Majburi Me Chud Gayi Sunita Bhabhi
Desi Sex Story
हेल्लो दोस्तों आपका अपना दीप पंजाबी काफी समय बाद एक बार फिर अपनी नई कहानी लेकर आपकी सेवा में हाज़िर है। जो के एक पड़ोस की भाभी और मेरे बीच हुए सेक्स के बारे में है।
सो ज्यादा बोर न करता हुआ सीधा कहानी पे आते है।
ये करीब पिछले 6-7 साल की बात होगी। जब मैं पढ़ाई कर रहा था। तो मेरे घर के बिलकुल सामने एक भाभी रहती है। उसका नाम सुनीता है, उसकी उम्र 25 वर्ष, रंग गोरा, गठीला बदन, पंजाबी सूट में तो कयामत लगती थी। वैसे तो वो दो बच्चों की माँ थी पर देखने में लगती नही थी । उसका पति प्रेमपाल एक देहाती मज़दूर था। हमारी उनके परिवार से तो ज्यादा जान पहचान नही थी पर भाभी कभी कबार पड़ोसी होने के नाते बात कर लिया करती थी।
मुझे मेरे दोस्तो से पता चला के उस भाभी का किसी अजनबी व्यक्ति से कोई चक्र है। इधर मेरा भी उस भाभी को देखकर मन बैचैन हो जाता था। हर पल यही स्कीम बनाता रहता के किस बहाने से उसे चोदू। कहते है न भगवान के घर देर है, पर अंधेर नही। सो वैसा ही एक दम मेरे साथ हुआ। एक दिन भाभी हमारे घर आई और बोली,” दीप तुम्हारा फोन देना, तुम्हारे भाई (प्रेमपाल) को काल करनी है। वो सुबह से कही गए हुए है अब तक वापिस नही लौटे है। फोन लगाकर पता करना है कब तक वापिस आएंगे?
मैंने उन्हें अपना मोबाइल दे दिया और वो मेरा मोबाइल लेकर अपने घर चली गई। करीब 10 मिनट बाद अपने 5 साल के बेटे के हाथ मेरा मोबाइल मेरे घर भेज दिया। यह कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे है..
एक दिन फेर भाभी मेरा मोबाईल मांगने आई। उसी वक़्त दोस्तों की बताई बात याद आ गयी के इसका हमारे ही गांव के एक लड़के से चक्र चल रहा है। सो मेरे दिमाग में एक शैतानी स्कीम ने जन्म लिया। मेने अपना मोबाईल ऑटो रिकॉडिंग पे लगा दिया। मतलब जैसे ही कोई कॉल आएगी या की जायेगी इसमें सारी बात रिकार्ड हो जायेगी।
इस बार जब भाभी मोबाईल वापिस देकर गयी तो मेने अपने कमरे में जाकर कानो में हैडफ़ोन लगाकर की हुई काल की रिकॉर्डिंग निकाली और उसे प्ले करके सुनने लगा।
जो के कुछ इस प्रकार थी
सुनीता – हेलो रमेश, मैं सुनीता बोल रही हूँ।
रमेश – हाँ बोलो जान क्या हुक्म है ??
सुनीता – सुनो, आज प्रेम किसी काम के सिलसिले में दूर की रिश्तेेदारी में जा रहा है। जो के एक हफ्ते तक वापिस नही आएगा। सो तुम आज रात को 10 बजे उसी जगह आ जाना जहां पहले मिलते है।
रमेश – ठीक है जान, गुलाम ठीक समय पे पहुच जायेगा।
इतना बोलकर फोन कट जाता है।
सारी बातचीत सुनकर मुझे सबूत तो मिल गया था के लोग सही बोलते थे इसके बारे में ।
मेने भी कमर कस ली एक बार तो भाभी की जवानी का रस चख कर रहूँगा। इसके लिए चाहे उसको ब्लैक मेल क्यों न करना पडे।
भाभी जब भी मोबाईल मांगती उसकी उसी वक़्त बाते रिकोर्ड हो जाती और उनके प्लान का मुझे पता चल जाता।
एक दिन भाभी ने अपने बेटे को हमारे घर भेजा और बोला के दीप को बुलाकर ला, डिश कम नही कर रहा। मैं उसी वक़्त उनके घर आ गया और डिश को ठीक करके जब वापिस आने लग तो भाभी बोली बैठो चाय बन रही है, पीकर जाना।
मै बैठ गया और बाते करने लगे। मैंने ऐसे ही बोल दिया के भाभी ये रमेश कौन है ?
मेरा ये सवाल सुनकर भाभी का रंग उड़ गया और लडखडाती ज़ुबान से बोली,” क क कौन रमेश ?
कोई भी तो नही है।
तुम ऐसा क्यों पूछ रहे हो ?
मैं – ज्यादा बनो मत भाभी, सच सच बोलो।
आगे से अकड़ते हुए – कौन रमेश क्या बकवास कर रहे हो ?
मैं किसी रमेश को जानती नही हूँ ।
अरे ! इस नाम का लड़का हमारी पूरी रिश्तेदारी में नही है।
मैं – अच्छा तो आप ऐसे नही मानोगे।
मैंने अपना मोबाईल निकाला और उनकी बात वाली रिकॉर्डिंग निकाल कर प्ले करदी।
जिसे सुनते ही भाभी के तो तोते उड़ गए।
वो पहले जितना अकड़कर बात कर रही थी। अब उतना ही हाथ जोड़कर निवेदन भाव से मेरी मिन्ते कर रही थी के इस रिकर्डिंग को अभी डिलीट करदो। आपके आगे हाथ जोड़ती हूँ। अगर किसी को भी इसकी भनक लग गयी। मेरी शादीशुदा ज़िन्दगी बर्बाद हो जायेगी। आप जो चाहोगे करने के लिए तैयार हूँ। बस इसे डिलीट करदो।
मैं – लेकिन मुझे क्या फायदा होगा इसमें ।
वो – तुम चाह ते क्या हो बोलो??
मैं – आप भी जानते हो !
चाहे वो मेरा इशारा समझ गयी थी। परन्तु फेर भी मेरे मुह से सुनना चाहती थी।
वो – बोलो भी, इसके बदले मैं सब कुछ करने को तैयार हूँ।
मैं – मुझे आपके साथ एक रात गुज़ारनी है। मंजूर है तो बोलो।
वो – नही ये नही हो सकता । मैंने प्रेम जी के बगैर किसी को खुद को छूने नही दिया और तुम सीधा चोदना चाहते हो। कोई और मांग, मांग लो।
मैं – नही और कुछ नही। फ़िलहाल जा रहा हूँ। जब दिल करे बता देना। मुझे कोई जल्दबाज़ी नही हैं।
मैं इतना बोलकर अपने घर आ गया।
जब भी भाभी का सामना मेरे से होता, वो हमेशा मुझे इग्नोर करने की कोशिश करती।
Comments