Chudai Ki Pyaasi, Ek Andhi Ladki – Part 1

findfuckforget 2016-07-01 Comments

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Desi Sex tories

हेलो दोस्तो, सबसे पहले मैं आप सब का शुक्रिया अदा करना चाहता हूँ कि आपने मेरी पिछली कहानी “चुदाई की बात, भूली न वो रात” को बहुत पसंद किया।

मेरी यह ख्वाहिश है की मैं हमेशा आप सब दोस्तों को अच्छी से अच्छी कहानी जो की रियल लाइफ स्टोरी हो वह सुनाऊं. और आप सब को आंनदित करूँ।

दोस्तों मैंने अपनी जिंदगी में सेक्स बहुत जियादा किया है पर में जब भी सेक्स करता हूँ, मेरी हमेशा कोशिश होती है कि लड़की की बदनामी न हो और उसे मुझसे चूत मरवाने का मज़ा भी पूरा आये। मैं किसी से भी रिश्ता रखता हूँ तो एक सीक्रेट रखता हूँ ताकि लड़की या उस भाभी के जीवन मैं कोई प्रॉब्लम न हो और वह चूत चुदाई के मजे भी ले सके।

जैसे कि आपने पिछली कहानी में पढ़ा की कैसे मैंने रजनी की दबा के चूत मारी और उसे पता भी नहीं लगने दिया।उसे मैंने बाद में दोस्त बनाया और वह आज तक मेरी दोस्त है और उसे यह भी नहीं पता की मैंने उसकी ताबड़ तोड़ चुदाई की थी।

मैं ज़ियादातर ऐसे ही चुदाई करता हूँ मैं चोद भी जाता हूँ और पता भी नहीं लगने देता कि कौन चुदाई कर गया।ऎसी ही एक और कहानी आप लोगो को सुनाने जा रहा हूँ जिसको सुनके आप लोगो को पता चलेगा की कभी कभी किसी चूत चुदाई भलाई का काम भी होता है।

दोस्तों यह बात आज से पांच साल पहले की है जब मैं एक कंपनी मैं सेल्स मैनेजर के तोर पर काम कर रहा था. वहां पर रिसेप्शन पर एक लड़की आशु जो की आँखों से अंधी थीi क्यों की रिसेप्शन पर सिर्फ कॉल्स अटेंड करनी होती थी और वह कंपनी के डायरेक्टर की भांजी भी थी उसे नौकरी पर रख लिया गया था।

वह चाहे आँखों से अंधी थी पर थी गजब की खूबसूरत, उसकी मस्त फिगर वाह, उसकी चूचियाँ छोटी पर कसी हुयी थी, रंग गोरा , गांड मस्त जब वह चलती थी तो लगता था सारी दुनिया उसी की मस्त गांड की ताल पर थिरकती है।मैं कभी कभी सोचता था कि कैसा लगे अगर यह नंगी हो कर चले।

कैसा हो अगर मैं उसकी मस्त चूचियों को चाट चाट कर लाल कर दूं और उसकी चूत मैं अपना लोहे जैसा लण्ड पेल कर उसकी चूत को निम्बू कि तरह निचोड़ दू।पर दोस्तों उसके इतना सेक्सी होने के बाद मुझे उस पर तरस आ जाता था और मैं अपने आप को उससे दूर ही रखता था.

क्यों कि एक ही कंपनी होने के कारन कोई न कोई काम पड़ता रहता थी तो, कुछ दिन बाद मेरी उससे दोस्ती हो गयी और हम अच्छे दोस्त बन गए। धीरे धीरे छह महीने बीत गए और हमारी दोस्ती और गहरी हो गयी. वह मुझसे दिल की हर बात कर लेती थी।

एक दिन बारिश होने की वजह से सारा स्टाफ लेट था पर मैं और आशु ऑफिस आ चुके थे. थोड़ी देर बाद डायरेक्टर का फ़ोन आया आज सारे स्टाफ को छुट्टी है क्यों की मौसम विभाग के अनुसार बारिश रात तक नहीं रुकेगी।

मैंने सोचा की ऑफिस तो आ ही गए है तो क्यों न ऑफिस बॉय से बोल कर चाय वगैहरा पि ली जाये मैंने आशु को बोल की तुम भी मेरे केबिन में आ जाओ क्यों की आज कोई काम भी नहीं है और छुट्टी भी हो गयी है।

आशु क्यों की मेरी अच्छी दोस्त थी वह मेरे केबिन में आकर बातें करने लगी, वह थोड़ी भीग चुकी थी और उसे ठण्ड भी लग रही थी वह सिकुड़ कर बैठ गयी और अपने हाथों को बगल मैं दबा लिया।

मैंने देखा की हाथों को बगलों में दबने से उसकी गोरी मस्त रसीली चूचियाँ उभर कर बाहर आ गयी और क्या मस्त लग रही थी दिल तो कर रहा थी की अभी इनको मसलकर लाल कर दूं और इतना चूसु की यह सारे कपडे उतार के मुझसे चूत चुदवाने के लिए मिन्नते करे, पर बात वही थी की अंधी होने के कारण मुझे उस पर तरस आ गया और अपने आप को रोकना पड़ा।

जब बातें चलने लगी तो मैंने आशु से पूछा की क्या तुम्हारा कोई बॉय फ्रेंड है?? वह बात करते करते चुप कर गयी। मैं डर गया की कहीं मेरी बात का बुरा न मान जाये।

पर थोड़ी देर चुप रहने के बाद बोली की नहीं है और इतना बोलते ही वह रोने लगी। मैंने उसे चुप करते हुए पूछा की तुम रोने क्यों लगी ??

वह बोली सर आज तक जब भी किसी ने मुझे देखा है तो बस तरस की नज़र से न की अपनी गर्लफ्रेंड की नज़र से। लोगो को शयद यह लगता है की मैं सिर्फ तरस खाने की चीज़ हूँ, प्यार करने की नहीं, उन्हें मैं सिर्फ और सिर्फ मजबूर लगती हूँ और कुछ लोग तो मुझसे बात करने से भी कतराते हैं की जैसे मैं एक भोझ बन जाऊंगी उनके लिए..

आप ही बताओ की कौन ऐसे लड़की को प्यार करेगा और शादी करेगा जो अंधी हो, आप बताओ की क्या आप करोगे बताइए, इस अंधी लड़की का भी दिल करता है वह सब करने का जो एक आम लड़की करती है मेरे अंदर भी आग लगती है सर, मेरा भी दिल करता है चुदा.. इतना कहते ही वह रुक गयी क्यों की वह इतनी इमोशनल हो चुकी थी की उसके मुंह से चुदाई जैसा शब्द निकलने जा रहा था।

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