ़े दस बजे मैंने अपने कमरे की बत्ती बुझा दी और खिड़की के पास जम गई । जैसे ही मैंने दरार से झाँका तो पता चला कि शीनू और नवीन के प्यार का खेल शुरू हो चुका है ।
शीनू ने पूरा मेकअप कर रखा था और वह काफी सुन्दर लग रही थी. इस समय वह अपनी साड़ी और ब्लाउज उतार चुकी थी और केवल लाल रंग का पेटीकोट और काले रंग की डिजाइनर ब्रा उसके बदन पर शेष थी ।
उधर नवीन के जिस्म पर केवल अंडरवीयर था. उसका विशाल सीना और जाँघों के जोड़ पर उसका उठा हुआ अंडरवीयर साफ़ चमक रहा था ।
नवीन ने पहले शीनू को अपनी गोद में बिठाया और उसके होंठों को चूसने लगा , जवाब में शीनू भी उसे चूमने लगी । कुछ देर बाद वे पूरी तरह नंगे हो कर चुदाई में लग गये ।
मैं हैरानी से नवीन के बदन की मजबूती देखती रह गई । शीनू का कहना बिल्कुल सच था कि उसका पति देर से झड़ता है , उसके जबरदस्त धक्कों से शीनू तो थोडी देर में ही झड़ गई थी , लेकिन नवीन फिर भी उसकी चूत में लौड़ा डाले पड़ा रहा और अपनी बीवी की चूचियों को मसलता रहा और उसके होंठों को चूसता रहा ।
कुछ ही देर में शीनू दोबारा गर्म हो गई और अपने पति के धक्कों का जवाब धक्कों से देने लगी. नवीन जोर जोर से लौड़ा उसकी चूत में अन्दर बाहर करता रहा ।
करीब बीस मिनट की रगड़ाई के बाद दोनों बारी बारी से झड़ गये ।अब शीनू के साथ साथ नवीन भी पूरा संतुष्ट नजर आ रहा था ।
नवीन का दमदार लौड़ा देख कर मेरा मन लालच में पड़ गया , दूसरे मर्दों के प्रति मेरे विचार काफी खुले हुए थे , क्योंकि मेरे पति ॠषभ जैन ने शादी के तुरन्त बाद से ही मुझे अपने दोस्तों से मिलवाना शुरु कर दिया था । वे लोग ना केवल मेरे साथ हंसी मजाक करते थे बल्कि कई बार तो मेरे बदन से भी छेड़छाड़ कर लेते थे.
यह सब चोरी छिपे नहीं होता था बल्कि खुले आम होता था और मेरे पति भी उस वक्त मौजूद रहते थे ।
मेरे पति की तरह उनके सारे दोस्त भी काफी खुले दिमाग थे, ॠषभ उन लोगों की बीवियों के बदन पर खुलम – खुल्ला हाथ डाल देते थे , पर वे लोग बुरा नहीं मानते थे ।
चूँकि मैं अपने पति ॠषभ का स्वभाव जानती थी , इसलिए नवीन के लौड़ा को देखने के बाद मैंने मन में ठान लिया था कि मैं ॠषभ को सब कुछ बता कर नवीन से चुदवाऊँगी ।
मैंने यह भी सोच लिया था कि मैं किसी ना किसी बहाने शीनू को ॠषभ से चुदवाने के लिए राजी कर लूँगी , ताकि ॠषभ को यह सारा खेल एक तरफा ना लगे ।अपनी योजना पर चलते हुए मैंने शीनू के साथ सेक्सी मैगजीनों का आदान – प्रदान शुरू कर दिया । बीच बीच में मैं उसे बताती रहती कि मेरे पति ॠषभ उसे बहुत पसन्द करते हैं और मुझसे कहते रहते हैं कि शीनू कितनी सेक्सी औरत है ।
यह सब सुन कर शीनू काफी खुश हो जाती थी , कई बार वह मजाक में कह ती- संगीता , अगर मैं तेरे पति ॠषभ को फांस लूँ तो तू क्या करेगी ?
करना क्या है , मेरी जान ?मैं भी हंस कर बोल देती – तू ॠषभ को फंसाएगी तो मैं तेरे पति नवीन को फंसा लूँगी , कितना मोटा और सख्त लौड़ा है नवीन का, कितना मजा आयेगा जब तेरे पति मुझे अपनी जाँघों के बीच दबायेंगे और मेरे पति तेरी चुसवाने को बैचैन चूत को जम कर चूसने के बाद जम कर चोदेंगे ।
समझ ले , उसके बाद तो हम लोगों की दोस्ती और भी पक्की हो जायेगी ।
इतना कह कर मैं और शीनू एक दूसरे से लिपट जाती ।
इसी बीच मेरे पति घर आये , मैंने उन्हें भी बताया की शीनू उन्हें बहुत पसंद करती है और जब भी मैं उसे बताती हूँ कि चुदाई के समय आप किस तरह से मेरी चूत को चूसते हैं तो वह बुरी तरह उत्तेजित हो जाती है ।
ये बातें सुन कर ॠषभ बहुत खुश हुए और कहने लगे : डार्लिंग , शीनू है तो काफी खूबसूरत , किसी रोज उसे पटा कर बैडरूम में ले आओ तो उसे अपने लौड़ा का मजा चखा दूँ !
शीनू तो कब से बैचैन है डार्लिंग ! मैंने अपने पति से झूठमूठ कहा.
वह कई बार कह चुकी है कि किसी रोज अपने हसबेंड से मेरा क्रॉस करवा दो , लेकिन मैंने हामी नहीं भरी , आखिर तुमसे पूछना भी तो जरूरी था ।
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