Padosan Bhabhi Ke Saath Pehli Baar

Deep punjabi 2016-10-06 Comments

पता नही भाभी को काम ही इतना चढ़ा था या जानबूझकर मुझे नज़रअंदाज़ कर रही थी। उसने अपना काम जारी रखा और मेरी कोई बात नही सुनी। उसने अपनी उठक बैठक की स्पीड भी बढा दी। मेरा लण्ड तो जैसे किसी ब्लेड से छिल गया था। उसने बडी जलन और दर्द हो रहा था। भाभी वजन में भी मुझसे ज्यादा थी और ताक़त में भी सो वो अपनी धून में मस्त रही और 10 मिनट की इस सील तोड़ लड़ाई में थक हारकर मेरे ऊपर ही ढेरी हो गयी।

मेने धकका देकर उनको अपने ऊपर से हटाया और उनके बेडरूम का दरवाजा खोलकर भागकर आँगन मर आया और अपना लण्ड उजाले में आकर देखा तो अपने लण्ड का हाल देखकर बहुत मन खराब हुआ।

मेरे लण्ड में सूजन और दर्द बहुत तेज़ी से हो रहा था। ऊपर से कोई कपड़ा भी छु जाये तो बहुत जलन होती थी। जब भाभी को होश आया उसने अपने पास मुझे न पाकर बाहर अपने कपड़े पहन कर और टीवी बन्द करके आँगन ने मेरे पास आ गयी और बोली,” यहां आकर क्या कर रहे हो ?

इधर मेरा दर्द से बुरा हाल हो रहा था। उसने मेरे लण्ड की तरफ देखा और बोली,” अच्छा तो इसकी वजह से परेशान हो ?

लाओ इसकी भी मुरम्मत कर देती हूँ।

पर एक शर्त है, रोज़ाना इसी टाइम पर आकर इसकी मालिश करवा लेना। इसपे मैं कुछ नही बोला।

भाभी अंदर गयी और एक दर्द की गोली और एक फर्स्ट एड का बक्सा ले आई। मुझे एक गोली खाने को दी और अपने हाथ से मेरे लण्ड पे आरामदायक लोशन लगाया।

जब भाभी की नज़र दीवार घड़ी पे पड़ी तो बोली,” अब जानू आप जाओ, तुम्हारे भाई के ब्रेकफास्ट का टाइम हो गया है। उसने हमे दोनो को इस हाल में देख लिया तो कोहराम मच जायेगा। शाम को एक बार फेर चेक करवाने आ जाना।

मुझे भाभी की बात ठीक लगी और मैं कपड़े पहन कर अपने मामा के घर चला गया और उस दिन स्कूल भी नही गया।

शाम को 5 बजे के करीब भाभी हमारे घर अपने बेटे को ढूंढने के बहाने आई और नानी माँ से बाते करने लगी। नानी ने बताया, पता नही क्यों सुबह से सुस्त सा है। बस सोया हुआ है।

मैं कम्बल के अंदर से उन दोनों की बाते सुन रहा था। थोड़ी देर बाद भाभी अपने घर चली गयी।

मैं भी उनके जाने के 20 मिनट बाद उठकर बाथरूम गया। वहां जाकर लण्ड का जायजा लिया और सूजन तो सुबह जितनी ही थी पर दर्द काफी हद तक रुक सा था। मैं चाय पीकर बाहर खेलने का बहाना बनाकर भाभी के घर की तरफ आ गया। भाभी ने दरवाजा खोला और मुझे अंदर करके दुबारा अंदर से लॉक कर दिया। मेने पूछा भाभी आपका बेटा राकेश नही दिख रहा।

वो बोली,” वो अभी तक सो रहा है। स्कूल से घर तक गर्मी की वजह से इसका बुरा हाल हो जाता है। सो इसे एक घण्टा पहले ही नहलाकर सुलाया है। उसको छोडो अपना बताओ केसी हालत है मेरे प्सन्दीदा खिलोने की?

मेने निकर निचे करके उनको अपना लण्ड दिखाया। उसने मुझे 4-5 गोलिया दी और बोला सोते वक्त खा लेना। नींद अच्छी आएगी। जब आप बिलकुल ठीक हो जाओगे आगे का काम तब करेंगे।

मेने ठीक है कहा और अपने घर आ गया।

लगातार दवाई खाने और मालिश करने से लण्ड की हालत में सुधार आता गया और 7-8 दिनो में ही खुद को पहले जैसा महसूस करने लगा।

कहानी पढ़ने के बाद अपने विचार निचे कोममेंट सेक्शन में जरुर लिखे.. ताकि देसी कहानी पर कहानियों का ये दोर आपके लिए यूँ ही चलता रहे।

उसके बाद तो रोज़ाना संध्या भाभी के घर में जाकर उनकी रसोई, बाथरूम, बेडरूम, सीढ़ीया, सोफे और ऐसी कोई जगह नही छोड़ी जहां उनको चोदा न हो। हमारा ये सेक्स प्रोग्राम एक साल ही चल सका। उसके बाद मेरे पैरंट्स ने यही पंजाब में अपने घर पढने का निर्देश दे दिया। अब जब भी अपने नौनिहाल जाता हूँ, संध्या भाभी के घर जाकर उनको मिलकर चोदकर जरूर आता हूँ।

सो मित्रो ये थी एक लम्बी मेरे पहले सेक्स अनुभव की कहानी। आपको केसी लगी ईमेल करके बताना.. मेरी मेल आई डी है “[email protected]

आज के लिए इतना ही, फेर किसी दिन फुर्सत मिली तो आपकी सेवा में न्या अनुभव लेकर जरूर हाज़िर होऊँगा। तब तक के लिए अपने दीप पंजाबी को दो इजाजत

गुड़ बॉय, नमस्कार, छबा खैर।

नोट ;-  ईमेल में सिर्फ कहानी से सम्बंधित बातचीत ही की जाये। धन्यवाद!!

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