Bhatija Bna Pati – Part 2
हमने वहाँ भी जितने दिन रहे खूब चुदाई की। फेर एक दिन जब शादी खत्म हुई तो श्वेता बोली क्यों न बन्टी हम हनीमून पे चले ?
मैं — ठीक है पर हम घर वालो को क्या कहेंगे?
शवेता — उनको फोन करके झूठ बोल देती हूँ के सहेली आने नही दे रही है एक हफ्ता और रुकने को बोल रही है। तब तक हम वापिस आ ही जायेंगे किसी को कानो कान खबर भी नही होगी।
और इसने ऐसा ही किया बाद में हम शिमला की तरफ हनीमून पर चले गए वहां एक हफ्ता एक हॉटल में रहे वहाँ भी खूब चुदाई की। जब घर आये तो अगले दिन मुझे उसने कहा के उसके साथ बाज़ार चलो थोड़ा जरूरी काम है।
हम दोनों बाइक पे गए तो उसने मुझे एक मेडिकल लेबोरट्री के सामने रुकने का बोला। मेने बाइक को रोक दिया और लॉक लगाकर हम दोनों लेबोरट्री के अंदर चले गए। वहां जाकर उसने बताया के वह प्रेग्नेंसी चेक करवाने आई है। लैब वाले लड़के ने उसके कुछ टेस्ट किये और आधे घण्टेे तक आने को बोला।
तब तक हम आगे बाज़ार चले गए। वापसी पे जब हम रिपोर्ट लेने आये तो पता चला के वो 2 हफ़्तों के गर्भ से है। मेरा यह सुनकर रंग उड़ गया, पर श्वेता बहुत खुश थी और बोली अब हमारा बच्चा भी दूनिया में आएगा।
मैंने उन्हे ठंडे दिमाग से समझाकर गर्भपात करवाने को बडी मुश्कल से मनाया, क्योंके दुनिया की नज़र में आप तलाकशुदा हो, और हम आपस में बुआ भतीजा है। सो किसी भी हालत में आप माँ नही बन पाओगे। यदि बन भी गए लोगो को क्या जवाब दोगे।
श्वेता को अब बात पूरी तरह से समझ में आ चुकी थी। तो उसने बच्चे का गर्भपात करवाने का फैसला ले लिया। और 15 दिन किसी सहेली के पास जाने का बोलकर गर्भपात करवा लिया।
करीब एक महीने बाद जब उसका गर्भपात हो चूका था। एक दिन उसके पर्स से उसकी प्रेगनेंसी रिपोर्ट निकलकर उसकी माँ ने देख ली। उसको बहुत भला बुरा बोला गया। जब उससे बच्चे के बाप का नाम पूछा गया तो उसने मेरा नाम ले दिया। रिश्तेदारी का लिहाज जान कर मामला अंदर ही अंदर सुलगता रहा।
श्वेता की माँ ने उसको हमारे घर आने से भी मना कर दिया। जिस से वो उदास और बीमार रहने लगी। फिर एक दिन उसकी माँ ने बोला तुम्हारी नयी शादी कर देते है।
जिसपे रोते हुए श्वेता ने कहा,” माँ शादी तो मैं बंटी से ही करुँगी वरना कुछ खाकर मर जाउगी। वो मुझे बहुत खुश रखता है। मेरी बहूत ही परवाह करता है। एक बार आपने ढूंढकर दिया था वो कैसा निकला (उसका इशारा अपने तलाक़शुदा पति किशन की तरफ था) इस बार मेरी पसन्द भी कबूल करलो।
उसकी माँ को उसपे दया आ गयी और उसने हमारे ऊपर लगी पाबन्दी हटा दी। अब हम फेर पहले की तरह मिलने लगे। अब कई बार मैं उनके घर चला जाता तो वो हमे अकेला छोड़कर बाहर से कुण्डी लगाकर कही चली जाती । जिस से हमको ज्यादा समय अकेला रहने को मिल जाये। उसकी माँ उसे कंडोम का उपयोग करने की सलाह देती।
कहानी पढ़ने के बाद अपने विचार निचे कोममेंट सेक्शन में जरुर लिखे.. ताकि देसी कहानी पर कहानियों का ये दोर आपके लिए यूँ ही चलता रहे।
पर श्वेता को तो जैसे नंगे लण्ड लेने में ज्यादा मज़ा आता। ऐसे ही एक बार और जब श्वेता पेट से हुई तो उसकी माँ ने उसको गोलिया लाकर खिलाई। तब से लेकर आज तक जब भी समय मिलता है हम दोनों एक हो जाते है और भरपूर चूदाई का मज़ा लेते है।
यह थी नई कहानी आपको कैसीे लगी। अपने कमेंट जरूर भेजना, मेरी मेल आई डी है “[email protected]”.
जल्द ही नई कहानी लेकर फेर हाज़िर होऊँगा। तब तक के लिये अपने दीप पंजाबी को दो इज़ाज़त नमस्कार।
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