Badi Mushkil Se Biwi Ko Teyar Kiya – Part 8

iloveall 2016-08-30 Comments

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नीना ने शायद अनिल ने उसे सेक्सी कहा वह सुना नहीं या फिर अनसुना कर दिया। पर अनिल की बात सुनकर नीना को और जोश आया। वह मेरी तरफ देख के बोली, “देखा? तुम्हारा अपना दोस्त क्या कह रहा है? सच कहा है, घर की मुर्गी दाल बराबर। तुम्हे मेरी कद्र कहाँ?”

मैं अपने मन में अनिल की बड़ी तारीफ़ कर रहाथा। वह क्या एक के बाद एक तीर दाग रहा था और हर एक तीर उसके निशाने पर लग रहा था। अब नीना की समझ से अनिल जैसा सभ्य और समझदार इंसान और कोई नहीं था। मैं, भी नहीं। मैंने अनिल से कहा, “भाई अपनी वह कहानी तो पूरी करो। और हाँ, तुम एक बात कहना चाहते न? फिर वह भी बतादो की क्या बात थी?”

मेरी बात सुनते ही जैसे अचानक अनिल के चेहरे का रंग एकदम फीका पड़ गया था। वह कुछ कहना चाहता था, पर कह नहीं पा रहाथा। जब मैंने उसे टोका तब अनिल ने बड़ी गंभीरता से नीना को कहा, “नीना भाभी, आपसे मेरी एक अर्ज है। मैं आप को कुछ बताना चाहता हूँ। पर उसके लिए आपको मेरे घर चलना पड़ेगा।”

अनिल ने नीना को इतनी महत्ता दी उससे नीना बड़ी खुश नजर आ रही थी। पर अनिल के चहरे पर मायूसी का साया देख कर मेरी पत्नी थोड़ी सकपका गयी । मैंने नीना से कहा, “अब तो हमें सुबह ही घर लौटना है। फिर यहां बाहर देर रात में बात करने से लोगों का ध्यान भी हमारी और जाता है। अनिल के घर में और कोई है भी नहीं। चलो चलते हैं। ” उस पर नीना ने भी अपनी सम्मति दे दी और अनिल ने कार अपने घर की और मोड़ी।

पुरे रास्ते में अनिल के मुंह पर जैसे ताला लगा था। मैंने नीना के कान में कहा, “लगता है कोई गंभीर बात है। अबतक जो फुदकता रहता था उसे एकदम यह क्या हो गया? हम अनिल के घर जा कर बात करते हैं। उसको थोड़ी पिलायेंगे तो उसका मूड ठीक हो जाएगा।“

नीना की नजर में अनिल एक निहायत शरीफ और सीधा सादा इंसान बन चुका था। उसकी छेड़ खानी और शरारत को भी नीना अनिल की सरलता का ही नमूना मान रही थी। हम जैसे ही अनिल के घर पहुंचे तो नीना ने अनिल की कमर में हाथ डाला और बोली, “आज मैं एक आझाद पंछी की तरह अनुभव कर रही हूँ। इसका श्रेय तुम्हे जाता है।” मैं जानता था की नीना का आझाद पंछी की तरह अनुभव करने का कारण तो वह जीन से भरा हुआ गिलास था।

अनिल को तो उस समय बड़ा खुश होना चाहिए था। पर अनिल की शक्ल रोनी सी हो रही थी। नीना बड़ी उलझन में थी। अनिल के मूड में यह परिवर्तन मेरी और नीना की समझ में नहीं आया। मैंने अनिल से पूछा तो उसने कोई जवाब नहीं दिया। नीना ने तब मुझे मुझे इशारा किया की मैं जा कर हम सब के लिए एकएक पेग बना के लाऊं।

अनिल ने मेरी पत्नी का इशारा देख लिया था। अनिल ने तब तुरंत फुर्ती से उठकर अपने बार से एक व्हिस्की और एक जीन की बोतल निकाली और दो गिलास में व्हिस्की और एक गिलास में जीन डालने लगा तो नीना ने जोर से कहा, ” अनिल, रुको, मेरे गिलास में भी व्हिस्की डालो। आज मैं अपने पति को दिखाना चाहती हूँ के एक स्त्री भी पुरुष का मुकाबला कर सकती है। ”

नीना ने अनिल के हाथ से व्हिस्की की बोतल ले कर अपने गिलास में भी व्हिस्की डाली। अनिल भौंचक्का सा देखता ही रह गया। मेरे भी आश्चर्य का ठिकाना नहीं था। मैंने देखा तो नीना वह गिलास को देखते ही देखते साफ़ कर गयी। मैंने सोचा हाय, आज तो जीन और व्हिस्की का खतरनाक मिलन हो गया था। आज तो क़यामत आने वाली है।

मैंने और अनिल ने भी अपने गिलास खाली किये। अनिल ने फिर अपनी गंभीर आवाज में कहा, “देखो हमारे पास पूरी रात पड़ी है। आज हमें बहु बात करनी है। बातें करने से पहले क्यों न हम अपने कपडे बदलें और फिर आराम से बात करें। राज, तुम मेरे नाईट सूट को पहनलो। नीना क्या मैं तुम्हे अनीता की कोई नाईटी दूँ?”

मैंने नीना की और इशारा करते हुए अनिल को बोला, “भाई मैं तो एक मर्द हूँ। मुझे तेरे कपडे खुले में पहनमें कोई झिझक नहीं है। तुम इस मैडम को पूछो, क्या इसे कोई एतराज है?” यह कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे हैं।

अनिल ने अपना एक नाईट सूट मेरी तरफ बढ़ाया। मैंने उसे अपने हाथों में लिया और नीना और अनिल के सामने अपने कपडे उतारे ओर सिर्फ जांघिया पहने हुए अनिल का नाईट सूट पहना और फिर जांघिया भी निकाल दिया। नीना और मैं वैसे भी रात को अंदर के कपडे नहीं पहनते थे।

नीना ने अनिल की और मुड़ते हुए लहजे में कहा, “मुझे भी तुम्हारे या अनिता के कपडे यहीं पर पहनने में कोई एतराज नहीं है। लाओ, कहाँ है अनीता का नाईट गाउन?” मैं समझ गया की अनीता को चढ़ गयी है।

अनिल ने जल्दी से चुन कर अनीता का वह नाईट गाउन निकाला जो एकदम पतला और लगभग पारदर्शी सा था। अनिल ने अपने हनीमून पर अनीता के लीये वह ख़रीदा था। फिर उसने नीना से कहा, “राज तो पागल हो गया है। अरे इसे कोई शिष्टता का भी ध्यान है के नहीं? क्या मेरी भाभी मेरे सामने अपने कपडे बदलेगी? नीना रुक जाओ। मैं यहां से चला जाता हूँ। आप अपने कपडे बदलो तब तक मैं भी अपना नाईट गाउन पहनकर आता हूँ।

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