Payal Ki Adaaon Ne Kiya Ghayal

Deep punjabi 2016-07-31 Comments

यही बैठो बाते करो । वो मान गयी और साथ मर चिपक के बैठ गयी और बोली,” मुझे आपसे सॉरी बोलना है”

मेने बोला,” क्यों किस बात के लिए ?

वो बोली,” उस दिन के लिए जिस दिन आप नही आये थे उस लड़के से मेरा झगड़ा हो गया था तो मेने उसे बोला के हाँ मेरी सेटिंग दीप से है करलो जो करना। जब के हम में ऐसा कुछ भी नही है और न ही था इतने दिनों में । मुझे माफ़ करदो प्लीज।

और फेर रोने लगी ओर मेरे गले से लिप्ट गयी। इस बार उसकी जकड़न में एक खास बात थी ओर बोली आपको सुनके शायद अजीब लगे पर आपको दिल ही दिल में चाहती हूँ और पागलो की तरह चूमने लगी।

उसके एकदम से हमले से मुझे सम्भलने का मौका नही मिला और उसके ऐसे करने से मेरे अंदर का काम देव भी जाग गया और उसकी पीठ को सहलाने लगा और उसके होंठ चूमने लगा।

उसे उठा के बेड पे लिटा दिया और उसके ऊपर आ गया और उसके कानो से शुरू करके उसे चूमने लगा। उसकी आँखे बन्द हो गई थी और सिसकिया ले रही थी। फेर धीरे धीरे गले के तरफ चूमता हुआ आ रहा था उसकी सिसकीया और तेज़ हो रही थी और उसकी बाँहो की जकड़न खुल गयी थी और बेड की शीट को नोच रही थी। मेने उसे छोड़ दिया और बैठ के अपनी कमीज़ के बटन खोलने लगा।

जिस की वजह से उसकी बन्द आँखे खुल गयी और बोली,” क्या हुआ रूक क्यों गए। मेने उसे उठने का बोला और अपनी कमीज़ उतरने का बोला थोड़ा सोच के वह मान गयी और अपनी कमीज़ उतार दी। उसने निचे कुछ भी नही पहना था मतलब न ब्रा न अंडर शर्ट। कमीज़ उतरते ही उसके आमो जेसे बूब्स झूलने लगे।

उसे लिटा के मैं उन आमो पे टूट पड़ा और उनका रस पिने लगा। वो काम तेज़ से कराहने लगी और मेरी पीठ में नाख़ून गड़ाने लगी। जिस से लग के उसे बहुत मज़ा आ रहा है। फेर थोडा निचे होते हुए उसकी सलवार का नाडा खोल दिया। उसने लेटे हुए ही गांड उठा के अपने पैरों से सलवार निकाल दी।

उसने निचे भी कुछ नही पहना था। एक दम दूध जैसा गोरा शरीर मेरे सामने बिलकुल नंगा पड़ा था। उसकी छोटी सी चूत पे थोड़े से रोयेदार बाल थे। मेने दायने हाथ से चूत को सहलाया और वह सिसकिया ले रही थी और बड़बड़ा रही थी के दीप मैं बहुत दिनों से प्यासी हूँ।

प्लीज़ मेरी प्यास भुजा दो। बहुत तंग करती है यह चूत मेरी। इसे फाड़ के भोसड़ा बना दो। पता नी और क्या क्या अजीब अजीब सा बोल रही थी। मेने उसकी चूत के पास मुह करके कर उसे जीभ से चाटने लगा

जिस से वोह और मस्ती में आने लगी और अपने हाथ मेरे बालो में सहलाने लगी।

थोड़ी देर बाद मेने महसूस किया कि उसके सहलाने वाले हाथ ही अपनी ज़कड़ मज़बूत बना रहे है और उसका शरीर अकड़ रहा है ओर वो गांड उठा उठा के अपनी चूत चटवा रही है। फेर एक लम्बी आहह्ह्ह्ह्ह्ह्ह लेके उसने मेरा सर अपनी जांघो में भींच लिया और उसकी चूत के नमकीन पानी का फवारा मेरे मुँह पे आके पड़ा।

उसका स्वाद थोडा अजीब था लेकिन फेर भी थोडा सा पी गया उसने बाद में जांघो को ढीला छोड़ा और आराम करने वाली हालात में आ गयी और लम्बी लम्बी सांसे लेने लगी। थोड़ी देर बाद बोली,” ह्म्म्म्म मज़ा आ गया आज दीप, पहली बार चूत चटवाई है आज आपसे, जन्नत का नज़रा महसूस किया।

अब मेरा तो हो गया चलो अब आपका भी कर दूं। मैं बेड से निचे उत्तर के खड़ा हो गया। वो भी निचे उतरी और निचे फरश पे बैठकर मेरे पेंट का हुक खोलने लगी फेर बाद में मेरा अंडरवियर भी टांगो तक निचे कर दिया और मुझे बेड पे लेटने का बोला

मैं आज्ञाकारी बच्चे की तरह उसका हर हुक्म मान रहा था।

मैं अपनी बाँहो को अपनों सर के निचे तकिये कि तरह करके लेट गया। वह मेंरे ऊपर आई और होंठों को चूमने लगी मैं भी उसका साथ देने लगा। फेर मेरे शरीर को सहलाती हुयी मेरी छाती पे आ गयी और मेरे दुधुओँ को चूमने लगी।जिस से मन में अजीब सा क्रंट दौड़ने लगा। अब धीरे धीरे मेरे तने हुए लण्ड की तरफ जा रही थी।

उसे हाथो से सहलाने लगी और मैं आँखे बन्द करके सब कुछ महसूस कर रहा था। जब उसने लण्ड को थोडा सा मुँह में लिया तो मेरे मूहसे आह्ह्ह्ह्ह्हह भरी सिसकारी निकल गयी। जिसे देख के वह हंस पड़ी ओर बोली क्या हुआ जी अच्छा नही लगा क्या?

मेने कहा,” नही नही, ऐसी कोई बात नही है आप लगे रहो मज़ा आ था बहुत। वो अपने काम में लग गयी। जब मेरा लण्ड उसके थूक से पूरा गिला हो गया वह हट गयी पर मेरे ऊपर आ गयी और लण्ड के ऊपर आके हाथ से सेट करके बेठ गयी।

जिस से थोडा सा लण्ड उसकी चुत में घुस गया। मेने अपनी बांहे सर से निचे से निकाल के अपने हाथ से लण्ड सेट किया और उसे बैठने का इशारा किया। इस बार आधे से ज्यादा लण्ड घुस गया और उसकी चीख निकल गयी और मेने महसूस किया के चूत टाइट होने की वजह से मेरा लण्ड भी थोडा छिल गया है।

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