Mummy, Main Aur Nana Ji Ka Dost – Part 1

Arashdeep Kaur 2017-12-07 Comments

हैलो दोस्तो, मैं अर्शदीप कौर उर्फ चुद्दकड़ अर्श आपके सामने चुदाई की गर्मागर्म कहानी लेकर फिर से हाजिर हूं। कहानी शुरू करने से पहले सभी पाठकों के खड़े लंडों पर चुम्मा लेकर बहुत सारा सलाम और लंड के टोप्पे पर जीभ घुमाते हुए मुंह में लेकर चूसते हुए ढेर सारा प्यार।

आप ने मेरी कहानियों को जो प्यार दिया उसके लिए लॉड अपनी चूत एवं गांड में लेकर जोरदार झटकों से चुद कर गर्मागर्म वीर्य मुंह में लेकर बहुत शुक्रिया। ये कहानी मेरी मम्मी और मेरे नाना के घर के साथ घर में रहने वाले अंकल के बीच हुए सेक्स की कहानी है।

मेरी मम्मी का नाम संदीप है लेकिन सब उनको संनी बुलाते हैं। मम्मी की फिगर संनी लियोन से भी हॉट और सेक्सी है। मम्मी का रंग बहुत गोरा और कद 5 फीट 6 इंच है। मम्मी की आंखें एवं बाल गहरे काले और होंठ लाल और रसीले हैं।

मम्मी का बदन भरा हुआ और एकदम टाईट है। मम्मी की आयु 42 साल है लेकिन वो इतनी फिट है कि उनकी आयु 30-32 से ज्यादा नहीं लगती। मम्मी के बूब्ज़ और गांड बड़े-बड़े, गोल और टाईट हैं। मम्मी का बदन रेशम की तरह मुलायम है और फिगर का नाप 36डी-28-36 है।

मेरी मम्मी पेशे से टीचर है और दिखने में बातचीत करने में बहुत शरीफ लगती है लेकिन जो उनको अच्छी तरह जानते हैं उनको मालूम है कि मेरी मम्मी कितनी बड़ी चुद्दकड़ रंडी है। मम्मी के स्कूल को कोई मर्द टीचर ऐसा नहीं जिसने मम्मी को न चोदा हो उनके अलावा पापा के काफी दोस्त मम्मी की सहेलियों के पति तथा कई और मर्दों से भी मम्मी चुदवाती है।

मैं अपनी मम्मी के साथ बहुत खुली हुई हूं और बहुत बार एक रूम में मर्दों से चुदवाती हैं। जो मम्मी के मर्द दोस्त हैं उनसे मैं भी चुदवा लेती हूं और जो मेरे यार हैं उनसे मम्मी अपनी प्यास बुझा लेती है। बहुत बार हम दोनों मां-बेटी ग्रुप सेक्स में भी चुदवा चुकी हैं।

ये बात करीब दो साल पुरानी है। गर्मियों में जून की छुट्टियों में मैं और मम्मी नाना के घर गईं थीं। नाना जी और नानी जी गांव में अकेले रहते हैं तथा तीनों मामा अपने अपने परिवार के साथ अलग अलग शहरों में रहते हैं। नाना-नानी को अपने पुश्तैनी घर से बहुत लगाव है इसलिए वो वहीं रहते हैं। उनके साथ वाले घर में एक परिवार से उनके बहुत अच्छे संबंध हैं और काफी आना जाना है।

उनके परिवार में एक करीब 70 साल के अंकल, उनका बेटा, बहू और उनके दो बच्चे हैं। जब हम नाना के घर गए तो अगले दिन अंकल का बेटा बहू और बच्चे कहीं घूमने चले गए और हमें अंकल का ख्याल रखने को बोल गए जिसे मम्मी ने खुशी से स्वीकार कर लिया क्योंकि वो लोग नाना-नानी का बहुत ख्याल रखते थे।

नाना-नानी के कम सुनाई और दिखाई देता था रात में तो न के बराबर ही देख पाते थे। वही उनका ख्याल रखते थे तो मम्मी ने भी खुशी से हां बोल दिया और उनके आने तक पूरा ख्याल रखने को बोल दिया। वो लोग 20 दिन बाद आने को बोलकर गए क्योंकि उन्होंने कई रिश्तेदारों से मिलना था।

उस अंकल का नाम धर्मवीर था लेकिन सभी उनको धर्म अंकल बुलाते थे। अंकल का रंग साफ और कद करीब 5 फीट 8 इंच था। अंकल के बाल सफेद और आंखें काली थी। अंकल को नजर का चश्मा लगा हुआ था लेकिन जिस्म फिट था। अंकल कुर्ता पजामा पहनते थे और चेहरा क्लीन शेव था।

रात को मैंने और मम्मी ने खाना बनाया तथा दीवार के ऊपर से अंकल को खाना खाने केलिए आवाज दी। जब अंकल घर आए तो मुझे तभी पता चल गया कि बुढ्ढा एक नंबर का ठरकी है। वो मम्मी के बदन को बहुत कामुक नजरों से निहार रहा था।

हम सब ने खाना खाया और सो गए। अगले दिन सुबह ही वो आ गया और चाय नाश्ता किया। वो बार बार मम्मी के करीब करीब जा रहा था और मम्मी को निहार रहा था। वो दिन ऐसे ही चलता रहा हंसी मजाक चलता रहा लेकिन मेरी नजर अंकल पर ही थी वो मम्मी के बूब्ज़ और गांड को बहुत लालसा से देख रहा था। मैं समझ गई कि अंकल मम्मी के फदन पर फिदा हो गया है।

उसके अगले दिन मम्मी नहा धो कर तैयार हो गई। मम्मी ने गुलाबी रंग की साड़ी लगा ली जो काफी पतली थी। साड़ी के पल्लू से मम्मी का चिकना पेट दिखाई दे रहा था और ब्लाउज़ काफी टाईट एवं आगे-पीछे से खुले गले का था। ब्लाउज़ में मम्मी के बड़े-बड़े बूब्ज़ फंसे हुए थे।

आगे से मम्मी के बूब्ज़ की दरार और पीछे से चिकनी पीठ दिखाई दे रही थी। कुछ देर बाद अंकल भी आ गया और मम्मी की खूबसूरती निहारने लगा। मम्मी झुककर झाडू लगाने लगी और मम्मी के बूब्ज़ अंदर तक दिखाई दे रहे थे। मैंने अंकल की तरफ देखा वो सब कुछ भूल कर मम्मी के बूब्ज़ को देखकर अपने पजामे के ऊपर से अपना लंड सहला रहा था।

उस दिन अंकल कई बार बहाने से मम्मी के बदन को छू लेते थे। रात को जब हम सोने लगे तो मैंने मम्मी से कहा कि अंकल आप में कुछ ज्यादा ही दिलचस्पी ले रहे हैं। यह कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे है।

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