Najayaz Sambandh – Masti Ya Barbaadi
हर्षा भाभी: क्या करना है अब ? यही से संभल जाओ, समजे और मुड के चली तभी मुझमे कहा से इतनी हिम्मत आ गयी और बोल दिया करते है ना.
हर्षा भाभी: क्या ?? (और घुर के ) फिर से बोलो क्या बोला तुमने ?
मै: करते है ना ? किसीको पता नहीं चलेगा.
हर्षा भाभी : अच्छा ठीक है में अपने पति को फोन करती हु उस से परमिशन ले लो फिर ठीक है (पुरे गुस्से में)
हर्षा भाभी : फोन करके बुलाऊ ??
मुझे जैसे सांप सूंघ गया हो वैसे चुप रहा और वह चलती बानी.
तब फिर से में बोल पड़ा : बुलाओ.
हर्षा भाभी : क्या ?
मैं: हा , बुलाओ में पूछ लेता हु.
तब वह सांप सूंघ गया हो वैसे चुप हो गयी और में उसके नजदीक गया और बोला कम से कम एक किस दे दो और बात खत्म करते है, मेरी ख्वाइस पूरी हो जाये, और में फिर धीरे धीरे आगे बढ़ा और उसके होठ पे होठ रखे और स्मूथ और रसभरी किस करने लगा.
उसका कोई रिएक्सन न मिलते मैंने उसके कमर पे हाथ डाल दिया और दरवाजे को बंध कर किस करने लगा, लगभग 5 से 7 मिनिट तक उसके होठो को चुस्ता रहा फिर उसके ब्लाउज को खोलने लगा तब उसने कहा आज नहीं में दूध लेने जा रही थी और चुपके के से यहा आई हु फिर कभी.
यह उसका पहला कदम था बहक ने का क्युकी की मेरी निडरता और बोलने का तरीका उसे भा गया था.
फिर तो उसके पति के जाने के बाद रोज फोन पे बाते और गार्डन में वोक के बहाने मिलना, औए बालकनी से इशारे वगेरा पर वह बूढ़े दादाजी को कैसे भूल सकते है हम इशारे करते वह सब देखता रहता पर हमें कुछ फरक नहीं पड़ता, फिर मैंने उसके बेटे से दोस्ती बढाई उसे चोकलेट और उसके साथ गार्डन में खेलना, उसे घर पे कार्टून की और बच्चो की कहानिया की किताबे देने जाता और उसी बहाने हर्षा भाभी को किस वगेरा करता, में उसके बेटे अंश के लिए किताबे और खेलना कूदना सब करता इसी लिए उसकी सास को कुछ पता नहीं था वह भी घर पे ही होती,.
एक बार उसकी सास और उसका बेटा बाजार घुमने वगेरा गये थे तब उसने फोन किया की.
हर्षा भाभी : ससुमा और अंश बाहर गये है आ जाओ उसे तो आने में काफी टाइम लगेगा.
मै : ठीक है जान.
उसके बाद में उसके घर गया.
हर्षा भाभी : पहले में तुमारे लिए चाय बनाके लाती हु.
और वह किचन में गयी में उसके पीछे पीछे किचन में गया वह चाय बना रही थी मैंने उसे पीछे से पकड़ा और गर्दन को चूमने लगा उसने साड़ी पहनी थी और बेक लेस ब्लाउज में उसकी पीठ को चूमने लगा चाटने लगा.
वह सिस्कारिया भरने लगी दोनों के शरीर में से गर्मी फूटने लगी मैंने उसका ब्लाउज खोला और पीछे से उसके बूब्स दबाने लगा काफी मुलायम थे उसके बूब्स,.
फिर पूरी पीठ चाटने के बाद हर्षा भाभी को घुमाया और किचन के प्लेटफोर्म पे बिठाया और जोरो से डीप किस करने लगे हम, वह मेरे शर्ट के बटन खोल दिए और मेरी पीठ पे नाख़ून घुसाने लगी, मेरे बालो को नोच कर काफी वाइल्ड किस कर रही थी. यह कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे है।
फिर मे उसके बूब्स चूसने लगा और साड़ी उठा कर उसकी चूत चाटने लगा काफी नमकीन और पूरा रस छोड़ रही थी
हर्षा भाभी सिस्कारिया पे सिस्कारिया भर रही थी मेरे बालो में वह हाथ फेरती जा रही थी और मेरे सर को उसकी चूत की ओर दबा रही थी मेने शायद आधा कप जितना उसकी चूत का रस पिया
उसके बाद मैंने हर्षाभाभी को गोदी में उठा के उसके बेडरूम में ले गया और जाते जाते गैस बंद करके गये
(गैस का बटन हमेशा बंद करना न भूले – क्युकी थोड़ी तकेदारी से दुर्घटना से बचे और बचत भी होगी)
बेडरूम में जाके हर्षाभाभी को बेड पे पटका और में जोरो से किस करने लगा फिर उसने मुझे घुमाया और हर्षाभाभी मेरे ऊपर आ गयी फिर मेरी पेंट खोली मेरा फनफनाता लंड निकाला और चूसने लगी
मेरे से रहा न गया मेरे सारा माल छोड़ दिया फिर भी मेरा मन और लैंड रुकने का नाम नहीं ले रहा था
फिर उसने मुझे अपने ऊपर लेटाया और मेरा लैंड बड़ी अदा से पकड़ कर चूत पे रखा और इशारा किया
मेने धक्का देते हुए लैंड अन्दर डाला
हर्षाभाभी: हीईईईई ह्म्म्म
चूत गीली थी लैंड सरकते हुए अन्दर गया
हर्षाभाभी: आई लव यु … और चोदो में आज पूरी तुमारी बन जाना चाहती हु नील और चोदो आआआईईई हममम स्शह्ह्ह्ह
मै: में भी तुमे ऐसे ही चोदते रहना चाहता हु..
फिर वह मेरे ऊपर आ गयी और बड़े चाव से अपने कुल्ले हिलाने लगी में भी गांड पे चपाटे मार रहा था और होठो को चुसे जा रहा था
फिर उसने कुल्लो के उछालने की स्पीड बढ़ा दी और मेरे बालो को भीच ने लगी और जोरो से सिस्कारिया भरने लगी और मेरे ढेर हो गयी में भी अब होने वाला था में थोड़ी देर उसके कुल्ले पकड़ कर जोरो से धक्के देनें लगा फिर में भी ढेर हो गया काफी देर तक चुदाई चली ,थोड़ी देर हम ऐसे ही सोते रहे फिर उठे और कपडे पहने और में घर आ गया फिर जब भी मौका मिलता चुदाई होती कभी कभी वह अपनी सास से सहेली के घर जाने का बहाना बनाके मेरे रूम पर आती और अलग अलग जगह पे चुदाई होती
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