Ek Reader Bhabhi Ki Chut Chudai
हेलो दोस्तों… मैं एक बार फिर आपके लिए एक नयी सच्ची घटना लेकर आया हूँ ..मेरा नाम लकी है दिल्ली का रहने वाला हु … अब इसे किस्मत कह लीजिये या इत्तेफ़ाक़ पर मेरी पिछली कहानी से दो चार इमेल्स आये थे.. जिसमे से एक लखनऊ से एक भाभी का था.. उन्होंने मुझे मेरी पिछली कहानी के लिए काफी तारीफ लिखी थी.
मैंने भी उसे धन्यवाद कहा और इसी तरह हमारी बाते शुरूं हो गयी. उनक नाम शाक्षी था . मैंने उनसे उनके बारे में पुछा उन्होंने बताया की उनके पति की हार्डवेयर की शॉप थी.. और उनका लिंग छोटा होने की वजह से वो तड़पती रहती है.. मैं समझा गया की उन्हें एक जवान लंड की तलाश है..
पहल हमारी सिर्फ मेल पर ही बाते होने लगी क्यूंकि महिलाओ को जल्दी किसी पर विश्वास नहीं होता तो स्वभाव की वजह से उन्होंने ने मुझे अपना नंबर नहीं दिया. इसलिए हम मेल पर ही बात करने लगे. धीरे धीरे हम सेक्स चैट भी करने लगे.
वो मुझसे रोज़ पूछती की मेरे मिलने पर तुम मुझे कैसे चोदोगे और मैं उनकी चूत गीली कर देता हमे इस तरह बात करते खरीद महीना हो गया था और अब मैं इस तरह बात करके थक चूका था तो मैंने भाभी से कह दिया या तो मुझे अपना फ़ोन नंबर दो और सच में चोदने का एक मौका दो.
हमारे दो दिन फिर बात नहीं हुई पर उन्हें मेरी आदत सी लग चुकी थी इसलिए उन्होंने मुझे अपना नंबर दे दिया और कहा की जब मैं कॉल करू तभी कॉल करना.. फिर दोपहर में मुझे एक लेडी का कॉल आया. उनकी आवाज़ बहुत प्यारी थी.
मैं समझ गया की वो साक्षी भाभी का ही फ़ोन था.. और फिर मुझे वो फ़ोन पर चुदाई की बाते करने लगी. फ़ोन पर मेरी आवाज़ और चुदाई की कहानी सुनकर उनकी प्यास और बढ़ गयी. और अब उनसे रहा नहीं जा रहा था तो उन्होंने मुझे खुद ही बोल दिया की तुम मेरे पास एक दिन के लिए आ जाओ.. मैंने कहा की जब आप कहो तब आ जाऊंगा.
उन्होंने मुझे एक हफ्ते बाद आने को कहा. मैं बस उस दिन का इंतज़ार करने लगा और वो दिन भी जल्दी ही आ गया. मैंने जल्दी से पैकिंग की और निकल गया मैं शाम को सात बजे लखनऊ पंहुचा और वहां से हज़रात गंज पहुंच कर भाभी को कॉल किया.
करीब आधे घंटे बाद मेरे सामने एक कार आ रुकी और उसमे से एक लेडी बहार निकली.. पटियाला सूट में मैंने उस भाभी को देखा.. देख कर ही प्यार हो गया यारो…
उन्होंने मुझे बैठने के लिए इशारा किया और मैं उनके बगल वाली सीट पर बैठ गया. और उन्होंने गाडी आगे बढ़ा दी. थोड़ी दूर जाकर पहले उन्होंने गाडी में ही अपने होठ मेरे होठो पर रख दिए …उनकी लिपस्टिक की वजह से मेरे होठ भी लाल हो गए ..और मैंने उनके एक बूब्स को दबा दिया..
उन्होंने मुझसे कहा की ” थोड़ा सब्र करो देवर जी”. मैंने उनसे पुछा की हम कहाँ जा रहे तो उन्होंने कहा की मेरे घर.. तो मैंने पुछा की आपके पति कहाँ है? तो उन्होंने कहा की वो दो दिन के लिए एक शादी में गए है. और आज पूरी रात हमारी है..
थोड़ी देर में हम उनके घर पहुंच गए. और उन्होंने मुझे पीने को पानी दिया. और खुद वाशरूम में कपडे बदलने चली गयी.. थोड़ी देर में जब वो आयी तो मैंने उन्हें देखता ही रह गया. वो एक लाल रंग की निघ्त्य में आयी थी जिसमे उनके अंदर की ब्रा पैंटी साफ़ दिख रही थी..
मैं बस उन्हें देख ही रहा था की वो अपनी फ्रिज की तरफ बढ़ी और एक बियर की बोतल निकल कर लायी. और दो गिलास में लेकर एक गलास ले कर मेरी गोद में बैठकर मेरे मुँह में लगा दिआ ..मैंने एक घूँट भरा और ऊके बाद अपने होठो में बियर का घूँट लेकर भाभी के होठो में अपने होठ लगा दिए ..इस तरह हमने बियर का ग्लास ख़त्म कर दिया..
और बियर का सुरुर, भाभी के होठो की वजह से और भी नशीला हो गया. फिर मैंने धीरे से उनके होठो पर फिर से अपने होठ रख दिए और करीब दस मिनट तक लंबा किश किया. यह कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे है!
फिर मैंने उनके गर्दन के नीचे हलके से कटा और उनके गले पर बहुत सारी किस की और धीरे धीरे कंधे पर हलके हलके चूमने लगा. वो मदहोश होने लगी. और धीरे धीरे मैंने उनकी नाइटी निकाल दी. और अपने दांतो से ब्रा की स्ट्रिप निकल दी और उनका निप्पल अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगा और दूसरे हाथ से उनके बूब्स दबाने लगा.
मेने धीरे से उनकी पैंटी निकल दी और उन्हें गोद में उठा कर उनके बैडरूम की तरफ जाने लगा .. और उन्हें बेड पर ले जाकर पटक दिया ..और बूब्स को और दबा कर चूसने लगा ..और धीरे से उनके नाभि पर आकर मैंने उनकी नैवेल में जीभ घुसा दी.
और कमर पर जीभ से चाटने लगा और धीरे धीरे से मैंने उनकी पूरी बॉडी पर मैंने लव बाईट देने लगा और उन्हें गोद में उठा कर उनके बैडरूम की तरफ जाने लगा .. और उन्हें बेड पर ले जाकर पटक दिया ..और बूब्स को और दबा कर चूसने लगा ..और धीरे से उनके नाभि पर आकर मैंने उनकी नैवेल में जीभ घुसा दी.
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