Sage Bhai ko Porn Movie Dikha Kar Chudwaya
Indian Sex Story
हैलो दोस्तो, मेरा नाम अर्शदीप कौर है लेकिन सब मुझे प्यार से अर्श बुलाते हैं। मैं पंजाब के फिरोज़पुर जिले के एक गांव की रहने वाली हूं और एमकॉम पहले साल की छात्रा हूं। मेरी आयु 23 साल और रंग बहुत गोरा है। मेरा कद 5 फीट 7 इंच और फिगर 34डी-26-35 है।
मेरे बूब्ज़ और चूतड़ साईज़ में काफी बड़े-बड़े और शेप में गोल हैं। मेरी आंखों और बालों का रंग गहरा काला एंव होंठ पतले और गुलाबी हैं। मेरे बूब्ज़ और गांड बाहर को उभरे हुए हैं लेकिन पेट बिल्कुल समतल है। मेरा बदन भरा हुआ एंव टाईट है। मेरे बूब्ज़ के निप्पलों का रंग हल्का भूरा तथा नाभि गहरी है। मैं ज्यादातर टाईट जींस के साथ टाईट टॉप या बॉडी फिट शर्ट और ऊंची एडी़ के सैंडिल पहनती हूं।
ऐसी ड्रेस में मेरे बदन के उभार बहुत सेक्सी दिखते हैं और ऊंची एडी़ से मेरी मोटी गांड में और ज्यादा उभार आ जाता है। जब मैं चलती हूं तो मेरे बड़े-बड़े गोल बूब्ज़, लचीली पतली कमर, ऊपर-नीचे होती उभरी हुई मोटी गांड और भरा हुआ बदन देखकर लड़कों से लेकर बूढ़ों के लंड खड़े हो जाते हैं। वो सब मुझे चोदने के सपने देखते हैं।
कुल मिलाकर मैं बहुत ही सेक्सी, गर्म और मस्त लड़की हूं जिसे हर मर्द अपने बिस्तर की रानी बनाकर मेरे तीनों छेदों में लंड डालकर चोदना चाहेगा। मैं खुद भी बहुत चुद्दकड़ लड़की हूं और अब तक कई सारे लड़कों, शादीशुदा मर्दों और बूढ़ों से चूत और गांड चुदाई के मजे लूट चुकी हूं। यह कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे है..
मैं कोई कॉल गर्ल तो नहीं हूं लेकिन किसी कॉल गर्ल से ज्यादा लंड ले चुकी हूं। मुझ में और कॉल गर्ल में इतना अंतर ही है कि कॉल गर्ल पैसों केलिए चुदती है और मैं अपनी हवस को शांत करने केलिए चुदती हूं। मुझे मर्द की आयु से कुछ लेना-देना नहीं होता है बस उसका लंड मोटा, लंबा और दमदार होना चाहिए।
ये कहानी मेरे और मेरे छोटे सगे भाई के बीच हुए सेक्स की कहानी है। मेरे भाई का नाम कमलदीप है लेकिन हम सब उसको कमल बुलाते हैं और वो मुझे दीदी बुलाता है। उसकी आयु 20 साल और कद 6 फीट है। उसका रंग मेरी तरह ही गोरा है और जिस्म सुडौल है। वो हर रोज कसरत करता है और उसका एक एक अंग गठीला है। कमल दिखने में बहुत स्मार्ट और सेक्सी है।
ये बात करीब एक साल पहले की है। मैं उसको नहाते समय कई बार छिप कर देखा करती थी। उसका लंड बहुत मोटा और लंबा लंड देखकर चूत को सहलाती थी। मैं कमल का लंड अपने चूत और गांड में लेना चाहती थी लेकिन मौका नहीं मिल रहा था। एक दिन मुझे मौका मिल गया। मैंने उस मौके को ऐसे भुनाया कि कमल को अपनी चूत और गांड का दीवाना बनाकर पक्का बहनचोद बना लिया।
एक शनिवार शाम को मैं कॉलेज से घर आई। घर में अकेला कमल था। उसने बताया कि मम्मी-पापा मेरे नानाजी से मिलने गए हैं और कल शाम को आएंगे। मेरे दिल में लड्डू फूटने लगे कि आज मेरे पास कमल का लंड अपनी चूत और गांड में महसूस करने का मौका है। मैंने कमल से चुदाई का प्लान बना लिया। उस दिन मैंने सफेद जींस, लाल शर्ट और लाल ऊंची एडी़ के सैंडिल पहने हुए थे। नीचे से मैंने लाल रंग की ब्रा और पैंटी पहन रखी थी।
मैंने कंम्प्यूटर में एक पोर्न मूवी की सीडी चला कर बंद कर दिया। मुझे मालूम था कि कमल शाम को कंम्प्यूटर पर गेम खेलता था। मैंने सोने का नाटक किया और वो गेम खेलने रूम में चला गया। मैं चुपके से उसको खिड़की से देखने लगी। जब कंम्प्यूटर चला तो कमल पोर्न मूवी देखकर हैरान हो गया लेकिन धीरे-धीरे वो मस्त होकर मूवी देखने लगा। वो मूवी देखते-देखते गर्म हो गया और न्यूड होकर लंड हिलाने लगा। मैं चुपके से उसके पीछे आ गई।
कमल कुर्सी पर बैठा हुआ लंड हिला रहा था और मैंने पीछे से उसकी गर्दन को चूम लिया। मुझे देखकर वो एकदम से खड़ा होने लगा लेकिन मैंने उसके कंधों को दबाकर वहां बैठा दिया। उसने मेरी तरफ देखा और मैंने उसके होंठों को चूम लिया। उसे शर्म आ रही थी लेकिन मैं उसकी गोद मैं बैठ गई और उसके हाथ अपने बूब्ज़ पर रख दिए। मैं धीरे-धीरे अपनी गांड से उसके खड़े लंड को मसलने लगी। अब उसकी शर्म भी निकल चुकी थी और उसने मेरी शर्ट के बटन खोलकर ब्रा के ऊपर से मेरे बूब्ज़ दबाने चालू कर दिए।
मैंने अपने होंठों को कमल के होंठों से चिपका दिया और जोर जोर से होंठों का रसपान करने लगे। हम एक-दूसरे के मुंह में जीभ डालकर घुमाते और बीच बीच में एक-दूसरे के होंठों को दांतों से हल्का-फुल्का काट भी लेते। इसी चूमा चाटी के बीच कमल ने मेरी शर्ट और ब्रा निकाल दिए और उसके हाथ मेरे नंगे बूब्ज़ से खेलने लगे। उसने मुझे खड़ी करके मेरी जींस और पैंटी भी निकाल दी लेकिन सैंडिल नहीं उतारे।
हम एक-दूसरे के सामने बिल्कुल न्यूड खड़े थे। मैंने कमल को कस कर अपनी बांहों में भर लिया और उसके साथ चिपक गई। मेरे बूब्ज़ उसकी छाती में दब गए और उसका लंबा लंड मेरी चूत पर ठोकर मारने लगा। हम एक-दूसरे के कानों, कंधों, गालों और गर्दन को चूमने और काटने लगे और एक-दूसरे की पीठ सहलाने लगे।
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