Do Bund Zindagi Ki
वो लेट गयी और उसकी दोनों टंगे अपने कन्धों पे रखकर लण्ड को उसकी चूत के मुह पे सेट करके जेसे ही पहली हिट मारी, लण्ड का सुपाड़ा उसकी चूत में घुस गया। उसकी दर्द से आह निकल गयी। दो मिनट उसी हाल्त में लेटा रहा।
जब उसका दर्द थोड़ा कम हुआ फेर एक हिट मारी इस बार आधा लण्ड उसकी चूत ने निगल लिया था, वो दर्द से बैड की चदर नोच रही थी। जब तीसरा हिट लगाया तो जड़ तक लण्ड उसकी चूत के अंदर घुस चूका था।
वो दर्द से छटपटा रही थी और उससे अच्छी तरह से बोला भी नही जा रहा था। जब उसका दर्द बिलकुल खत्म हो गया तो मेने अपने कूल्हे हिलाने चालू किया। अब उसका दर्द मज़े में बदलने लगा। उसकी टांगे उन्ची उठी होने की वजह से मेरा लण्ड उसकी बच्चेदानी को छूकर वापिस आ रहा था। वोह भी गांड हिला हिलाकर लण्ड को ले चूत में रही थी।
करीब 10 मिनट बाद हम दोनों एक साथ रस्खलित हुए और ऐसे ही आधा घण्टा उसी हालत में पड़े रहे। उसके चेहरे पे संतुष्टि के भाव देखने लायक थे। फेर हम उठे बाथरूम में जाकर शावर के निचे नहाये और हम कपड़े पहन के वापिस बैड पे आकर बैठ गए और गली वाला दरवाजा भी खोल दिया।
फिर उसने मुझे धन्यावाद बोला और मेरा मोबाइल नम्बर माँगा। मेने उसे अपना नम्बर बोला तो उसने अपने मोबाइल से मिस कॉल करदी। हम दोनों ने अपने अपने मोबाइलो में सेव कर लिया। इतने में भाई, भाबी और उनका 4 साल का बेटा भी आ गए।
उन्होंने मुझस इशारे में उसके बारे में पूछा। जिसपे वो इशारा समझ कर खुद ही बोल पड़ी के मैं 5 साल से कम उमर के बच्चो को पोलियो की बूंदे पिलाने आई थी। आपका बेटा घर पे नही था। सो मेने उसका इंतज़ार करना बेहतर समझा। अब जो आ गया है इसे मेरे पास लाओ, इसे बूंदे पिला देती हूँ।
कहानी पढ़ने के बाद अपने विचार निचे कोममेंट सेक्शन में जरुर लिखे.. ताकि देसी कहानी पर कहानियों का ये दोर आपके लिए यूँ ही चलता रहे।
भाभी उसे उठाकर मैडम के पास ले यी और मैडम ने बच्चे को दवाई पिलाई और उसकी ऊँगली पे पेन से स्याही लगदी।
उसके बाद मैडम हम सबको नमस्ते बोलकर अपना बैग लेकर बाहर अन्य घरो में दवाई पिलाने चली गयी।
अब कई बार इस मैडम का फोन आ जाता है। सो यह थी एक नई आप बीती।
आपको जैसी भी लगी, अपने विचार इस मेल पते के ज़रिये मुझ तक पहुंचाईये, मेरी मेल आई डी है “[email protected]”.
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