Sonia, Meri Sexy Saali Sahiba – Part 2

Deep punjabi 2016-08-18 Comments

Hindi Sex Stories

अब आगे की कहानी – अब हम दोनों जीजू साली अस्पताल में राज की माँ की देखभाल के लिए रुक गए। माजी और सोनिया को खाना खिलाया । इतने में रात हो गयी। हम दोनों हाल में ही एक बेंच पर बैठे थे। करीब 12 बजे तक हम दोनो बाते करते रहे।
सोनिया — जीजू तो क्या सोचा आपने ?

मैं — किस बात के लिए रानी ?

रानी — (इशारे से) वो परसों वाली बात का।

मैं— सोचना क्या है बोलो ?

सोनिया — पर आपने तो वादा भी किया था मेरी मदद करने का।

मैं — हाँ किया था, मैं कौनसा भाग रहा हूँ अपनी बात से, पर पता भी चले किस तरह की मदद चाहते हो मुझसे। (चाहे मैं सारी बात समझ चूका था, पर उसके मुंह से सुनना चाहता था)

सोनिया — आप सब कुछ जानकर भी अनजान बन रहे ओ जीजू,

मैं — नही तो, बोलो भी क्या मदद करू आपकी?

पैसे चाहिए बोलो कितने दू, एक लाख, पांच लाख बोलो कितने का चेक भरू।

सोनिया — नही मुझे ऐसी कोई मदद नही चाहिए जो पास होकर भी माँगनी पड़े।

मैं — तो फेर साफ साफ बोलो न सोनिया।

सोनिया  — (मुंह दूसरी तरफ फेर कर)– जीजू मुझे आपसे बच्चा चाहिए और मुझे आस है के आप मुझे निराश नही करोगे।

इतना बोलकर 2-3 मिनट के लिए हाल में सनाटा छा गया।

मैं — सोनिया मैं तुम्हारी मजबूरी समझ सकता हूँ, पर मैं किरण से बहुत प्यार करता हूँ, उससे बेवफाई भी नही कर सकता।

मेरा इंकार सुनकर वो अपना मुंह हाथो में लेकर ज़ोर ज़ोर से रोने लगी।

मैंने उसके कंधे पे हाथ रखकर उसे चुप करवाना चाहा, पर उसने रोते हुए ही अपना कन्धा मेरे हाथ से छुड़वा लिया और बोली,” जीजू प्लीज़ डोंट टच मी, गिव मी अलोन प्लीज़ ऐट टाइम।

मैं — सोनिया प्लीज़ समझने की कोशिश करो यार, अगर आपकी जगह किरण होती तो क्या राज़ उनकी बात मान जाता ?

सोनिया आँखे पोंछकर बोली,” आप बोल लिए अब मेरी सुनो।

आप क्या चाहते हो आपकी साली साहिबा को लोग बाँझ बोलें ? या आप क्या चाहते हो आपकी साली किसी ऐरे गेरे के निचे सोये? या आप क्या चाहते हो आपकी साली किसी ऐरे गेरे के बच्चे को जन्म दे ?

देखो जीजू, आप घर के आदमी हो, इस लिए आपसे बात कर ली मैंने वरना यह काम मैं गली के किसी भी लड़के को थोड़ा सा लालच देकर करवा सकती हूँ पर नही करुँगी क्योंके मुझे अपनी और अपने परिवार की इज़्ज़त की बहुत परवाह है। मैं नही चाहती लोग मेरे पति को ताने सुनाये, मैं नही चाहती मेरे माँ बहन को लोग गालिया दे।

वो गुस्से में एक ज़ख़्मी नागिन की तरह फुंकारे मार रही थी।

मैं — नही सोनिया, मैं ऐसा बिलकुल भी नही चाहता, बस अपनी मज़बूरी बताई थी।

सोनीया — यदि आपकी वजह से किसी माँ को बच्चा, दादी को पोता, नानी को नाती मिल जाता है तो इसमें आपको क्या दिक्कत है?

उसकी आपसे तो दो रिश्तेदारियां बन जायेगी। एक तरफ पापा और दूसरी तरफ मौसा जी।

हाँ इतना आपसे मेरा वादा है के यह बात हम दोनों में ही रहेगी।

वो रोते हुए हाथ जोड़कर बोली,” मान जाओ न जीजू प्लीज़ आपकी साली आपकी मिन्नते कर रही है। एक बच्चे की भीख मेरी झोली में डाल दो न।

उसके करुणामयी विर्लाप से मेरा दिल पसीज गया और मेने उसे गले लगाकर कहा,” ठीक है सोनीया चुप जाओ पहले । थोडा सोचने का टाइम दो मुझे। कल सुबह कोई ठोस फैसला लेंगे। अभी रात बहुत हो गयी सो जाओ थोड़ा। फेर सुबह घर चलेन्गे। मेरी बात मानकर वो उसी लम्बे बेंच पे लेट गयी और मैं दूसरे बेंच पे लेट गया।

गहरी नींद की वजह से पता नही चला कब सवेर हो गयी। करीब 5 बजे मुझे जाग आई। मैने उठकर देखा सोनिया अभी भी सोई हुई थी। मेने पास जाकर उसे उठाया और दोनों अस्पताल के बाहर चाय पीने एक ढाबे पे आ गए। दोनों ने चाय पी और बैठकर बाते करने लगे। इतने में राज का फोन आ गया के वो और किरण अस्पताल उनके लिए चाय और नाश्ता लेकर पहुंच गए है।

हम दोनों उठकर अस्पताल वापिस चले गए और हमने ब्रेड के साथ चाय पी। इतने में राज बोला,” शिवम् भाई आप और सोनिया दोनों घर जाकर नहा धो लो, कल से यहाँ रुके हुए हो। अब हम दोनों यहाँ है माजी की देखभाल के लिए।

हमे उसकी बात ठीक लगी और हम दोनों बाइक लेकर घर आ गए। घर आकर हम नहाये खाना खाया और अपने अपने कमरे में सोने चले गए। सासु माँ और बाबू जी भी अपने कमरे में सोने चले गए। करीब 2 बजे सोनिया मेरे लिये चाय लेकर आई। उस वक्त मैं बनियान और निकर में ही सोया हुआ था। उसने हाथ से झंझोड़ते हुये मुझे चिढ़ाते हुए आवाज़ लगाई।

उठ जाओ मेरे मुन्ने के पापा दोपहर हो गयी है चाय पी लो, और हंस कर गाल पे चिकोटी काट ली।

अब मैं कहाँ से रुकने वाला था। उठते ही सोनिया को दबोच लिया और उसकी गालो पे 3-4 पप्पियाँ ले ली।

जिस से हम दोनों हंस हंस के उस पल का मज़ा लेने लगे।

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