Maa Aur Behan Ka Chudakkad Roop

AlexPrince 2017-06-10 Comments

जब हम सोफे पर बैठकर टेलीविजन पर कारटून देखते तब पापा मम्मी को सोफे के पीछे चोदते थे. हम तीनो भाई बहन खाना खाने टेबल के ऊपर बैठते थे तब मम्मी पापा के गोद मैं बेठकर हमें खाना खिलाती थी. पापा ने मम्मी को चोदने के चकर मैं घरकी एक भी जगा नहीं छोड़ी थी. वो मम्मी को रसोई मैं. बाथरूम मैं. कभी कभी जब हम घरमे खेलते तो हमारे सामने. हमारे कमरेमें. हमारे बेड के उपर चोदते थे.

रविवार के दिन पापा को छुटी रहती थी और मेरी बहने सुबह से लेकर शाम तक मम्मी के दोस्त की यहाँ डांस क्लास के लिए जाती थी. जब मेरी बहने घरसे बाहर निकले तबसे वो वापस आने तक मम्मी पापा घरमे पुरे कपडे उतर कर नंगे घूमते. रविवार के दिन पापा मम्मी को तीन चार बार मेरे सामने ही चोदते थे. जब मैं उनसे पूछता था की वो क्या कर रहे हे तो मेरी मम्मी कहती के मेरे गुफा (चूत) मैं जंगली जानवर शोर कर रहे हे तो पापा उन्हें चुप करा रहे हे. जंगली जानवरो का नाम सुनके मैं चुप हो जाता और उनकी तरफ द्यान नहीं देता था.

सीता दीदी अब बड़ी हो रही थी. उसे मम्मी पापा क्या करते हे वो समजमें आने लगा था पर वो जानबुचकर ना समाज आने का नाटक करती थी. सीता दीदी और गीता दीदी हमेश स्लीवलेस फरोक और निक्कर पहनती थी. सीता दीदी के बूब्स अभी थोड़े बड रहे थे और उनकी चूत कभी कभी गिली हो जाती थी. जब मैं बहनों के साथ उनके कमरे मैं सोता तब सीता दीदी मुझे बिलगकर सोजाती.

मैं जब उनसे पूछता था तो वो कहती थी के तुम रात मैं डर जाते हो तो मम्मी ने कहा हे तुमसे बिलगकर सोनेको. वो मेरे पुरे नंगे बदन पर उनका हात फिराती थी. मेरे छाती पर. मेरे पीठ पर. तो कभी मेरे गांड पर और तो कभी कभी मेरे लंड पर भी वो उनका हात फिराती थी.

जब मैं उनसे पूछता तो वो कहती थी के मैं देख रहि हु के तुम्हारे स्किन पर कही रशेस और कही पर खुजली तो नहीं हो रही हे. तब मुझे लगता था के सीता दीदी मेरा कितना खयाल रखती हे. सीता दीदी मुझसे बहुत प्यार करती थी. वो मुझे चोकलेट. केक . आइस-क्रीम खाने के लिए लाती थी. तो मैं उनका बहुत आदर करता था. वो मेरे साथ जोभी करे मैं उनको ना नहीं बोलता था.

मैं अभी भी जब सोने से पहले सुसु नहीं करता हु तब मैं बिस्तर मैं सुसु कर देता हु. उस दिन मेने सोते समय सुसु नहीं किया था. तो मम्मी ने सीता दीदी से कहा की रवि ने सुसु नहीं किया हे. तो जब तुम सोने जावोगी तो उसे जगा देना और बथरूम लेजाकर सुसु करवा देना. ये कह कर मम्मी पापा के साथ सोने चलीगई. यह कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे है।

मैं और गीता दीदी सोगये थे और सीता दीदी आपना होम वर्क पूरा कर रही थी. सीता दीदी आपना होम वर्क पूरा कर के जब सोने जा रही थी तब उन्हें मम्मी की कही बात याद आगई. वो मेरे पास आई तब मैं चदर वोढ़कर सो रहा था. जेसे ही उन्होंने मेरी चदर हटाई उनका द्यान मेरे छोटे लंड पर गया. मेरा लंड अभी ठीक से खड़ा भी नहीं हो पाता था.

मेरा छोटा लंड देख उसे पापा के बड़े लंड की याद आई और उसके बारे मैं सोचते ही उनकी चूत गिली होगई. तो उन्होंने मनमे ठान लिया की जो पापा मम्मी के साथ करते हे वो सब कुछ वो मेरे साथ करेंगी. सीता दीदी को याद आया की पापा उनके हात से मम्मी के बूब्स दबाया करते हे. तो सीता दीदी ने मेरा हात उनके हात मैं लिया और उनके बूब्स के ऊपर रख दिया.

अब सीता दीदी मेरे हात से उनके बूब्स दबाने लगी. जेसे ही सीता दीदी ने आपने बूब्स दबाये उनकी चूत गिली होने लगी. उनकी चूत से पानी निकल रहा था उसे उनकी निक्कर गिली होने लगी थी. सीता दीदी को ये एहसास बहुत आछी लगने लगी तो वो और गरम होगई. फिर उन्हें याद आया की पापा उनके हात से मम्मी की चूत खुजाते थे.

तो सीता दीदी ने आपने एक हात से फ्रॉक उपर उठा लिया और आपनी निक्कर की तरफ देखा. उनकी निक्कर गिली हो चुकी थी. उन्होंने मेरा हात उठा कर उनके निक्कर पे रख दिया. तब तो वो और गरम होगई. बहुत दिनो के बाद किसी ने उनकी निक्कर को हात लगाया था.

सीता दीदी की चूत और भी गिली होगी और बूब्स और टाइट हो गये. सीता दीदी उनके एक हात से उनके बूब्स दबाने लगी और मेरा एक हात पकड़ कर उनके निक्कर पर फिरने लगी. उनकी निक्कर अब पूरी गिली हो चुकी थी और मेरा हात भी गिला हो चुका था. फिर वो और जोरसे मेरा हात उनकी निक्कर पर फिराने लगी और उनके बूब्स दबाने लगी इससे सीता दीदी को बहुत मजा आ रहा था.

तभी मम्मी पापा के कमरेमे से कुछ आवाजे आने लगी तो सीता दीदी डरगई और उन्होंने झटसे मेरा हात छोड़ दिया और पीछे हट गई. जब सीता दीदी ने वो आवाज गोर से सुनी तो वो आवाजे मम्मी की थी कुछ ह्म्म्मम्म अह्ह्ह्ह य्म्म्मम्म येःह्ह्ह्ह जेसी आ रही थी. तो सीता दीदी जानगई के मम्मी को पापा चोद रहे हे.

तो वो खुश होगई क्यूँ की अभ कुछ देर तक मम्मी पापा इस कमरे मैं नहीं आयेगे. तो सीता दीदी फिर से मेरा हात पकड़ के आपनी फ्रॉक ऊपर करके निक्कर पर फिरा रही थी. वो जानती थी मम्मी पापा थोड़ी देर तक इस कमरे मैं नहीं आयेगे तो उनकी हिमत बड चुकी थी. आब वो मेरा हात पकड़ कर उनके कमर के ऊपर फिरने लगी. उसके बाद उन्होंने मेरा हात पकड़ कर निक्कर के पिछे से डाल दिया.

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