Payal Ki Adaaon Ne Kiya Ghayal

Deep punjabi 2016-07-31 Comments

Sex Story

हैलो दोस्तों मैं दीप पंजाबी, पंजाब से हूँ उम्र 30 साल, कद 5 फ़ीट 3 इंच, रंग गेंहुआ है।

आप सब दोस्त मित्रो के बहुत सारे मेल मिल रहे है। जो एक सबूत है के हमारी कहानियो को कितना प्यार मिल रहा है। इसके लिए आपका बहूत बहुत आभारी हूँ। सो दोस्तों इसी तरह प्यार बनाये रखना, ताजो आगे से भी आपके मनोरंजन के लिए ऐसी और मज़ेदार कहानिया लेकर आता रहूँ।

सो ज्यादा इंतज़ार न करवाते हुऐ सीधा कहानी पे आते है। जो के मेरे और एक साथ काम करने वाली लेबर वाली लड़की की है । यहां उसका नाम बदला है। जिसे आप पायल के नाम से जानोगे।

बात थोड़ी सी पुरानी है। मेने जब स्कूल में 12वीं की परीक्षा दी थी। तो बोर्ड की कक्षा होने के कारण नतीजा आने में कुछ वक्त लगना था। तो मैं घर पे ही फ्री रहता था।

एक दिन मेरा एक दोस्त रवि जो के राज मिस्त्री है। वो मेरे घर आया और बोला,” यार दीप मैंने साथ वाले गांव में ज़मीदार के यहां कोठी बनाने का ठेका लिया है और उसके लिए लेबर की भी जरूरत है और एक हेल्पर भी चाहिए। मैं अकेला बहुत मुश्किल से काम सम्भालता हूँ।

तू भी घर पे फ्री ही रहता है न तो तुम मेरे साथ हैल्पर बन कर चला कर। एक तो तेरा टाइमपास भी हो जायेगा और थोड़े पैसे भी इकठे कर लेगा। जिस से मुझे उसकी बात अच्छी लगी और मेने उसे साथ जाने के लिए हाँ बोल दिया।

अगले दिन मेने घर से अपना टिफन पैक कराया और उसके साथ उसकी बाइक पे बैठ के चला गया। पूरा दिन काम किया और शाम को घर आ गए। इस तरह कई दिन चलता रहा।

काम ज्यादा देखते हुए रवि ने और लेबर बढ़ाने का निर्णय लिया और आस पास के घर के काम काज से फ्री 2-3 लड़को से बात की। वो मान गए लेकिन फेर भी लेबर में 2 आदमी कम थे।

एक दिन रवि ने मुझे बोला के दीप तुम पास वाले गांव में जाओ और लेबर का प्रबन्ध करो। मैं बाइक पे गया। कई लोगों से बात की। आप तो जानते हो के पंजाब में गेंहू की कटाई के समय लेबर नही मिलती। सो सभी लोग खेतो में व्यस्त थे।

मेने एक दुकान वाले से बात की के भाई ! आप तो इस गांव के हो, आपकी नज़र में कोई आदमी है? जो मेरे साथ काम पे जा सके। उसने कहा के फिलहाल तो कोई नही है नज़र में अपना फोन नम्बर दे जाओ। जब कोई आया बता दूंगा। मेने उसे अपना नम्बर दिया और काम पे चला गया। उसी दिन शाम को मुझे एक काल आया।

जब मेने फोन रिसीव किया तो सामने से एक लड़की की स्वीट सी आवाज़ आई,” हैल्लो आप दीप बोल रहे हो क्या” ?

मेने कहा,” हांजी दीप ही हूँ, लेकिन आप कौन, माफ़ करना मैंने आपको पहचाना नही।

वो हंस के बोली,” अरे आप पहचानेंगे कैसे? हम कोन सा पहले कभी आपस में मिले है।

मेने कहा,” तो बताइये ना कौन हो आप और किस से बात करनी है आपको ?

वो बोली,” मैं पायल हूँ और आपसे ही बात करनी है। मैं आपके साथ वाले गांव से बोल रही हूँ। जहां आपने हमारे पड़ोसी दुकान वाले को

अपना मोबाइल नम्बर ये कह के दिया था के लेबर के लिए 2 व्यक्ति चाहिए।

मेने बात काट ते हुए कहा,” हांजी याद आ गया, आगे बोलिये ?

मैंने सोचा शायद अपने भाई या पति को काम पे भेजने का पूछेगी !

वो बोली,” देखो दीप जी, आज कल काम का सीज़न है तो आपको मर्द कोई नही मिलेगा साथ में जाने वाला। अगर आपको कोई आपत्ति न हो तो हम दो लडकिया काम पे जाने के लिए तैयार हैं। हमें काम और पैसे की जरूरत है। इसमें हम दोनों का ही फायदा है। हमे पैसे मिल जायँगे और आपको लेबर मिल जायेगी।

मेने उसे 10 मिनट बाद में कॉल करने का बोल के फोन काट दिया और रवि को कॉल किया के ऐसे करके दो लडकिया मिली है काम पे जाने के लिए। उन्हें हाँ बोलू या ना । रवि बोला, “ले आ यार, पहले ही काम बहुत लेट हो गया है। वो ज़मींदार भी थोड़ा कड़क स्वभाव का है। सो जल्दी से इसका काम समाप्त करें ।

मैंने ठीक है कह के फोन काट दिया और पायल के फोन का इंतज़ार करने लगा। महज़ 10 मिनट बाद वापिस उसका कॉल आ गया और बोली,” तो क्या निर्णय लिया आपने ?

मेने उसे आने की मंजूरी दे दी और मेहनताना भी बता दिया। वो खुश हो गयी और मैंने अगले दिन काम पे आने का कह दिया | सब कुछ ठीक था।

लेकिन अब दिक्कत इस बात की थी के वो दोनों काम पे कैसे आये? मतलब काम वाली जगह उसके गांव से भी 10 किलोमीटर आगे थी। जो के इतनी गर्मी में पैदल जाना भी मुश्किल काम था और उस टाइम बस भी नही आती कोई उस गांव की और तो उन्हें रोज़ाना सुबह लेके और शाम को छोड़ के जाने की जिम्मेवारी मैंने लेली थी।

अगले दिन उन्हें लेने गया तो वहाँ दो लड़कियां निश्चित की जगह पे खड़ी थी और आपस में बाते कर रही थी । मेने पास जाके बाइक रोकी और पूछा। क्या आप ही पायल और इसकी दोस्त हो। उन्होनो ने अपनी बातो को बीच में ही रोक कर मुझे नमस्ते बोला और कहा हांजी मैं ही पायल और ये मेरी दोस्त रेखा है हमने ही आपको फोन किया था।

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