Paper Dene Aayi Saali, Choot De Gayi
मुझे आज मेरी छोटी बहन का ये राज़ पता चला था।
जीजू — ओहो… मतलब के मिशन कम्प्लीट नही किया। चलो कोई बात नही आज कम्प्लीट कर देते है। ऐसे करो बाथरूम से तेल की शीशी ले आओ।
काजल — लेकिन वो क्यों ?
जीजू — लेकर तो आओ, समझाता हूँ।
काजल जल्दी से बाथरूम से तेल वाली शीशी ले आई।
जीजू — अब ऐसे करो, लेट जाओ।
काजल लेट तो गई लेकिन उस दिन वाला डर आज फेर आगे आ गया।
काजल — जीजू, जो भी करना आहिस्ते आहिस्ते करना, ये न हो के मेरी दर्द से चीख निकल जाये और दीदी हमे आकर पकड़ ले। वरना बहुत बड़ी मुश्किल खड़ी हो जायेगी।
जीजू — डाँट वरी माई डियर साली साहिबा, दर्द का दौर तो उसी दिन निकल गया था आपका, आज तो मज़ा लेने का दिन है।
काजल — चलो देखते है, क्या होता है ?
जीजू ने तेल अपने मोटे लण्ड सुपाड़े से लम्बाई की तरफ लगाया। जीजू का काला मोटा लण्ड तेल लगने की वजह से लाइट में चमक रहा था। उसने निचे बैठकर उसकी चूत का ज़ायज़ा लिया और उसमे में हल्के हलके उंगली से तेल लगाया। जहाँ एक तरफ जीजू से सेक्स करने की ख़ुशी थी, वहीं दूसरी ओर दर्द के डर की वजह से उसकी गाँड भी फट रही थी। जीजू ने उसे दुबारा सहलाना शुरू कर दिया।
लेकिन शायद इस बार डर के मारे, उसपे काम का असर ही नही हो रहा था। करीब 10 मिनट सहलाने पे भी जब काजल में कोई बदलाव न आया तो जीजू बोले,” एक बात सुनो, मज़े लेने है तो दिल से डर को निकाल दो। क्योंके जब तक ड़रती रहोगी। मज़े नही ले पाओगी। ऐसे में मैं भी मज़े के बिना रह जाऊंगा। अपना नही कम से कम मेरा तो ख्याल करो। पिछले 20 मिनट से तुम्हे मज़ा लेने में तेरी मदद कर रहा हूँ।
काजल – इट्स ओके जीजू, अब नही डरूँगी। खुल के मज़े लुंगी और आपको भी मज़ा दूंगी।
इस बार जीजू लेट गए और काजल को उपर आकर लण्ड चूसने को कहा।
काजल अब डर को एक साइड करके अपने मिशन में जुट गई। तने हुए गर्म 7 इंची मोटे लण्ड को दोनों हाथो की मुठी में भरकर वो जीजू के लण्ड को टिकटिकी लगाकर देखती रही। शायद मन में आ रहा होगा के इससे तो मेरी चूत की धज्जिया उड़ जायेगी। धन्य है नेहा दीदी, जो रोज़ाना इसे लेती होगी। फेर थोड़ी देर बाद जीजू के लण्ड का गुलाबी सुपाड़ा खोलकर अपनी जीभ से मुंह में लेकर उसे चाटने लगी।
जीजू तो जैसे आसमान में उड़ने लगे। लण्ड के तने होने के कारण उसका सुपाड़ा फूल चूका था और उसके मुंह में आसानी से जा भी नही रहा था। लेकिन कहीं जीजू नराज़ न हो जाये और मुझे मज़े से वंचित न रख दे, शायद यही सोचकर वो इस मुश्किल काम को भी किये जा रही थी। मुख मैथुन करते हुये उसका पूरा मुंह दुखने लगा था और आँखो से आंसू बह रहे थे।
जिस से साफ झलक रहा था के वो कितने कष्ट से अपना काम कर रही है। जीजू को उसपे दया आ गई और उसे हट जाने को कहा। जीजू का निर्देश पाते ही काजल हट गई और इशारा पाते ही बिस्तर पे लेट गई। अब जीजू ने हल्के से ऊँगली उसकी चूत में घुसाकर चूत की गहराई को नापना चाहा। यह कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे हैं।
लेकिन ऊँगली पूरी तरह से घुस नही रही थी। जीजू ने उसकी दोनों टाँगे अपने कन्धों पे रखकर हल्के से उसकी चूत का मुंह खोलते हुए अपना तना हुआ लण्ड उसपे रखकर हल्का सा झटका दिया। तो काजल की तो जैसे जान निकल गई। शायद आज का दर्द उस दर्द से भी ज्यादा था। फेर जब तक वो सामान्य न हुई, तब तक जीजू रुक गए। एक बार फेर जीजू ने थोडा सांत्वना देकर मुंह में कपड़ा लेने को कहा ता जो उसकी चीख बना बनाया काम बिगाड़ न दे। काजल ने वैसा ही किया।
जीजू ने वापिस पोजीशन सम्भाली और झटका दिया। इस बार आधे से ज्यादा उसका मूसल लण्ड काजल की चूत में घुस चूका था और चूत से खून की धारा बहकर बिस्तर को खराब कर रही थी। जीजू ने उसके कान में कहा, जरा सा दर्द और बर्दाश्त करलो जानू, इसके बाद इसकी नौबत नही आएगी। जीजू ने इतना कहते ही पीछे हटकर एक और ऐसा झटका दिया के जड़ तक लण्ड महाराज अपनी गुफा में घुस गए।
शायद जिस से लण्ड थोडा छिल तो गया और जलने लगा। लेकिन फेर भी दर्द सामान्य होने तक जीजू झटके लगाता रहा। पहले पहल तो काजल दर्द से छटपटाती रही। मानो कोई उसे खुंडा टोका (मतलब जो तीखा न हो) लेकर उसे काट रहा हो। लेकिन जैसे जैसे मज़ा आ रहा था , दर्द कम और मज़ा ज्यादा आ रहा था।
अब तो वो भी गान्ड उठा उठाके लण्ड ले रही थी और नाखुनो से जीजू को घायल भी कर रही थी। इस खुनी खेल में काजल दो बार झड़ गयी। जबके जीजू अभी तक टिके हुए थे। चूत में पानी आ जाने से अब आसानी से लण्ड अंदर बाहर हो रहा था। जीजू ने अपनी स्पीड बढ़ा दी। जिसका मतलब था के अब वो भी छूटने वाले है।
करीब 5 मिनट बाद ही जीजू हाँफकर काजल के ऊपर ही ढेरी हो गए और अपने गर्म लावे से काजल की चूत को मुंह तक भर दिया। दोनों पसीने से भीगे हुए थे और हांफ रहे थे। काम का नशा उत्तर जाने की वजह से अब दोनों को आपस में नज़र मिलाने में भी शर्म आ रही थी। जीजू का लण्ड सिकुड़ कर अपने आप काजल की चूत से बाहर आ गया। पूरे 7 इंच का लण्ड, अब सिकुड़ कर 3 इंच की लुल्ली बन गया था। जिसे देखकर काजल हंसे ही जा रही थी।
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