Meri Chudakkad Banne Ki Dastan – Part 1
सर की पैंट के ऊपर से लंड मेरे पेट पर लग रहा था और मैंने सारी शर्म उतार कर सर का लंड पकड़ लिया। सर ने जल्दी से मेरी जींस उतार दी और मुझे टेबल पर बैठा दिया। सर ने मेरी टांगें खोलकर अपना मुंह मेरी चूत पर रख दिया और टॉप के ऊपर से बूब्ज़ पकड़कर दबाने लगे। सर ने मेरी चूत को चूमते हुए अपनी जीभ मेरी चूत में घुसा दी और चाटने लगे। आज पहली बार किसी मर्द ने मेरी चूत एवं बूब्ज़ को टच किया था मुझे अजीब सा नशा होने लगा। मैं अपनी गांड हिला कर सर के मुंह पर चूत रगड़ने लगी और कुछ देर में झड़ गई।
आज पहली बार मुझे झड़ने में इतना मजा आया और मैं सर के मुंह पर चूत रगड़ते हुए आंहें भरती हुई झड़ गई। सर ने पूछा कैसा लगा अर्श और मैंने बेशर्मी से बोल दिया बहुत मजा आया सर। आज तख आप कहां थे सर पहले ही कर देते। सर हंस दिए और अपनी पैंट उतार कर बोले आज बातों का टाईम नहीं कल आराम से करेंगे। सर का लंड बहुत मोटा और लंबा था और एकदम तनकर सीधा खड़ था। मैं घुटनों के बल नीचे बैठ गई और सर का लंड हाथ में पकड़ लिया।
मैंने मूवीज में पोर्न स्टार को तथा मम्मी को कई मर्दों का लंड चूसते देखा था और नकली लंड को गले तक उतार कर चूसने का तजुर्बा भी काफी था। मैंने सर के लंड से चमड़ी पीछे कर के लाल टोप्पा बाहर निकाल लिया। मैं सर के लंड पर ऊंगलियां घुमाते हुए उनके पतालू मुंह में लेकर चूसने लगी। फिर मैंने सर के टोप्पे पर जीभ घुमाते हुए मुंह में ले लिया और चूसने लगी।
कुछ देर बाद सर ने मुझे सिर से पकड़ लिया और मेरे मुंह में झटके मारने लगे। जब सर झटका मारते तो लंड मेरे गले की गहराई में उतर जाता और सर बाहर खींच लेते। जब सर मेरा मुंह चोद रहे थे तो उनके मुंह से आंहें निकल रही थीं। कुछ देर बाद सर ने मेरे मुंह वीर्य छोड़ दिया। वो गाढ़ा गाढ़ा नमकीन वीर्य मुझे बहुत अच्छा लगा।
आज पहली बार वीर्य चखा था और बहुत टेस्टी लगा। कुछ वीर्य मैंने अंदर निगल लिया और कुछ मेरे होंठों से बाहर टपकने लगा। मैंने टपक रहा वीर्य साफ किया और अपनी जींस पहन ली। सर ने कहा तू तो बहुत मस्त लंड चूसती हो। मैंने कहा कल को लंड से बाल अच्छी तरह साफ कर के रखना तो मुंह में लूंगी। सर ने कहा जो हुक्म जनाब और मैंने साथ शराब और सिगरेट रखने को भी कह दिया और सर ने वो बात भी मान ली। मैं अभी गली के मोड़ पर पहुंची थी कि नेपाली आ रहा था। मैंने शुक्र मनाया कि टाईम पर निकल आई वरना नेपाली को शक्क हो सकता था।
दूसरे दिन हेमराज सर ने सुबह पापा को फोन किया कि आज से वो मुझे 2 घंटे ज्यादा पढा़ई करवाएंगे और 3 से 6 बजे तक पढा़ई होगी। बहाना ये बनाया कि मुझे कुछ ज्यादा पढा़ई करवाएंगे ताकि अच्छे नंबर आ सकें। पापा ने मुझे बताया शर मैं समझ गई सर खुलकर मजा देगें। यानी 3 से 4 बजे तक किताबी पढा़ई और 4 से 6 बजे तक लंड चूत की पढा़ई होगी।
वैसे भी हेमराज सर पापा के प्रोफेसर रह चुके हैं औल सर के हमारे घर आना-जाना भी है।कई बार जब नेपाली छुट्टी पर होता है तो खाना हमारे घर से जाता था या कभी कोई शहर में काम होता था तो रात को उनके घर रुक जाते थे। मैं अच्छी तरह से तैयार होकर कॉलेज में गई और तीन बजे सर के घर पहुंची। वहां 4 बजे तक पढा़ई की और फिर हम सर के बैॅडरूम में आ गए।
मैंने उस दिन नीली टाईट जींस, सफेद टॉप और नीले रंग की ब्रा एवं पैंटी पहनी हुई थी। हेमराज सर के बैॅडरूम में एक बड़ा-सा नर्म सोफा, सोफे के साथ की तीन कुर्सियां, एक बहुत बड़ा टेबल जो करीब 4*6 फीट का होगा, उसी के साथ का बड़ा-सा डबल बैॅड, बहुत बडी़ सक्रीन वाली एलईडी एवं होम थिएटर था। सर का बैॅडरूम बहुत बड़ा था, मैंने पहली बार इतना बड़ा बैॅडरूम देखा था और इतनी लग्जरी चीजों से भरा हुआ था।
उनका बैॅडरूम किसी आलीशान होटल के स्वीट रूम से भी सुंदर और बड़ा था। मैं उनके बैॅडरूम को देखती ही रह गई। सर बोले कहां खो गई अर्श तो मैंने कहा आपका बैॅडरूम देख रही हूं। सर ने कहा मेरा नहीं हमारा बैॅडरूम बोलो। मैं हंस दी और टेबल पर देखा उस पर बहुत महंगी शराब, सिगरेट का पैकेट और लाईटर पडे़ थे। मैंने ऐक सिगरेट निकाल कर जला ली और खडे़ खडे़ कश लगाने लगी। सर ने कहा अकेले ही सिगरेट पीओगी क्या।
मैंने सिगरेट सर की तरफ कर दी लेकिन सर ने कहा अपने हाथ से रोज पीता हूं आज तुम अपने हाथ से पिला दो। मैंने सर के होंठों के बीच सिगरेट लगा दी और सर ने कश खींच लिया। सर ने मेरे टॉप के गले को हाथ से खींच लिया और धुंआ मेरे बूब्ज़ की दरार में छोड़ दिया। फिर मैंने कश लगाया और सर की गर्दन के पास अपने होंठ कर के गर्म सांसों के साथ धुंआ छोड़ दिया। ऐसे मस्ती करते-करते हम सिगरेट खत्म कर गए।
सर सोफे पर बैठ गए और मुझे बैठने को कहा। मैं सोफे पर बैठ गई, सोफा बहुत नर्म था मैं उसके बीच धंसते चली गई। इतना नर्म सोफा मैंने कभी देखा तो क्या सोचा भी नहीं था। मैंने दो गिलास में शराब डाल ली लेकिन मुझे कहीं पानी दिखाई नहीं दिया। यह कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे है।
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