Ek Ajnabi Hasina Se Mulakat Ho Gayi

Deep punjabi 2017-07-05 Comments

वो — क्या हुआ किसका फोन था ?

मैं — घर से था, पूछ रहे थे कब तक आओगे ?

वो — तो क्या कहा आपने ?

मैं — 12 बजे तक का कह दिया।

मेरी बात सुनकरर वो उदास हो गयी और उसकी आँखों में आसु आ गए।

मैं — क्या हुआ, रो क्यों रही हो ?

वो — एक रात में ही आपसे इतना गहरा रिश्ता जुड़ गया जो शयद मेरे पति से पिछले डेढ़ साल से भी नही जुड़ा। आपको अपने से दूर करने को दिल नही मान रहा। इस लिए मन भर आया और वो मेरे गले लगकर फक फक रोने लगी।

मैं — हट पगली, ऐसे ही मन हल्का कर रही है। ये समझ लो के हमारा साथ एक ही रात का लिखा था। यदि भगवान ने चाहता तो फेर कभी भी मिलेंगे।

उसने मेरी बात में हाँ मिलायी और उसके बार बार रोने की वजह से थोडा मेरा मन भी भर आया। मैने उसे अपना मोबाईल नम्बर ये कहके दे दिया के जब दिल करे मुझेे काल कर लेना। जिस से उसे थोडा इसको तसल्ली हो गयी के मैं दूर जाकर भी दूर नही हूँ।

उसने अपने मोबाईल से मेरा नम्बर डायल करके मुझे अपना नम्बर दे दिया। जो मैंने वहीँ सेव कर लिया

वो — जाते जाते एक बार मुझे बहुत सारा प्यार करलो। मेरा दिल आपके स्पर्श के लिए तड़प रहा है। मैेने उसे गोद में उठाकर उसे बैड पे लिटा दिया और एक एक करके उसके और अपने सारे कपड़ेे निकाल दिए। उसने मेरा लण्ड सहलाना शुरू किया और अपने होंठो के स्पर्श से सोये हुए लण्ड को जगाया और 5-7 मिनट चूस्ती रही।

जब मेरा लण्ड कडक हो गया तो उसने अपनी टाँगे उठाकर उसमे पेलने का इशारा किया। मैंने उसका इशारा पाकर अपनी कमान सम्भाल ली और अपनी कमर हिलाने लगा। इस बार हमने यादगार बनाने के लिए 10 मिनट वाला काम आधे पौने घण्टे तक किया। जब हमारा दोनों का रस्खलन हुआ तो इकठे ही नहाये। दिन के 10 बजे मैंने उसके साथ ढेर सारी सैलफिया ली और उससे विदा ली।

उसने आते वक्त मुझे 5 हज़ार रूपये भी दिए। जिसे मैंने ये कहकर वापिस कर दिए के मैंने दिल से आपकी ख़ुशी की खातिर आपके साथ सेक्स किया है, पैसो की खातिर नही।

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वो — मेरे लिए कल रात से पिघल रहे हो। इन पैसो से कुछ खा लेना। मेरे ना ना करने के बावजूद भी उसने 2000 रुपये मेरी जेब में डाल दिए और कहा यदि वापिस किये तो मैं आपसे कभी भी बात नही करूगी।

मैंने उसका दिल रखने के लिए वो पैसे रख लिए। वो अपनी गाड़ी से मुझे शहर से गांव जाने वाली बस में बिठाकर आई। बस में बिठाते वक्त भी गले लगकर खूब रोई और पहुंचकर फोन करने का कहा। इस तरह मैं उसे रोती बिलखती छोड़ अपने गांव वापिस चला आया। घर आकर मैंने इसे फोन पे अपने पहुँच जाने का सन्देस दिया।

अब कई बार उसका फोन आ जाता है।

सो ये थी मेरो अपनी इमोशनली और कामुक आप बीती। आपको कैसी लगी मुझे मेरे इस ईमेल पते “[email protected]” पे अपने कीमती विचार भेजने की कृपालता करनी। आगे आने वाले दिनों में फेर एक नई मेरी हिन्दी चुदाई कहानी के साथ हाज़िर होऊँगा। तब तक के लिए अपने दीप पंजाबी को जाने की इज़ाज़त दो। नमस्कार, रब राखा…

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