Badi Mushkil Se Biwi Ko Teyar Kiya – Part 15
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मेरी बीबी की बात सुन कर मेरा बुरा हाल हो रहा था। मैं अपने आप को नियत्रण में रख नहीं पा रहा था। मेरे पाजामे में मेरा लण्ड फर्राटे मार रहा था। नीना ने भी उसे महसूस किया। तो नीना ने कहा, “जाने मन यह बात क्या है? तुम अनिल और मेरी चुदाई की बात सुनकर इतना उत्तेजित कैसे हो जाते हो? खैर चलो अगर तुम्हें आनंद मिलता है तो फिर तो मैं तूम्हे पूरी कहानी कुछ भी छोड़े बगैर साफ़ साफ़ सुनाती हूँ।” ऐसा कह कर नीना आगे की कहानी सुनाने को अग्रसर हुई।
वह बोलने लगी, “उसका यह हाल देख कर मुझे लगा की वास्तव में उसे कई दिनों से अनीता ने अपने पास नहीं फटकने दिया होगा। बेचारा! उसके लण्ड पर मेरा हाथ लगते ही उसके लिंग के छिद्र में से जैसे फौव्वारा छूटने लगा। ऐसा तो सेक्स के दौरान वीर्य छोड़ने पर होता है। मैं समझ गयी की आज तो बस मुझे खूब दबा कर चोदने के लिए ही आया है और बहुत उतावला हो रहा है। पर आज मुझे उसे थोड़ा चिढाना था। मैंने कहा, “अरे??? इतना उतावला क्यों हो रहे हो? मेरे पति ने हमें पूरी इजाजत दे दी है। मैं तो अभी तुम्हारी ही हूँ। हम दोनों अकेले है। मुझे भी तो मझा कराओ?”
तब अनिल थोड़ा सा रुक गया और उसने मुझे अपनी बाँहों में ले लिया और मैंने एक एक करके उसके शर्ट के बटन खोल दिए। उसने अपनी बनियान खोल दी। मैं तुम्हारे दोस्त के लिंग को सहलाती रही और उसके अंड कोशों को प्यार से मेरी हथेली में सहलाती और प्यार से धीरे से दबाती भी थी। तुमने तो अनिल के अंड कोष देखे हैं। वह काफी बड़े हैं। तब तक अनिल ने मुझे पूरी नंगी कर दिया। उसका मुंह मेरे मुंह पर था और उसकी जीभ मेरे मुंह में थी।“
मैं अपनी पत्नी की चुदाई की बात सुन बड़ा ही उन्मादित हो रहा था। पर मुझे मेरी बीबी का यूँ झिझक ते हुए “लिंग, योनि” शब्द अच्छे नहीं लगे। मैंने उसे हलकेसे पर करारे शब्दों में कहा, :जानूँ, अब यह सभ्यता का नकाब छोडो। यह लिंग, योनि, सेक्स आदि शब्दों का प्रयोग न करो। साफ़ साफ़ बोलो “लन्ड, चूत, चुदाई इत्यादि। चलो आगे बढ़ो।
नीना तब अपनी लज्जा से उभर ने की कोशिश कर रही थी। वह धीरे से कहानी आगे बढ़ाते हुए बोली, “उस ने मेरे स्तनों को दोनों हाथों में इतना कस के पकड़ रखा था की मेरी चीख निकल पड़ी। धीरे से उसने अपना मुंह मेरे मुंह पर से हटाया और उसे मेरे दोनों स्तनों पर रख दिया। वह एक हाथ से मेरे एक स्तन को भींचता था तो मुंह से मेर दूसरे स्तन को चूसता था। और चूसता भी ऐसे की वह चूसते चूसते मेरे स्तन को इतना खींचा की मेरे बूब्स लाल होगये। उसके मुंह में से मेरी निप्पल आ जाती और उसे जोर से चूस कर या दाँतो से काट कर उसने मेरे स्तनों पर गहरे निशान बना दिए। देखो तो।”
मेरी पत्नी ने तब अपना गाउन खोल कर अपने स्तन मुझे दिखाए। वास्तव में उसके स्तन खून से जैसे लाल हो गए थे और उसके ऊपर अनिल के दाँतो के निशान साफ़ साफ़ नजर आ रहे थे। मुझे मेरे दोस्त पर ईर्ष्या भी हुई की वह साला कितना लकी है। अगर उसकी बीबी ने साथ नही दिया तो नीना उससे चुदने के लिए तैयार बैठी थी। अब उसे जब चाहिए तो एक न एक चूत तो चुदवानेको तैयार ही थी। और उपरसे मेरी बीबी मुझे अपने स्तन और निप्पलों पर पड़े मेरे दोस्त के दाँतों के निशान दिखा रही थी। पर गुस्सा या नाराज होने के बजाय मैं तो कामोत्तेजना से घायल हो रहा था।
मैं अनिल के दाँतों के निशान पर ही मेरी बीबी के स्तन और निप्पलोँ को चूसने और काटने लगा। मुझे एक अजीब सा रोमांच हो रहा था की मैं भी उसी जगह पर अपना अधिकार जमा रहा हूँ जहाँ पर अनिल ने अधिकार जमाया था।
मैं जानना चाहता था की आगे और क्या हुआ। मैंने नीना की और प्रश्नात्मक दृष्टि से देखा।
नीना ने आगे बोलना शुरू किया, “मैंने अनिल को कहा की तुम मुझे निचे से चाटो। मैं गरम हो रही थी। अनिल का मेरे स्तनों और होठों पर चुम्बन करनेसे मैं भी काफी कामोत्तेजक हो रही थी। जब अनिल ने निचे झुक कर मेरे पैरों के बिच मेरी योनि, सॉरी सॉरी, मेरी चूत चाटना और चूसना शुरू किया तो मैं एकदम बेकाबू हो गयी। मुझसे रहा नहीं गया। मैं जल्द ही झड़ने वाली थी।
अनिल ने तब मेरी चूत में दो उंगली डाल कर मुझ उँगलियों से चोदना शुरू किया। अनिल ने तो जैसे आग में घी डालने का काम किया। मेरी उत्तेजना सिमा से उपर जा रहीथी। तब में चरम पर पहुँच रही थी और चंद सेकंडों में ही मैं जैसे एक उत्तेजना के सैलाब में बह गयी और मैं ऐसी झड़ी की मत पूछो। थोड़ी देर के लिए मुझे अनिल ने सांस लेने का मौका दिया और वह मेरी चूत में अपनी उँगलियों से फिर चोदने लगा।“
नीना की बात सुनते हुए मेरा लन्ड थनगनाने लगा। मेरे लन्ड की नसोँ में मेरा वीर्य की जैसे बाढ़ आ गयी। मेरे लन्ड के छिद्र में से पूर्व रस झर रहा था। मैंने फुर्ती से अपने पजामें का नाडा खोल दिया और मेरे लन्ड को मेरी बीबी के हाथों में दे दिया। और मैं भी अनिल की ही तरह अपनी बीबी को अपनी उँगलियों से चोदने लगा। मेरे उंगली चोदन से नीना छटपटाने लगी। एक तो वह अनिल की बात करके वैसे ही गरम हो रही थी, ऊपर से मेरे ऊँगली चोदन से उसकी उत्तेजना बढ़ती ही जा रही थी।
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