Mast Gay Uncle Ki Jabardast Chudai

sonu90 2018-03-24 Comments

नमस्कार दोस्तों, कैसे हैं आप सभी ? आशा करता हूँ कि आप बिल्कुल ठीक होंगे। तो दोस्तों चलिए थोड़ा अपने बारे में बता दूँ..

मेरा नाम सजल शर्मा (परिवर्तित नाम) है और मैं मध्यप्रदेश (ग्वालियर) से हूँ। मेरी उम्र 26 वर्ष है गोरा रंग नार्मल बॉडी है। मेरे लण्ड का आकार 7.5 लम्बा और 2 इंच मोटा है, मुझे देखकर कोई भी अंकल मुझसे गाण्ड मरवाने के लिए तैयार हो जाते हैं।

तो चलिए सीधे कहानी पर आते हैं:- यह कहानी बिल्कुल सत्य घटना पर आधारित है कृपया कहानी पूरी पढ़ें बहुत मजेदार है।

15 दिन पहले की बात है साम के समय मैं घूमते घूमते एक पार्क पर जाकर बैठा गया, उस दिन मैं थोड़ा परेशान था पार्क में बहुत से बच्चे खेल रहे थे और बहुत से लोग घुमने आये थे जिनमें औरतें, बूढ़े लोग सभी सामिल थे।

मैं एक कुर्सी पर बैठा बच्चों के खेल देख रहा था, धीरे धीरे अंधेरा होने लगा सभी बच्चे और सभी लोग जाने लगे मैं फिर भी वहाँ बैठा रहा, मैंने देखा एक बहुत ही खूबसूरत से अंकल जिनकी उम्र 50-52 साल के आसपास होगी पार्क में टहल रहे थे शायद वो हर साम पार्क में टहलने आते होंगे, अब पार्क में सिर्फ हम दोनों (अंकल और मैं) ही थे वह बार बार मुझे देख रहे थे और टहल रहे थे।

मुझे उनकी खूबसूरती इतनी पसंद आ रही थी की बता नही सकता, मैं तो चाहता था कि काश ये आज मुझे मिल जाएं तो मुझे जन्नत का अहसास हो जाएगा।

थोड़ी देर टहलने के बाद वो मेरे बगल में आकर बैठ गए, मेरी धड़कनें बढ़ गईं और मन ही मन लड्डू फूटने लगे। थोड़ा उनके बारे में बता दूँ- अंकल की हाइट लगभग 6 फिट के आसपास हेगी रंग एकदम गोरा, मोटा शरीर, बड़ी बड़ी काली मूछें चेहरा बिल्कुल फूला हुआ और चमकदार था और वो बहुत प्यारे लग रहे थे।

अंकल थोड़ा मेरी तरफ सरक गए शायद वो मुझे पसंद कर रहे थे, मेरा मन कर रहा था कि अंकल को जल्दी से किस कर लूँ लेकिन वह समय अभी नहीं आया था।

अचानक अंकल ने कहा बेटा कोई परेशानी है क्या उदास लग रहे हो, मैंने झिझकते हुए कहा नहीं नहीं अंकल कोई परेशानी नहीं है मैं तो बस ऐसे ही यहाँ घूमने आया था तो सोचा थोड़ा रिलेक्स हो जाऊँ।

अंकल ने कहा ओके बेटा बस आप परेशान दिख रहे थे इसलिए पूछ लिया। फिर अंकल ने कहा बेटा आप क्या करते हो? मैंने कहा अंकल मैं अभी सरकारी जॉब के लिए प्रिपरेशन कर रहा हूँ।

फिर अंकल ने अपनी बात जारी रखी- और कहने लगे आजकल के लड़के तो बचपन से ही बिगड़ जाते हैं और गलत कामों से पड़ जाते हैं, मैंने कहा जी अंकल आपने बिल्कुल सही कहा। फिर अंकल ने कहा बेटा मैं भी बचपन में ही बिगड़ गया था.

मैंने कहा- ओह अंकल कैसे? तो अंकल ने कहा बहुत लम्बी कहानी है बेटा तुमको बताने बैठ गया तो बहुत समय लग जाएगा और तुमको इतना समय नहीं होगा तुमको पढ़ाई भी करनी होगी बाद में बता दूँगा। मैंने कहा जी नहीं अंकल अभी अभी मेरे एग्जाम खतम हुए हैं अब मैं बिल्कुल फ्री हूँ आप प्लीज अपनी कहानी बताइये।

अंकल बोलने लगे अरे बेटा अभी रहने दो फिर कभी देखते हैं- मैंने जिद करते हुए कहा- प्लीज अंकल मुझे आज ही सुनना है प्लीज आप बताइए न, तो अंकल राजी हो गए और कहा चलो सुनो तो और प्लीज तुम्हे बुरा लगे तो माफ कर देना।

मैंने कहा अंकल मुझे कुछ भी बुरा नही लगेगा आप इतने प्यारे जो हो, तो अंकल थोड़ा मुस्कराये और बोले चलो सुनो:-

यहाँ से अंकल की कहानी चालू होती है:-

मैं जब 18 साल का था 12वीं के पेपर खतम हुए तो गर्मी में अपने मामा के घर घुमने गया था मेरे मामा के 3 बच्चे थे जिसमें से 2 मामी के साथ उनके नाना के घर गए हुए थे और 1 जो सबसे बड़ा था वो मामा के साथ घर पर अकेला था उसकी उम्र उस समय 15 साल होगी उसका नाम सुलभ था। मैं पूरी गर्मी मामा के यहाँ ही रुकने वाला था।

(मैं कहानी बड़े ध्यान से सुन रहा था)

अंकल ने कहा- फिर एक दिन सुलभ के साथ हम दोनों उनके खेत पर घूमने गए और साम को लोटे तो बहुत थक चुके थे तो मामा बोले खाना खाकर दोंनों सो जाओ।

फिर हमने खाना खाया और मैं सुलभ के साथ सो गया। मामा भी वहीं साइड वाले पलंग पर सो रहे थे जो हमारे पलंग से लगा हुआ था।

मैंने लगभग 1 बजे रात को हल्की लाइट में देखा तो मामा अपना लण्ड हिला रहे थे, उनका लण्ड बहुत ही लम्बा और मोटा था। मैं पतले चादर के अंदर से देख रहा था मुझे ये सब देखकर बहुत मजा आ रहा था।

मैंने सोचा क्यों न मामा के साथ मिलकर एक-दूसरे का लण्ड हिलाया जाए, मैं उठकर बैठ गया तो मामा अचानक मुझे देखकर चौंक गए और कहने लगे क्या हुआ।

मैंने कहा मामा मैंने सब देख लिया है और मुझे भी ये करना है मामा ने चुप होने का इशारा किया और मुझे दूसरे कमरे मेंं ले गए। यह कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे है।

मैं अंकल की कहानी बहुत चाव से सुन रहा था और अब मेरा लण्ड पूरी तरह सख्त हो चुका था।

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