Paper Dene Aayi Saali, Choot De Gayi

Deep punjabi 2018-01-16 Comments

काजल — ठीक है, नही बोलूंगी।

जीजू — ऐसे करो जाकर पहले तुम कम से कम कपड़े पहन के आओ, मेरे कहने का मतलब बिल्कुल फिट शरीर से चिपके हुए हो।

काजल — लेकिन ऐसा क्यों? ऐसे भी समझ सकते हो न !

जीजू — समझा सकता हूँ लेकिन जब तक आपके शरीर पे अच्छी तरह टच नही होगा। तुम्हे समझ नही आएगा।

काजल — चलो ठीक है, अभी कपड़े निकालती हूँ अपने। हाँ लेकिन दीदी को न कहना वरना फेर से डाँट देगी।

जीजू — पागल समझा है मुझे, भला जान बुझ कर अपने पाँव पे कौन कुल्हाड़ी मारता है?

थोड़ी देर बाद काजल अकेली ब्रा और पेंटी में जीजू के पास आ गयी।

काजल — हाँ जीजू, अब ठीक है न

जीजू — हां ठीक है, अब ऐसे करो मेरे बिस्तर पे लेट जाओ। सिर से पाँव तक स्त्री शरीर प्रणाली को समझाउंगा।

काजल जीजू के बिस्तर पे लेट गयी और बोली, लो जीजू अब क्लास शुरू करो।

जीजू ने काजल के सर पे हाथ फेरते हुए अपना पाठ पढ़ाना शुरू किया।

सबसे पहले ये होते है बूब्स, इनका स्त्री जीवन में बहुत खास महत्व है। अब जैसे आपके छोटे छोटे से है और आपकी माँ और दीदी के बड़े बड़े, शादी के बाद जब बच्चा पैदा होता है। तो इनमें अपने बच्चे को पिलाने वाला दूध कुदरती तौर पे आ जाता है।

काजल — हाँ, ये तो थोडा थोडा पता था

जीजू — अब पेट पे महसूस करो बिल्कुल नाभि के निचे, निशानी के तौर पे देखना जैसे + का निशान होता है। ऐसी ही आकृति होती है। इसके निचे पेशाब का ब्लैडर, थोडा ऊपर गर्भाशय होता है। इसको भगवान ने एक नाड़ी, जो योनि से भी जुडी होती है, के साथ जोड़ा होता है।

जब लड़की का पति या ब्वायफ़्रेंड अपना पेनिस सेक्स के दौरान इसमें डालता है तो उसमे से निकलने वाला द्रव, लड़की के द्रव में मिलकर एक अंडा बनाते है। जिसमे बच्चा बनकर बाहर आने में 9 महीने का समय लगता है।

सवाल तो चाहे समझ में आ गया था लेकिन जीजू की छुअन से काजल के मन में बताई बाते घर कर गयी थी और काम का तूफान उमड़ चूका था। इधर दूसरी और अशोक जीजू एक हफ्ते से सेक्स के प्यासे थे। काजल के शरीर को सहलाते हुए उसके भी मन का शैतान जाग उठा था। कुल मिलाके कहे तो इन दोनों में कोई नही चाहता था के ये टॉपिक खत्म हो। शायद काम आवेश में काजल में ही अपनी पत्नि नेहा दिखाई दे रही थी। शायद न चाहते हुए भी वि उसकी और खींचा चला जा रहा था। पता ही नही लगा कब उसने अपने गर्म सूखे होंठ काजल के नरम होंठो पे रख दिऐ।

एक बार तो काजल, जीजू की इस हरकत से सकपका गई। लेकिन जीजू की तगड़ी ग्रिफत से चाहते हुए भी, छूट न पाई। शुरू शुरू में तो वो विरोध करती रही। जीजू…. दीदी जाग रही है, आ जायेगी…. लेकिन बाद में उसे भी सहलाने से मज़ा आने लगा और उसका विरोध भी कम हो गया, और वो भी जीजू को कम्पनी देने लगी।इस लड़ाई में पता ही नही चला कब वो एक दम नंगे हो गए। पता नही क्यों मैं ये फ़िल्म देखे ही जा रही थी। जबके मुझे इसपे सख्त एक्शन लेना चाहिए था।

शायद घर का माहौल बिगड़ने के डर से। चलो जो भी था अच्छा लग रहा था। काम आवेश में काजल की आँखे बन्द थी और उसके जीजू उसे चूम चाट रहे थे और एक हाथ से उसकी चूत को हल्का हल्का सहला रहे थे। काजल की आवाज़ में काम आवेश से भारीपन आ गया था। जीजू प्लीज़ज़्ज़्ज़्ज़्ज़.. हट जाओ, दीदी देख लेगी हमे, प्लीज़.. सीईईई ईई.. आह्ह्ह्ह्ह्ह…

जीजू — कुछ नही होगा, तुम चुप चाप मज़े लेते रहो। ज्यादा बोलकर अपना और मेरा समय व्यर्थ न गंवाओ। लेटे लेटे मज़े लो। बस… मज़े लो कहते कहते उसका मुंह काजल के मम्मों पे आ गया। गुलाबी रंग की निप्प्लों को दाँतो से हल्का हल्का काटना, होंठो में भींचकर उन्हें चूसने से काजल की जान निकाले जा रहा था। काजल ने महसूस किया जैसे उसकी चूत में हज़ारों चींटियाँ काट रही हो।

आज पहली बार उसे ऐसा महसूस हो रहा था के मानो जैसे उसकी चूत में से कुछ बह रहा हो। जीजू ने मौका सम्भालते हुए उसकी हल्के भूरे बालों से सनी चूत को मुंह में लिया और उसका रसपान करने लगा। सेक्स चाहे अंदर चल रहा था, लेकिन ये सीन देखकर मेरा भी बुरा हाल हो रहा था। कैसी मज़बूरी थी के मेरे सामने मेरे ही पति मेरी छोटी बहन को चोद रहे थे। मैं बाहर खड़ी अपनी चूत में ऊँगली करके खुद को शांत कर रही थी।

अब काजल अपने जीजू का सर पकड़ कर अपनी चूत पे दबा रही थी। जाहिर था के वो पूरे मज़े ले रही है। इस पूरी प्रकिर्या में एक बार झड़ चुकी थी। उसे लगा के वो उडती उड़ती एक दम आसमान से निचे गिर गई हो। वो बुरी तरह से हांफ रही थी और बोली,” जीजू ये क्या हो गया मुझे, साँस फूल रही है और मानो चूत के रस्ते से जान निकल गई हो। जीजू बोले,” साली साहिबा आपका तो हो गया, जबकि मेरा काम होना, अभी भी बाकी है। तुम ये बताओ, तूने पहले कभी सेक्स किया है या नही।

काजल — नही, जीजू एक बार कोशिश की थी किसी पड़ोस के लड़के के साथ करने की, लेकिन मुझे बहुत दर्द हुआ और खून भी आने लगा। तो हम दोनों नए होने के कारण डर गए और बीच में ही छोड़ कर अपने अपने घर आ गए। दर्द के डर से मेने किसी को भी प्रपोज़ नही किया। आज आपने मौका सम्भाला है।

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