Please Mujhe Pass Kardo
हेलो, मैं हूँ सोनम शर्मा ओर मैं आपको अपनी ज़िन्दगी की एक सची hindi sex stories बताने जा रही हूँ, तो आप मुझे जरुर बताना की आपको ये केसी लगी।
ये मेरी परीक्षा का समय है, मेने तो पूरा साल पढ़ाई नही की ओर अब मुझे डर लग रहा है की पास केसे होउंगी, लेकिन मुझे ख़याल आया की मैं अपने टीचर से क्यू ना कह कर देखूं, उसकी ड्यूटी भी है हमारी क्लास मे ओर उनकी काफ़ी चलती है, वो पहले भी नकल करवा चुके है, वो हमे टयुशन भी पढ़ते है।
वेसे तो मैं उनसे जादा टयुशन क्लासस नही लेती, लेकिन अब परीक्षा पास होने के कारण मैं रोज जाने लगी, मैं रोज ये सोचती की उन्हे अपनी सिफर्श बता दूं, लेकिन मैं डरती थी की कही वो बुरा ना मान जाए ओर मेरा रोल नंबर ना रद करवा दे।
एक दिन मेरा सबर टूट गया ओर मेने पूरा मन बनाया की आज तो मैं जाकर कहूँगी, मेने उस दिन सेक्सी ड्रेस पहनी, मेने सफेद टॉप ओर नीली जीन्स पह्न के टयुशन गयी ताकि सर मेरे जिस्म पर रेहम खा कर मेरी मदत करे ओर मेने जब लोग टयुशन से चले गये तो उनसे पुछा..
मैं – सर आप से एक बात करनी है?
सर – हा.. बेटा बताओ।
मई – सर आप बूरा तो नही मनोगे ना?
सर – बेटा मैं बच्चों की बात का बूरा नही मानता।
मैं – सर मैं आपसे ये कहना चाहती हूँ की आपको पता है की मैं पढ़ाई मे थोड़ी कमजोर हूँ ओर मैं शायद पास भी नही हो पाउंगी.. इस लिए।
सर – हाँ बोलो बेटा क्या?
मैं – सर आप मेरी कुछ मदत कर दोगे?
सर – बेटा मेने नोट्स पूरे तेयार करवा दिए है ना?
मैं – सर वो नहीं आप.. मुझे नकल करवा देंगे – मुझे डर लगने लगा।
सर – ये तुम क्या कह रही हो? नही मैं एसा नही करूँगा।
मैं – सर प्लीज़.. ये मेरे भविश्ये का सवाल है सर प्लीज़।
सर – नही ये ग़लत है.. नो प्लीज़।
मेने सोचा ऐसे बात नही बनेगी तो मेने कहा..
मैं – सर आप कुछ भी मुझ से करवा लीजिए, मैं सब करने को तेयार हूँ, पर प्लीज़ आप मुझे पास करवा दीजिए, प्लीज़ सर..
मैं जान भुज कर सर के पेरो मे गिरी थी ओर उनकी पेंट को पकड़ा हुआ था, ताकि मेरे नरम हाथ उनकी बॉडी को महसूस हो जाए।
मैं – सर प्लीज़.. आप जो काम बोलोगे मैं करूँगी।
सर- सोच लो।
मैं – सर जो मर्ज़ी.. प्लीज़।
सर – बूरा तो नही मनोगी?
मैं – सर जो मर्ज़ी काम.. बस मुझे पास करवा दो।
सर – तो मुझे खुश कर दो।
मैं समझ गयी।
मैं – सर आपका मतलब?
सर – देखो मैं ज़बरदस्ती नही करता।
मैं – ठीक है सर.. लेकिन मुझे पास ज़रूर करवा देना।
सर – बिलकूल मेरी बेटी।
सर की पत्नी घर पर नही थी।
सर – बेटी मेरे पास आओ।
मैं सर के पास चली गयी।
सर – बेटा मुझे खुश करना शुरू करो।
मैं तो पास होने के लिए कुछ भी कर सकती थी इस लिए मेने सबसे पहले सर के सामने अपने चुचों को दबाया गोल-गोल.. सर देखते ही रह गये, फिर मेने अपनी चूत के उपर हाथ फेरा ओर अपनी टाँगों को कभी चोडा किया ओर कभी बंद करके सर को धीखाया।
फिर मैं अपनी सबसे अच्छी चीज़ यानी गांड दिखाने के लिए घूम गयी ओर मेने थोडा झुक कर गांड का मूह सर की तरफ किया ओर अपनी गांड को मसला.. सर से रहा ना गया तो वो अपने हाथ मेरी गांड पर फेरने लगे।
मेने फिर अपने होंठ सर के होंठों पर रख दिए ओर गपा-गॅप चूसने लगी.. उम्म्म्म हमारी जीभ फेविकोल की तरह एक दूसरे से जुड़ी रही.. सर एक लड़की की जीभ का सारा मीठा रस पीने लगे ओर मैं भी सर की जीभ अपने अंदर खिचने लगी, सर मेरे चुचों को गोल-गोल दबाने लगे।
मेने सर को कस के पकड़ा हुआ था ओर रसपान कर रही थी ओर सर ने भी अपना हाथ मेरी गांड के उपर फेरना शुरू कर दिया, हमने कुछ देर तक एक दूसरे का शरीर मसाला ओर चूमा – चाटी की, फिर सर मेरे दोनो चुतड़ों को मसल रहे थे ओर मेरी गांड के छेद मे उंगली डाल रहे थे।
सर मेरी चूत का छेद कपड़ो के ऊपर से ही अपने हाथों से खोलने की कोशिश कर रहे थे, फिर सर ने मेरे कपड़े धीरे – धीरे खोलने शुरू किए..
सर – बेटी तुम मस्त हो.. क्या जवानी है मेरी बेटी.. क्या चुचे है तेरे..
यार मैं भी गरम हो गयी थी।
मेने कहा सर मेरा पूरा जिस्म आपका है.. जो मर्ज़ी कीजिए एक-एक चीज़ चूसिये..
सर ने मेरे उपर के अंगों को कपड़ों से आज़ाद कर दिया ओर मेरे चुचे देखने लगे।
सर – वाह बहुत अच्छे है गोल-गोल.. आज तो बहुत चुसूंगा।
सर जल्दी चूसिये अब रहा नही जाता।
सर ने मेरी एक चुचि को मसला ओर दूसरी को जीभ का मज़ा देने लगे, अब तक तो मेरी चूत भी गीली होने लगी थी, मैं भी मज़ा ले रही थी, सर ने मेरे चुचों को बच्चों की तरह बहुत देर तक चूसा ओर उन्हे लाल कर दिया.. मेरे निपल्स भी लाल कर दिए।
फिर अपने कपड़े उतारे ओर मेरे भी सारे उतार दिए ओर उनका लंड इतना लंबा भी न्ही था ओर ना ही इतना छोटा था, मुझे चुदाई का मन हो रहा था।
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