Us Raat Ek Ajnabi Bana Mera Pati – Part I

spermwife 2015-09-17 Comments

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Us Raat Ek Ajnabi Bana Mera Pati – Part I

नमस्ते मेरा नाम प्रकाश है पर आप सब मुझे पायल बुला सकते है।

वो इसलिए क्योकि की मैं जन्म से एक मर्द हूँ पर दिल, दिमाग और आत्मा से एक औरत हूँ। मेरी उम्र २९ साल है।

ये बात उस रात की है जब मैं रात को घर पर अकेली थी और मेरे अंदर की औरत किसी मर्द के प्यार को तपड़ रही थी। मुझे आवाज़ और बॉडी भी भगवन ने औरत जैसी ही दी है और मुझे सबसे ज्यादा पसंद है मेरे छाती के दो उभर, यानि मेरे स्तन जो हलके से निकले होए है। मानो एक औरत के ही हो।

मैं जब कभी घर पर अकेली होती तो अपने आप को एक औरत बना कर बहुत खुश होती थी। पहले में नहा लेती, फिर बॉडी पर पाउडर, क्रीम और परफ्यूम लगाती और फिर ब्रा पहन लेती, फिर पेंटी, फिर पेटीकोट, स्लीवलेस ब्लाउज, साड़ी, माथे पर बिंदी, हाथो में चुडिया, होठो पर लिपस्टिक, कानो में बाली, नाक में नथुनिया, और पैरो में पायल और ये सब पहन कर अपने आप को आइने में देख कर मेरी आत्मा खिल उठती थी।

उस रात मैं फिर से अकेली थी घर पर, त्यार तो होई लेकिन मेरे अंदर इच्छा जागी मुझे कोई मर्द तो चाइये जो मुझे औरत बना कर प्यार दे। मुझे भोगे, मेरे बदन से खेले, उससे प्यार करे, मेरी सांसो की गर्मी शांत करे और मेरे जिस्म की आग को भुजा दे ! मुझे इसके लिए बहार जाना था.. रात के अँधेरे में बहार जाना था मुझे.. मेने तुरंत अपने आपक को नार्मल कपड़ो में ड्रेस किया और निचे जा कर अपनी कार स्टार्ट करके बहार रोड पर निकल पड़ी.. अपने प्यार को ढूंढने..

मैं निकल पड़ी पर समझ नहीं आ रहा था कहा जाऊ और तभी मेरी नज़र पड़ी नज़दीक के एक सिनेमा हॉल पर जहा अक्सर एडल्ट मूवीज लगती थी.. मैं वहां चली गयी। रात का शो खत्म होने वाला था सो सभी देख कर निकलने वाले थे..

शो खत्म हुआ और लोग निकलने लगे और मैं बेसब्री से अपने होने वाले रात के पति को ढूंढ रही थी। उस भीड़ में, बहुत कम लोग निकले वह से और अलग अलग दिशा में चलने लगे, फिर एक आदमी दिखा,  छोटे कद था और धीरे धीरे चल रहा था। मेने कार स्टार्ट की और उसके पास से गुजरी और उससे देखा। उसकी उम्र करीब ४० से ४५ की होगी पर मुझे पसंद आ गया.. मेने कार थोड़ी दूर जहा कोई नही था वही पार्क कर दी और गिलास निचे कर लिए जैसे जैसे वो नज़दीक आ रहा था मेरी दिल झोर झोर से धड़क रहा था।

वो नज़दीक आये तो मेने कार से आवज़ दी उनको.. सुनिए !!!

वो रुक कर कार के पास आ गए और अंदर मुह कर के मुझे बोले – हाँ बोलो क्या है ??

मैं थोड़ी घबरा गयी थी पर अपनी आवाज़ एक दम पतली करके मेने उनसे पूछा।

यहाँ आस पास कोई मेडिकल स्टोर है क्या ??? बहुत अर्जेंट है ???

वो बोले – क्यों क्या हुआ ? यहाँ तो कोई नहीं है।
मैं रोन्दू सा मुह बना कर बोली – हाय दइया, अब क्या करू ??

अरे पर क्या हुआ बोलो तो ??? – वो बोले

मेने उनकी तरफ देखा और कहा – मेरे चेस्ट में हल्का हल्का दर्द सा है, मुझे दवाई चाहिए थी कब से ढूंढ रहा हु पर कोई मेडिकल स्टोर नही मिल रहा है.. अब क्या करू ???

फिर मेने उनकी तरफ देख कर पूछा.. सुनिए अगर आप मेरे साथ ढूंढ दे तो बहुत मेहरबानी होगी आपकी.. प्लीज !

हाँ क्यों नहीं, चलो मैं आता हु साथ में.. क्या बेठ जाऊ कार में ??

हाँ आइये ना प्लीज !

और वो बैठे गए कार में मेरे बगल में, मेने गिलास (शीशा) उप्पर किया ए.सी ओन किया और चल पड़ी..

थोड़ी दूर गए तो उन्होंने मुझे पूछा कोई घाव हुआ है तुम्हे जो दर्द हो रहा है..

मेने ना में सर हिलाया..

तो फिर ?? पूछा उन्होंने..

मेने कहा आप देखो अगर आपको समझ आये तो ??

हाँ दिखाओ !!!

मेने अपनी कमीज़ के बटन खोले उप्पर की तीन और अपनी स्तन को निकल कर बहार कर दिया..

ओह्ह.. ये क्या ?? तुम लड़की हो क्या ? वो एक दम से बोले।

मेने कहा – ना मैं लड़की नहीं हूँ पर बनने के लिए ऑपरेशन करवाने वाला हूँ.. उसी की दवाई चल रही है और ये दर्द हुआ तो दवाई ढूंढ रहा था..

वो बस मेरी तरफ देख रहे थे और मैं थोड़ा घबरा गयी..

फिर वो बोले – घर वालो को पता है ये ??

मेने कहा अभी नही पर कुछ समय बाद बता दूंगी.. अभी ना.. उह सॉरी आई मैं बता दूंगा..

फिर उन्होंने मेरी तरफ देखा और पूछा – क्या में एक बार टच करू इससे ???

मैं उनकी तरफ देखने लगी और उन्हें लगा मुझे बुरा लगा है।

तो वो बोले – सॉरी में तो युही पूछ रहा था..

मेने कार को रोक कर उससे साइड में पार्क किया उन्हें लगा मुझे बुरा लगा है तो उन्होंने मुझे सॉरी बोला और उतरने लगे..

मेने उनका हाथ पकड़ा और अपने स्तन पर रख दिया.. ओह्ह्ह कितना कड़क हाथ था उनका और एक दम गरम भी और वह उनका मु खुला रह गया मेरे स्तन पर हाथ रख कर..

“ऊह्ह एक दम औरत जैसा है तुम्हारा ये ” वो बोले और हलके हलके दबाने लगे भी लगे।

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