Chudai Ki Pyaasi, Ek Andhi Ladki – Part 2
मैंने मन में सोचा “माँ की लोड़ी पहले लण्ड लेने के लिए यहाँ वहां मन्नते मांगती है और अब लण्ड लेते वक़्त चीख रही है”।
मैंने करीब दस मिनट उसकी गांड को ज़ालिमो की तरह मसलने के बाद अपना लण्ड निकाल लिया, उसकी गांड भी छील चुकी थी और और उसकी गांड का छेद बंद होने का नाम नहीं ले रहा था, वह इतना सूज चूका था की मुझे लगा की यह तो कई दिन तक बैठ नहीं पाएगी।
में उसे सीधी होने को कहा और मैंने अपने लण्ड उसकी चूचियों में फसा दिया और में उसकी चूचियों को चोदने लगा, वह भी मेरे लण्ड को चाटने लगी और कुछ देर के बाद मैंने अपना माल उसकी चूचियों पर छोड़ दिया।
उसकी चूचियों पर गरम गरम माल गिरते ही वह कांप गयी उसको नहीं पता था की माल इतना गरम होता है, मेरा माल छूटते ही वह निढाल हो कर लेट गयी।
और कुछ देर के बाद वह अपनी चूत चुदाई की ख़ुशी के मारे रोने लग गयी और मेरे पैरो में गिर गयी और कहने लगी की में नहीं जानती की तुम कोन हो पर तुमने आज मेरे औरत होने का जो एहसास दिलाया है वह में उम्र भर नहीं भूलुगी में नहीं जानना चाहती की तुम कौन हो पर जब भी तुम मेरी चूत मरना चाहो में हाज़िर हो जाउंगी.. प्लीज तुम कभी भी मुझे भूलना नहीं।
मैंने उसको खड़ी करके चूमा और और बिना कुछ बोले मैंने अपने कपडे पहनने शुरू करदिए वह फिर बेड पर लेट गयी और मैं उसे वही पर छोड़ कर वापिस पार्टी मैं जाने की बजाये घर चला गया और जाते जाते रिसेप्शन पर बोल कर आया की कोई भी रूम 44 में मैडम को डिस्टर्ब मत करे।
उस पार्टी वाली रात के बाद वह तीन दिन ऑफिस नहीं आई और चौथे दिन आई तो सीधे मेरे केबिन में आ कर बोली सर आपकी बात सच निकली मेरी मन्नत पूरी हो गयी, मैंने भी औरत होने का वह एहसास कैसा होता है यह जाना। मैंने पुछा की कौन है वहतोह वो बोलो की पता नहीं पर वह मुझे फिर मिलेगा।
कहानी पढ़ने के बाद अपने विचार निचे कोममेंट सेक्शन में जरुर लिखे.. ताकि देसी कहानी पर कहानियों का ये दोर आपके लिए यूँ ही चलता रहे।
मैंने आशु को बैठने को कहा तो वह बोली नहीं में बैठ नहीं सकती क्यों की डॉक्टर ने मुझे पीछे इंजेक्शन लगाया है मैं बीमार थी न और मुझे लगता है की में कुछ दिन और भी नहीं बैठ पाऊंगी।
मैंने मन ही मन में सोचा की तुझे डॉक्टर ने नहीं मैंने लण्ड का इंजेक्शन लगाया है वह भी गांड और चूत के छेद में हा हा हा…
इस बात को पांच साल हो गए और मैं आज भी उसे कभी कभी चोद लेता हूँ। वह आज तक नहीं जान पाई कि मैं कौन हूँ और वह आज जब भी मुझसे चुदने के बाद मुझी को अपनी चुदाई कि कहानी सुनती है तोह मैं मन ही मन मन हसता हूँ और सोचता हूँ कि मैंने कितना अच्छा काम किया उसकी चूत मार के।
समाप्त..!
कैसी लगी आपको यह कहानी. और बताईये कि मैंने पुण्य किया न उस अंधी लड़की की चूत मारके अपने विचार मुझसे शेयर करे और मेरी मेल आई डी है “[email protected]” मैं फिर नयी कहानी ले कर हाज़िर होऊंगा, धन्यवाद्..
Hindi Sex Story
What did you think of this story??
Comments