Mera Sexy Parivar – Part 4

Dilwala Rahul 2016-08-23 Comments

This story is part of a series:

चाची – राहुल, जान तो मेरे लिए है ना?

मैं – नहीं चाची, अब ताई के लिए है, अब मैं ताई से प्यार करने लगा हूँ, और अगर तूने ताई को कुछ बोला, तो तेरी बेटी चोद दूंगा, समझी?

(चाची झंड हो जाती है, उसकी ताई के सामने बेइजती हो जाती है, चाची का मुह उतर जाता है और बेइज़्ज़ती से चेहरा लाल हो जाता है, क्योंकि अभी जो थोड़ी देर पहले खुद को रानी समझ रही थी, असल में उसकी औकात रंडी वाली है ये चाची भली भांति समझ गयी थी और गुस्सा हो गयी, वहीँ दूसरी और ताई की हंसी बंद नहीं हो रही थी)

ताई – हा हा हा, साली रंडी कहीं की, औकात पता चल गयी तुझे, माँ की लोड़ी..

चाची – चुप कर चिनल कहीं की।

मैं – चाची, बहन चोद तू चुप हो जा, रंडी, मेरी ताई मेरी रानी है, इस घर की रानी है, तू नौकरानी है समझी रांड?

(और मैंने चाची के गाल पर जोरदार थप्पड़ लगा दिया, और मैं फिर ताई के हाथ खोल देता हूँ, ताई खुलते ही मुझ से पत्नी की तरह लिपट जाती है और मेरे होंठ पर अपने होंठ रख देती है, हम करीब 5 मिनट तक एक दूसरे के होंठ और जीभ चूसते हैं, चाची ये सब नज़ारा देखकर दंग रह जाती है)

ताई – राहुल बेटा, जल्दी डाल दे अपना कोबरा मेरी चूत के अंदर और सारा वीर्य मेरी बच्चादानी में छोड़ दे।

मैं – जो हुकुम मेरी रानी।

(और मैं अपना खड़ा हुआ फंफनता लण्ड सीधा ताई की गर्म हुयी भट्टी जैसी चूत के अंदर डालता हूँ और फिर ताई और मेरी चुदाई प्रक्रिया शुरू हो जाती है, चाची सारा खेल देखे जा रही थी)

ताई – अह्ह्हह्ह्ह.. उम्ममम्मम.. उईईईई.. रेरेरेरेरेरे.. ऐसे ही चोद अपनी ताई को बेटा, अह्ह्ह्हह्ह्.. तेरा सुपाडा तो बहुत ही बड़ा है रे.. ममममम.. उईईईई माँ.. मर गयी..

मैं – ताई, सुजाता, मेरी जान, आज तेरी कोख में अपना बीजारोपण कर दूंगा मेरी पत्नी.. अह्ह्ह्ह.. कितनी गर्म भट्टी है तेरी भोसड़ी, चाची की तो ठंडी है.. अह्ह्ह्ह..

चाची – राहुल तुम इतने जल्दी क्यों बदल गए बेटा, मुझ में क्या बुरा है, तुमने तो कहा था कि मैं नंगी फिल्मों की हीरोइन लगती हूँ?

मैं – भक्क्क चिनल, शक्ल देखि है आईने में अपनी, वो तो मैं झूट बोल रहा था, तेरा बदन अच्छा है बस चुदाई लायक,आह्ह्ह्ह.. 200 रूपये मिल जायेंगे तेरे बदन के गाँव के बाजार में, आहहहह.. और रहा सवाल मेरे बदलने का, मुझे जहाँ बड़ी चूत मिली, अच्छा स्वाद मिला, ममममम.. अह्ह्ह्हह्.. मैं वहीँ जाऊंगा, आज ताई मुझे पसंद आयी है तो मैं ताई का दीवाना हूँ, कल ताई की जगह तेरी बेटी झिलमिल भी ले सकती है, उईईईई.. अह्ह्ह्हह्.. मैं झड़ने वाला हूँ ताई, अह्ह्ह्ह्ह.. मैं आया आया..

ताई – अंदर ही छोड़ दे बेटा, मुझे बच्चा चाहिए, अह्ह्हह्ह्ह्ह.. मैं भी फारिक होने वाली हूँ मेरे लाल, अह्ह्ह्ह्ह्.. उईईईई.. उम्ममम्मम्म.. आयी मैं भी जान..

(मेरा लण्ड फचापच फचापच ताई की बच्चादानी में गोते खा रहा था, मेरा लण्ड ताई की चूत के पानी से भीग कर और भी लचीला हो गया था, इस चुदाई के अंतिम चरम पर ताई और मैं तेज तेज झटकों के साथ पसीने में लटपट एक साथ झड़ जाते हैं और हमारा नंगन शरीर एक दूसरे से नाग नागिन की तरह लिपटा हुआ था)

मैं – चाची, देख एक दिन झिलमिल को भी ऐसे ही चोदुंगा।

चाची – बहुत हरामी है रे तू, मेरी बेटी पे रहम कर, वो छोटी है अभी, उसकी तो सील भी नहीं टूटी।

ताई – कितनी भोली है तू सपना चिनल, तेरी बेटी तेरी पीठ के पीछे क्या क्या गुल खिलाती है तुझे पता भी नही, तू उसे शरीफ समझती है, गाँव में पीठ पीछे कितनी बात करते हैं तुझे क्या पता, तेरी बेटी रांड है सपना।

चाची – जबान पर लगाम दे सुजाता, बहुत हो गया, खबरदार जो अब मेरी बेटी के खिलाफ एक भी शब्द कहा।

(मैं चाची का ये विकराल रूप देखकर डर गया और मैंने ऐसे समय में कुछ न कहना ही बेहतर समझा और चाची-ताई को उनके हाल में छोड़ दिया)

ताई – बोलूंगी मैं तो, क्या उखाड़ लेगी मेरा बता?

चाची – भेन की लॉड़ी, थप्पड़ जड़ दूंगी गाल पर, रंडी।

ताई – अपने बाप की बेटी है तो हाथ लगा, तेरा हाथ तोड़ के तेरी गांड में न दे दिया तो मेरा नाम भी सुजाता नहीं।

(बाप पर बात आते ही चाची ताई पर झपट गई और फिर चाची-ताई की बिल्ली लड़ाई (कैट फाइट) शुरू हो गयी, दोनों नंगी एक दूसरे के बाल खिंचती हुयी लड़ रही थीं, एक दूसरे को चमाट मारते हुए लड़ाई कर रही थी, दोनों हट्टी कट्टी देहाती, मर्दाना औरतें नंगन अवस्था में युद्ध करते हुए बहुत ही आकर्षक लग रही थी..

शोरगुल और हो हल्ले के बीच झिलमिल आ जाती है और अपनी माँ और ताई को इस अवस्था में देखकर भौचक्की रह जाती है, अपनी माँ सपना को पिटता देख वो भी ताई पर झपट जाती है और तब ताई की जो पिटाई शुरू होती है वो देखने लायक थी..

पतापत पतापत ताई के गालों पर सपना और झिलमिल के बड़े बड़े हाथों द्वारा चमाट की बारिश होती है, नंगी सुजाता को सपना और झिलमिल लेटा लेटा कर लात घुसें मारते हैं, मुझे समझ नहीं आ रहा कि मैं किस की तरफ से वार करूँ..

अभी झिलमिल को भी नाराज़ नहीं कर सकता क्योंकि उसकी चुदाई अभी करनी बाकि है, अगर झिलमिल नाराज़ हो जाती तो उसे चुदाई के लिए पटाना कठिन काम था, चाची-ताई का मजा में लगभग ले ही चुका था, तो मैने पीटती हुयी ताई पर ही वार करने की सोची परंतु तभी अचानक पंखू का कमरे के आगमन हो जाता है..

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