Chalu Bhabhi Aur Main

Arashdeep Kaur 2018-01-20 Comments

भाभी ने मुझे भी पीने को बोला लेकिन मैंने मना कर दिया क्योंकि मैंने कभी शराब नहीं पी थी। फिर भी भाभी ने मुझे एक पैग पिला ही दिया जो मुझे कड़वा लगा। कुछ ही देर में मुझे नशा हो गया और भाभी ने मुझे एक और पैग पिला दिया लेकिन इस बार कड़वा नहीं लगा। मुझे काफी नशा हो गया था और भाभी की आखें भी नशे से लाल हो गईं थीं। नशे के साथ साथ हम दोनों की आखों में सेक्स की खुमारी भी छा गई थी।

मैंने भाभी से पूछा भाभी कहां चलना है ड्राइंग रूम में या आपके रूम में। भाभी ने कहा न रूम में न ड्राइंग रूम में जो करना है आंगन में करेंगे। हम दोनों आंगन में आ गए और भाभी ने मुझे जींस और शर्ट निकालने को कहा। मैंने वैसा ही किया और सिर्फ अंडरवियर में भाभी के सामने खड़ा था। भाभी ने नल चालू करके पाईप उठा ली और मुझ पर पानी डालकर बिल्कुल गीला कर दिया। उसके बान भाभी ने खुद पर अच्छे से पानी डाला और भाभी के कपड़े उसके बदन से चिपक गए।

अब भाभी के बदन का नक्शा बिल्कुल दिख रहा था भाभी के बूब्ज़ के निप्पल बाहर को उभर आए थे। नल बंद करके भाभी मेरे पास आकर घुटनों के बल बैठ गई। मेरे गीले अंडरवियर में मेरा लंड तंबू बना रहा था और भाभी ने अंडरवियर के ऊपर से मेरे लंड को सहलाते हुए हाथ में पकड़ लिया। भाभी बोली तेरा लंड तो बहुत शानदार है जानूं ये बहुत मजा देगा। भाभी ने अचानक से मेरा अंडरवियर नीचे खींच दिया और मेरे लंड से खेलने लगी।

कुछ देर बाद भाभी ने मेरे लंड के टोपे से चमड़ी पीछे करके उसको चूम लिया। भाभी के नर्म रसीले होंठों का स्पर्श अपने लंड पर पाकर मेरे जिस्म में बिजली दौड़ने लगी। भाभी ने मेरे टोपे पर जीभ घुमाते हुए लंड को अपने मुंह में ले लिया और चूसने लगी।

भाभी अपना सिर आगे-पीछे करके मेरे लंड को चूस रही थी और मेरा लंड पहली बार किसी छेद में घुसा था तो मैं जन्नत की सैर कर रहा था। भाभी तेजी से अपने सिर को आगे की तरफ झटका मारती और मेरा पूरा लंड उसके मुंह से होता हुआ उसके गले में उतर जाता। मुझे एक अजीब सा मजा आ रहा था।

भाभी का मुंह मुझे बहुत गर्म महसूस हो रहा था और भाभी बहुत ही सेक्सी ढंग से मेरा लंड चूस रही थी। भाभी के गले में मेरा लंड अंदर-बाहर होने से गप्प गप्प की आवाजें आ रही थीं जो मुझे और भी ज्यादा मदहोश कर रही थीं।

भाभी मेरा लंड काफी देर तक चूसती रही और फिर अपनी टांगें खोलकर खड़ी हो गई। भाभी ने मुझे बैठ कर चूत चाटने को कहा। मैं घुटनों के बल नीचे बैठ गया और भाभी की जांघों के बीचों-बीच उनकी चूत पर मुंह रख दिया।

मैं भाभी की चूत को होंठों से चूमते हुए अपनी जीभ से चाटने लगा। भाभी के मुंह से कामुक आवाजें निकलने लगीं और मैं तेजी से भाभी की चूत चाटने लगा। भाभी ने मुझे जीभ चूत में घुसा कर चाटने को कहा और मैं भाभी की चूत में जीभ डालकर चाटने लगा।

अचानक भाभी मेरे सिर को पकड़ कर अपनी चूत पर दबाने लगी और अपनी गांड हिला हिला कर अपनी चूत मेरे चेहरे पर रगड़ने लगी। भाभी की चूत बिल्कुल गीली हो चुकी थी और भाभी ने अपनी चूत मेरे चेहरे पर रगड़ कर अपनी चूत का रस मेरे चेहरे पर लगा दिया। भाभी की चूत के रस से बहुत की कामुक सुगंध आ रही थी। यह कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे है।

भाभी ने मुझे खड़ा होने को कहा और मैं भाभी के सामने खड़ा हो गया। मैं अपने चेहरे से भाभी की चूत का रस साफ करने ही लगा था कि भाभी ने मेरा हाथ पकड़ कर रोक दिया। भाभी ने मेरा चेहरा अपने हाथों में पकड़ लिया और अपनी जीभ से मेरे चेहरे को चाटने लगी। ऐसा लग रहा था कि भाभी अपनी चूत का रस नहीं बल्कि शहद चाट रही हो।

मेरे चेहरे को जीभ से चाटने के बाद भाभी ने अपने कपड़े निकाल दिए और बची हुई शराब भी पी गई। भाभी ने एक बार फिर से नल चालू करके पाईप उठा ली और मुझे एवं खुद को पूरी तरह से भिगो कर ही नल बंद किया। मैंने आज भाभी के बदन को पूरी तरह देखा था, भाभी का बदन बिल्कुल संगमरमर की तरह चमक रहा था और भाभी की हर अदा मुझे पागल कर रही थी। भाभी बड़ी ही सेक्सी अदा से गांड मटका कर मेरी तरफ आई और आते ही अपने होंठ मेरे होंठों से लगा दिए।

कुछ देर तो हम दोनों प्यार से एक-दूसरे को चूमते रहे लेकिन जल्दी ही हम एक-दूसरे के होंठों को जोर जोर से चूसने लगे। भाभी ने मुझे और मैंने भाभी को कस कर बाहों में भर लिया। मैं और भाभी एक-दूसरे से इतनी जोर से चिपके हुए थे कि हमारे बीच में से हवा भी नहीं निकल सकती थी।

भाभी के बड़े-बड़े बूब्ज़ मेरी छाती में गढे़ हुए थे और उसके सख्त निप्पल मुझे अपनी छाती पर महसूस हो रहे थे। मैं और भाभी एक-दूसरे के होंठों को चूसते हुए दांतों से काटने लगे और एक-दूसरे के मुंह में जीभ डालकर घुमाने लगे। हम एक-दूसरे की गालों, कानों और गर्दन के नीचे पागलों की तरह चूमने लगे।

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