Badi Mushkil Se Biwi Ko Teyar Kiya – Part 14

iloveall 2017-02-14 Comments

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अनिल के व्यक्तित्व ने मेरी पत्नी को काफी प्रभावित किया था। परंतु जैसे की हिंदुस्तानी महिलाएं शादी शुदा स्त्री मर्यादा के कारण अपनी इच्छा प्रकट नहीं कर पाती, वैसे ही नीना ने भी अनिल के प्रति जो थोड़ा आकर्षण था, उसे अपने ह्रदय के कोई कोनेमें गाड़ दिया था। यहाँ तक की मेरी पत्नी यह मानने से भी मना करती थी की वह अनिल के प्रति कामुक भाव से आकर्षित थी। मैं उसी आकर्षण को उस अंधकूप से बाहर निकालकर अपनी पत्नी के सामने प्रकट करना चाहता था।

खैर, जब एकबार मर्यादा का बाँध टूट गया तब मेरी बीबी मेरे और अनिल के द्वारा रातके एक बजेसे सुबह के चार बजे तक काम क्रीड़ा का आनंद लेती रही; या यूँ कहिये की वह हम दोनों मर्दों से चुदती रही और हम दोनों मर्दों को चोदती रही। उस रात की सुबह चार बजे जब हम दोनों मर्दों ने दो बार अपना वीर्य मेरी बीबी के मुंह, बदन पर और चूत में उंडेल दिया और मेरी पत्नी उस रात शायद छह बार झड़ गयी तब हम मर्दों ने अपने हथियार डाल दिए। नीना तो तब भी तैयार थी। उसका जूनून देखने लायक था।

खैर, उस के बाद नीना ने कहा वह नहाना चाहती है। तब अनिल ने और मैंने मिलकर हमारी नायिका, मेरी पत्नी को उसके मना करने पर भी जबरन अपनी बाहों में उठाया और उसे बाथरूम में ले गए। नीना उस रात की महारानी थी और हम दोनों उसके गुलाम।

उस रात नीना शायद अपने वयस्क जीवन में पहली बार खुद नहीं नहायी। अनिल ने और मैंने मेरी बीबी को बड़े प्यार से नहलाया। नहलाते हुए भी अनिल मेरी पत्नी के मम्मों को और उसके चूतड़ के गालोँ को बार बार अपनी हथेलियों में सहलाने और भींचने में लगा रहता था। यह सब देखकर मेरी उत्तेजना की कोई सिमा नहीं थी। नीना उस रात को अपनी इतनी अति विशिष्ट सेवा का मजा ले रही थी। शादी के बाद उसको एक मात्र मर्द से सेवा मिलती थी। उस रात उसकी आज्ञा पालन और सेवा करने के लिए दो मर्द उत्सुक थे।

मैं उस रात काफी थक गया था। जैसे ही हम नहा कर बाहर निकले और हमने अपने अपने रात्रि के सूट और गाउन इत्यादि पहने, की हम सब एक साथ धड़ाम से बिस्तरे में जा गिरे। उस समय अनिल ने मेरी पत्नी को बाँहों में लिया और उसे चुम्बन करने लगा। उसने अपनी प्रेमिका एवं मेरी बीबी को बताया की पिछली रात में जब पहली बार नीना ने वह गाउन पहना था तब नीना उस नाइट गाउन में करीब करीब नग्न ही दिख रही थी। नीना ने जब यह सूना तो वह आयने के सामने जा खड़ी हुई। उसने स्वयं अपनी नग्नता को जब देखा तब वह लाज से अनिल से चिपक गयी और उसे उसकी छाती पर अपने दोनों हाथों से पीटते हुए बोली, “तुम दोनों ने मुझे आज खूब उल्लू बनाया। मैं भी गधी थी जो तुम्हारी बातोँ मेँ आ गयी।” अनिल और मैं नीना को देख मुस्कुरा रहे थे।

जाहिर है की उस रात नीना हम दोनों के बिच में सोई हुई थी। मैंने देखा की मेरी पत्नी कुछ सोच में पड़ी जाग रही थी। पलंग में गिरने के साथ ही मैं तो लुढ़क गया। अनिल भी सो गया। नीना मेरे सामने मेरे चेहरे से चेहरा मिलाकर लेटी हुई थी। उसके कूल्हे अनिल के और थे। थोड़ी मिनटों मैं ही अनिल ने खर्राटे मारना शुरू कर दिया। गहरी नींद में भी अनिल ने नीना के पीछे से नीना को अपनी दोनों बाहोँ के बाहु पाश में जकड रखा था। मुझे ऐसे लगा जैसे अनिल ने मेरी बीबी के स्तनों पर अपना अधिकार जमा लिया था। नींद में भी अनिल की दोनों हथेलियां नीनाके मद मस्त और लाल स्तनों को सहला और दबा रही थीं। उस अवस्था में भी अनिल का लण्ड कड़क था और शायद मेरी बीबी की गांड में गाउन के ऊपर से घुसने की चेष्टा में लगा हुआ लग रहा था।

सुबह अचानक ही मेरी आँख खुली तो मैंने आधी नींद में ही, “आह…. ऑफ़….. आआआ….. हाई…….. माई……. ” इत्यादि आवाजे सुनी। मेरी आँखों की पलकें आधी अधूरी नींद के कारण भारी सी लग रही थी। मुझे अचानक जग जानेसे एकदम साफ़ नहीं दिख रहा था। उस हालात में मुझे ऐसा लगा जैसे अनिल और मेरी बीबी नीना की रात अभी ख़त्म नहीं हुई थी। वह दोनों पूरी तरह निर्वस्त्र हालात में दिख रहे थे। बिस्तर में लेटे हुए ही अनिल पीछे से धक्के मारकर अपना मोटा और कड़ा लण्ड मेरी बीबी की चूत में पेल रहा था और उसे पीछे से जोर से चोद रहा था। अनिल मेरी बीबी की चूत में अच्छे तरीके से अपना लण्ड डालने के लिए टेढा सोया हुआ था और मेरी पत्नी नीना की दोनों टाँगों के बिच में था। नीना का एक पाँव अनिल के निचे और दूसरा पाँव अनिल की सहायता करने के लिए उस के बदन के ऊपर रखा हुआ था।

उस समय सुबह की भीगी मंद मंद हवा चल रही थी और भोर की आभा खिड़की से कमरें में प्रवेश करना चाह रही थी। उजाला न होते हुए भी कमरे में साफ़ दिखाई दे रहा था। मैं एक अंगड़ाई लेते हुए बैठा तो देखा की जैसे की पूरी रात भर हुआ था, अनिल ने अपने दोनों हाथों ,में मेरी बीबी के स्तनों को कस के पकड़ रखा था। मेरी पत्नी मेरी और घूमी हुई थी। अनिल के टोटे फट्ट फट्ट आवाज करते हुए नीना के नितम्ब पर फटकार लगा रहे थे। मेरी पत्नी अनिल के मोटे लंबे लण्ड को अपने योनि मार्ग में इंजन में चलते हुए पिस्टन की तरह अंदर बाहर होते हुए अनुभव का दर्द भरा आनंद ले रही थी और साथ में कामुकता भरे स्वर में कराह रही थी।

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