Chudai Ki Pyaasi, Ek Andhi Ladki – Part 1

findfuckforget 2016-07-01 Comments

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कंपनी के एक अकाउंट अफसर कि शादी थी और उसने सभी को इनविटेशन दिया था। आशु को मैंने पहले ही कह दिया था कि वह ज़रूर आये हो सकता है उसे छेड़ने वाला उससे बात कर ही ले। पार्टी बहुत बड़े होटल में थी और मैंने पहले ही होटल मैनेजर से सेटिंग करके एक रूम अपने लिए बुक कर लिया था।

पार्टी का दिन आया और मैं तैयार हो कर पार्टी पर पंहुचा। मैंने देखा कि आशु तो मुझसे पहले पहुंची हुई है और माँ कसम वह तो गजब कि लग रही थी उसने लहंगा चोली पहन रखा था और कोई भी चुनरी नहीं ले राखी थी।

में तो उसकी मस्त जवानी देख कर मर जा रहा था और मेरा लण्ड उसकी उभरे हुए चूतड़ और दूध जैसी चूचियाँ देख कर फटने को था और यह सोच कर कि उसे आज सील बंद लोंडिया पेलने का मौका मिलेगा और झटके पर झटके मार रहा था।

मैंने उसे बुलाया नहीं क्यों कि मैं नहीं चाहता था कि बाद में वह मुझे मेरे लगाए हुए परफ्यूम से पहचान ले क्यों कि दोस्तों अंधे लोगो कि दूसरी इन्द्रियां बहुत तेज़ होती है, जैसे सूंघने और सुनने कि इंद्री. मैंने उसके पास से जाते जाते उसकी नरम रुई जैसी गांड को सहला दिया और वह समझ गयी कि ऑफिस में जी उसे छेड़ता है वह भी पार्टी में आ चूका है।

मुझे अब उससे बात करनी थी और मैंने अपनी आवाज बदलने का भी एक तरीका ढूढ़ लिया था। मैंने अपने जीभ के नीचे पान रख लिया और मुंह में कुछ रख कर बात करने से आप सभी जानते है कि आवाज़ बिलकुल बदल जाती है। पर मैं जियादा नहीं बोलना चाह रहा था।

तभी मैं आशु जो कि गेट के पास खड़ी किसी का इंतज़ार कर रही थी पास एक वेटर को भेजा उसने आशु को कहा की आपको किसी ने रिसेप्शन पर बुलाया है।

मैं वहां से अपने रूम में चला गया और आशु रिसेप्शन पर चली गयी। मैंने पहले ही रिसेप्शनिस्ट को बोल रखा था की अगर आशु नाम की कोई लड़की आये तो उसे किसी वेटर की साथ रूम नंबर 44 में भेज दे। मुझे पता था की होटल में पार्टी चल रही है तो किसी को शक भी नहीं होगा।

मैं रूम में बैठा था की तभी तकरीबन पंद्रह मिनट के बाद बेल बजी और में उठकर दरवाज़ा खोला, वेटर बेल बजाकर जा चुका था और आशु बिलकुल नयी नवेली दुल्हन की तरह लग रही थी वह डरी भी हुयी थी पर उसकी प्यासी चूत की आग आज उसको एक अजनबी के कमरे में ले आई थी और आज वह जम के चुदने वाली थी।

मैंने आशु को हाथ से पड़ा और उसके हाथ को चूमा, आशु को ज़ोर का झटका लगा और वह सर से पैर तक कांप गयी। उसने पूछा आप कौन है?? मैंने जवाब न देते हुए उसके गुलाबी सुर्ख होठो पर ऊँगली रख दी और उसे कमरे के अंदर खींच लिया. मैंने जैसे ही कुण्डी लगायी आशु डर गयी और बोली यह आप क्या कर रहे है।

मैं कुछ न बोला और मैंने सीधा जाकर उसको बाँहों में जकड लिया मैंने बिना कुछ बोले ही उसके रसीले होठों को चूमना शुरू कर दिया। यह आप क्या कर रहे है।

वह बोली पर उसके सवाल में भी नरमी थी, मैंने वक़्त न गवाते हुए उसके मुंह में अपनी जीभ डाल दी और अपनी जीभ में इधर उधर घूमने लगा, मेरा इतना करते ही उसकी बोलती बंद हो गयी और वह भी मेरी जीभ को चूसने लग गयी।

कहानी पढ़ने के बाद अपने विचार निचे कोममेंट सेक्शन में जरुर लिखे.. ताकि देसी कहानी पर कहानियों का ये दोर आपके लिए यूँ ही चलता रहे।

में समझ गया की आशु जो की एक हफ्ते पहले तक खुद को एक बेचारी समझ रही थी आज रंडी की तरह होटल में चुदने को बेकरार है।

उसको चूमते चूमते में उसके चेहरे की रंगत देख रहा था, उसका गोरा रंग अब गुलाबी हो चुका था, मैंने चूमने के इलवा कोई भी हरकत नहीं की क्यों की में चाहता थी की मैं आशु को इतनी गरम करू की वह खुद मेरे हाथ पकड़ कर वहां वहां ले कर जाए जहाँ जहाँ उसके आग लगी हुई है और उसने किया भी..

पढ़ते रहिये.. क्योकि ये कहानी अभी जारी रहेगी और मेरी मेल आई डी है “[email protected]”.

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