Badi Mushkil Se Biwi Ko Teyar Kiya – Part 10
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उसका हाथ अनायास ही मेरी बीबी की चूत पर रुक गया। नीना की चूत का उभार कितना सेक्सी है वह तो मैं जानता ही था। मुझे यह भी पता था की वहाँ हाथ रखने मात्र से मेरी अर्धांगिनी कैसे फुदकती है। अनिल के वहां छूते ही नीना अपने कूल्हों को गद्दे पर रगड़ ने लगी। अनिल अचानक रुक गया।
उसने थोड़ा ऊपर उठकर नीना से पूछा की क्या वह अपनी उंगली नीना की चूत मैं डाल सकता है?
मेरी प्यारी पतिव्रता पत्नी ने मेरी और देखा। वह शायद मेरी अनुमति चाह रही थी। तब मैंने कहा। “डार्लिंग, हमारा पति पत्नी का रिश्ता अटूट और पवित्र है। जब तक हम एक दूसरे के साथ विश्वासघात नहीं करेंगे तब तक इसे आंच नहीं आ सकती। मैं तुम्हारा पति आज तुम्हें अनिल के साथ पूरा सम्भोग करनेकी न सिर्फ इजाजत देता हूँ, मैं तुम्हे आग्रह करता हूँ के आज की रात तुम उसे अपने पति की तरह मानकर उसे सब शारीरिक सुख दो जो तुम दे सकती हो और उससे सारे शारीरिक सुख लो जो वह तुम्हे देना चाहता है।“
मेंरी बात सुन कर नीना और अनिल दोनोँ में अब जैसे नयी स्फूर्ति आ गयी। मर्यादा के बचे खुचे बंधन तब चकना चूर हो गए। अब अनिल ने नीना की चूत पर अपना दायां हाथ रखा और वह चूत के होठों को बड़े प्यार से सहलाने लगा। यह कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे हैं।
मैं यह दृश्य देख कर अपने हर्षोन्माद पर नियंत्रण नहीं रख पा रहा था। नीना के लिए तो वह पहला मौका था जब एक पर पुरुष ने उस जगह पर उसे छुआ था। और जब अनिल ने उसके छोटे छिद्र में अपनी उंगली डाली तो नीना एकदम उछल पड़ी। वह अनिल की उँगलियों को अपने छोटे से प्रेम छिद्र से खेलते अनुभव कर पगला सी गयी थी।
अनिल ने जब नीना की चूत के दोनों होठों को चौड़ा कर के देखा तो कुछ सोच में पड़ गया। शायद अनिल की बीबी अनीता का प्रेम छिद्र और योनि मार्ग खुला हुआ होगा, क्योंकि नीना का इतना छोटा सा छिद्र देख अनिल अनायास ही बोल उठा, “नीना तुम्हारा छिद्र तो एकदम छोटा सा है।
मैं तो जानता था की मेरी पत्नी को सेक्स के लिए तैयार करने का इससे बेहतर कोई रास्ता नहीं था। जब नीना को चुदवाने सेक्स के लिए तैयार करना होता था, तब मैं उसकी चूत में प्यार से अपनी एक उंगली डाल कर उसकी चूत के होठ को अंदर से धीरे धीरे रगड़ कर उसे चुदवाने के लिए मजबूर कर देता था।
अनिल के उंगली डालने से जब नीना छटपटाई तो अनिल भी यह तरकीब समझ गया। वह बड़े प्यार से मेरी बीबी की चूत में अपनी उंगली को वह जगह रगड़ रहा था जहाँ पर रगड़ने से नीना एकदम पागल सी होकर चुदवाने के लिए बेबस हो जाती थी।
नीना की बेबसी अब देखते ही बनती थी। अनिल के लगातार क्लाइटोरिस पर उंगली रगड़ते रहने से नीना कामुकता भरी आवाज में कराहने लगी। जैसे जैसे नीना की छटपटाहट और कामातुर आवाजें बढती गयी, अनिल अपनी उंगली उतनी ही ज्यादा फुर्ती से और रगड़ने लगा।
मेरी कामातुर पत्नी तब अनिल से चुदवाने के लिए अनिल का हाथ पकड़ कर कहने लगी, “अनिल, यार यह मत करो। मैं पागल हुयी जा रही हूँ। मैं अपने आप को रोक नहीं पा रही। आओ तुम जल्दी मुझ पर चढ़ जाओ और प्लीज मेरी चुदाई करो।”
पर अनिल तो रुकने का नाम नहीं ले रहा था। उस रात जैसे उसने ठान ली थी की अब तो वह नीना को अपनी कामाङ्गिनी बना कर ही छोड़ेगा। वह नीना को इतना उत्तेजित करेगा की नीना आगे भी महीनों या सालों तक अनिल से चुदवाने के लिए तड़पती रहे।
अनिल के उंगली चोदन से नीना अपने आपको सम्हाल नहीं पा रही थी। नीना की साँसे जैसे फुफकार मार रही थी। बेड पर वह अपने कूल्हों को उछाल के फिर पटक रही थी। उसके दिल की धड़कन की रफ़्तार तेज हो गयी।
मैं जान गया के अब मेरी बीबी झड़ने वाली है। वह कामुकता के चरम पर पहुँच रही थी। उसने मेरा हाथ पकड़ा और मुझे अपने स्तनोँ को चूसने और मलने के लिए इशारा करने लगी।
कहानी पढ़ने के बाद अपने विचार निचे कोममेंट सेक्शन में जरुर लिखे.. ताकि देसी कहानी पर कहानियों का ये दोर आपके लिए यूँ ही चलता रहे।
अनिल ने जब यह देखा तो उसने एक हाथ से नीना के दूध दबाने शुरूकर दिए। मैं भी उसके दूसरे स्तन पर चिपक गया और उसे चूसने और जोर से दबाने लगा। उस समय न सिर्फ मेरी बीबी, किन्तु हम तीनों कामुकता की ज्वाला में जल रहे थे। नीना तब झड़ने वाली थी।
फिर एक कराह और एक आह्ह की सिसकारी छोड़ते हुए नीना एकदम शिथिल होकर बिस्तर पर ढेर हो गयी। अब उसकी साँसें भी धीमी हो गयी। करीब पांच मिनट तक अनिल की ऊँगली से चुदने पर कामान्धता की चरम पर पहुँच ने के बाद उन्माद भरे नशे का वह जैसे आस्वादन कर रही थी।
पढ़ते रहिये.. क्योकि ये कहानी अभी जारी रहेगी.. और मेरी मेल आई डी है “[email protected]”.
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