Badi Mushkil Se Biwi Ko Teyar Kiya – Part 15
This story is part of a series:
Wife Ki Chudai
अब आगे की कहानी – होली की अनिल के घर में बितायी वह रात हम तीनों के जीवन की एक यादगार रात बन गयी थी। छुटियाँ ख़त्म होने के बाद फिरसे वही सामान्य व्यावहारिक जीवन शुरू हो गया। घर, बच्चे, नौकरी, माँ बाप, रिस्तेदारी इत्यादि, नीना और मुझ पर हावी हो गए। मेरे माता पिता जो छुट्टियों में हमारे साथ थोड़े दिन बिताने आये थे वह अपने गांव वापस चले गए थे।
ठीक उसी तरह अनिल और अनीता की जिंदगी भी वही पुराणी घिसी पिटी पटरी पर चलने लगी थी। अनिल और अनीता हम से मिलने कभी कबार आते थे, पर व्यस्तता के कारण वह भी थोड़ी देर बैठ कर चले जाते थे। उन दिनों अनिल की व्यस्तता कुछ ज्यादा ही बढ़ गयी थी। उस की नौकरी के काम सम्बंधित यात्राएं पहले से ज्यादा लंबी होती जा रही थीं।
होली की उस रात हुए प्रकरण ने मेरे और मेरी बीबी नीना के जीवन में एक अद्भुत परिवर्तन ला दिया था। उस रात के बाद से ही मैं मेरी बीबी का वास्तविक रूप में हीरो बनचुका था। नीना मुझसे चुदवाने के लिए बड़ी आतुर रहने लगी। मैं भी उसे उकसाने के लिए अक्सर अनिल के लन्ड के बारे में बात करने लगा और नीना को और उत्तेजित करके खूब चोदने लगा।
एक बात तो मुझे माननी पड़ेगी की अनिल ने कभी भी मेरी पत्नी के प्रति जरा सा भी हीनता या निम्नता का भाव नहीं दर्शाया। बल्कि उस रात के बाद वह नीना के प्रति और सम्मान पूर्ण रवैया अपनाने लगा। हाँ यह सच है की उस रात के बाद मेरे सामने मेरी बीबी और अनिल कुछ ज्यादा ही स्वतंत्र महसूस कर ने लगे थे। पर जैसे ही अनिल की पत्नी साथ में होती तो हम सब बड़ी सावधानी बरतते और अनीता को यह अंदेशा ही नहीं होने देना चाहते थे हमारे बिच में कुछ हुआ भी था।
इस बिच काफी दिनों बाद एक बार अनिल का मुझे फ़ोन आया। वह बोला की वह थोड़ा परेशान था और नीना और मुझसे मिलकर कुछ ख़ास बात करना चाहता था। उसने पूछा की क्या वह उसी दिन दोपहर को मेरे घर पर हम दोनों से मिल सकता है? वह हम दोनों से एकाध घंटा बात करके सब बताना चाहता था। अनिल उसी रातको बाहर टूर पर जा रहा था।
मैंने उससे पूछा की ऐसी क्या ख़ास बात थी तो बोला की वह मुझे मिलकर ही बताएगा। मुझे ऑफिस में बड़ा जरुरी काम था। मेरे लिए घर जाना संभव नहीं था। मैंने अनिल से कहा की वह मेरे घर जा कर नीना से सारी बात बताये। शाम को जब मैं घर जाऊंगा को नीना से पूछ लूंगा।
अनिल ने तब थोड़ा हिचकिचाते हुए कहा, ” मैं मिलूं? नीना को? अकेले में? तुम नहीं आ सकते हो क्या?” यह कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे है..
तब मैंने उसे छेड़ते हुए कहा, “कमाल है भई? अब तुम्हें नीना से अकेले मिलने में सकुचाहट कब से होने लगी? अब हमारे बिच कौन सा पर्दा है? मैं जरूर आता, पर आ नहीं सकता। मज़बूरी है। आज ऑफिस में बहुत जरुरी मीटिंग है। मेरा यहां से निकलना संभव नहीं। पर तुम उसकी चिंता मत करो। मैं नीना को फ़ोन कर बता दूंगा की तुम आ रहे हो। तुम बेझिझक जाओ और नीना के साथ मस्ती से मिलो और जो कुछ कहना करना है वह उसे कहो और करो। मेरी इजाजत है।”
अनिल जैसे मेरी बात सुनकर सहम सा गया और बोला, “तुम भी न? अपनी हरकतों से बाझ नहीं आओगे। खैर, मैं नीना से सारी बात कर लूंगा। वह तुम्हें शाम को बता देगी।”
मैंने उसी मजाक भरे लहजे में कहा, “वह तो उसे बताना ही पडेगा।”
मैंने तुरंत बाद नीना को फ़ोन किया और बताया की अनिल दोपहर को उसे मिलने आएगा। वह हमसे मिलकर कुछ ख़ास बात करना चाहता है। मैंने यह भी बताया की मैं व्यस्त था और घर आ नहीं पाउँगा। मैंने नीना से कहा की वह खुद अनिल से बात करले और शाम को मुझे बतादे।
तब मेरी बीबी ने सकुचाते हुए मुझसे पूछा, “आप ने यह क्या किया? आप आ जाते न? आप आ जाओ। मुझे अनिल से अकेले में मिलना ठीक नहीं लगता। आप होते हो तो बात कुछ और है। अनिल को तो आप जानते ही हो। कहीं वह मूड में आ जाए और अकेले में कुछ कर बैठे तो फिर? मुझे समझ नहीं आता की मैं क्या करुँगी। अगर आप नहीं हो तो मुझे बड़ा अजीब लगेगा।”
मुझसे रहा नहीं गया। मैं जोर से हंस पड़ा। मैंने कहा, “उस रात को तो तुम बड़ी सयानी बातें कर रही थी की तुम तो उससे बार बार चुदवाना चाहती थी? अब क्या हुआ?” फिर मैंने उसे धीरे से कहा, “कोई चिंता मत करो। वह ऐसा क्या कर लेगा जो उसने अब तक नहीं किया? तुम भी खुलकर उस से मिलो और चांस मिलता है तो मजे करो। पर हाँ, शाम को मुझे सब सच सच और खुल कर बताना।”
नीना ने “धत, तुम भी न?” कह कर फ़ोन काट दिया।
उस रातको मैं काम की वजह से देर से घर पहुंचा। नीना मेरा इन्तेजार कर रही थी। हम दोनों ने डाइनिंग टेबल पर रखा खाना गरम कर खाया और नीना रसोई साफ़ कर के बिस्तरे में आयी। मैं भी कपडे बदल कर उसीका इन्तेजार कर रहा था। आज काफी समय के बाद अनिल हमारे घर आया था। जरूर आज कुछ न कुछ तो हुआ था।
Comments