Badi Mushkil Se Biwi Ko Teyar Kiya – Part 21

iloveall 2017-02-27 Comments

This story is part of a series:

अनिल ने मेरी पकड़ ढीली की और पीछे से ही मेरे कान में बोला, “जानूँ, राज सच कह रहा है।” यह कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे है।

मैं बड़ी ही दुविधा में पड़ गयी। यह सब क्या हो रहा था? मेरा पति तो उस समय ट्रैन में होना चाहिए था। वह कहाँ से मेरे और राज के बिच आ टपका। कहीं वह मेरी जासूसी तो नहीं कर रहा था? मुझे लगा की मैं तो रँगे हाथोँ पकड़ी ही गयी। राज के साथ एक ही बिस्तर पर अर्ध नग्नावस्था में सोना, मेरी स्थिति को भली भाँती प्रकट कर रहा था। इसको समझाना अथवा अपना बचाव करना नामुमकिन था। पर मुझे गुनहगार के कटघरे में खड़ा करने के बजाय मेरा पति तो अपना गुनाह कुबूल कर रहा था। मेरी जान में जान आयी। गुनहगार मैं अकेली नहीं थी। मैं तो गुनाह करने वाली थी पर मेरे पति तो गुनाह कर चुके थे।

अनिल ने मुझे उसी हालात में अपनी बॉहों में जकड़े हुए रखते कहा, “डार्लिंग, राज जो कह रहा है वह सच है। आज मैं तुम्हारा गुनाहगार हूँ। तुम चाहो वह सजा मुझे दे सकती हो। यह सच है की राज और मैंने मिलकर नीना भाभी से जमकर प्यार भरा सेक्स किया है। और मैं चाहता हूँ की आज तुम भी हम दोनों से जम कर सेक्स का पूरा आनंद लो। मैंने तुम्हें जरूर इसके बारेमें स्पष्ट रूप से नहीं बताया, परंतु मैंने तुम्हें आगाह जरूर किया था। फिर भी अगर मुझे तुम सजा दोगी तो मुझे मंजूर है। यदि तुम कहोगी तो मैं आगे से कभी भी नीना से नहीं मिलूंगा। यदि तुम कहोगी तो मैं राज और नीना से रिश्ता तोड़ दूंगा। मेरे लिए तुम सबकुछ हो।”

ऐसे कहते हुए मेरे पति भावुक हो गए और उनकी आँखों में आंसू आ गये। मैं एक अजीब दुविधा में फंसी हुई थी। मैं क्या बोलती? एक और मैं स्वयं गुनहगार थी, पर मुझे दोष देने के बजाय मेरे पति अपने आप को गुनहगार बतला रहे थे। हालांकि मेरे पति की इन गतिविधियों से भलीभाँती वाकिफ थी। भला इस हालात मैं एक पत्नी क्या कर सकती थी?

मुझसे मेरे पति की आँखों में आंसू देखे नहीं गए। मैं अपने आप पर नियंत्रण नहीं रख पायी और एकदम रो पड़ी। उस समय मैं इतना रोई की शायद मेरी युवावस्था में विदाई के समय ही मैं उतना रोई थी। मैंने मेरे पति अनिल को गले लगा लिया और रोते रोते कहा, “डार्लिंग, तुम मेरे सर्वश्व हो। मैं तुम्हारे बगैर अधूरी हूँ। मुझे तुम अति प्रिय हो। तुमने कुछ भी गलत नहीं किया। जो भी किया वह ठीक किया। मैं तो तुम्हारा आधा अंग हूँ। यदि तुम गलत तो मैं गलत। बल्कि मैं अभी अभी राज के साथ कुछ गलत करने वाली थी. मैं तुम्हारी गुनहगार हूँ।”

मेरी बात सुनकर अनिल के चेहरे से मायूसी हट गयी और एक अजीब सी शरारत छा गयी। अनिल अनायास ही मुस्काये और बोले, “मेरी भोली पागल बीबी। तुम इतनी परेशान मत हो। मैं हमारे वैवाहिक जीवन में नवीनीकरण लाना चाहता हूँ। जो तुमने राज के साथ किया वह कुछ भी नहीं है। मैं चाहता हूँ की आज तुम न सिर्फ राज के साथ परंतु हम दोनों के साथ कस कर, पुरे जोश के साथ सम्भोग करो। डार्लिंग, मैं तुम्हें सच कहूँ? मैं तुम्हें राज के साथ मिलकर रात भर चोदना चाहता हूँ। मैं चाहता हूँ की तुम आज शर्म और लाज के सारे बंधन तोड़कर हम दोनों को उच्छृंखल हो कर चोदो और हम दोनों से स्वच्छन्दता से चुद्वाओ।

मेरे पति की बात सुनकर मेरे पुरे बदन में एक आग से दौड़ गयी। मेरी काम वासना एकदम से मेरे पुरे बदन में फैलने लगी। मैं हकीकत में राज से चुदवाना चाहती थी। मेरे पति ने आज न सिर्फ खुली छूट देदी, बल्कि वह भी मेरे साथ शामिल हो गए। मेरी शादी के बाद मन ही मन में बड़ी इच्छा थी की मैं कभी दो मर्दों से चुदवाऊँ। पर लाज और शर्म के अलावा यह बात नामुमकिन थी। पर आज वह मेरी मन की एक विलक्षण कल्पना सच में बदलती नजर आ रही थी।

मै अपने पति अनिल की बाहोंमें सिमट कर अपनी आँखें झुका कर बोली, “जानूँ मैं तुम्हारी अर्धांगिनी और सह भागिनी हूँ। तुम्हारी इच्छा मेरे लिए आज्ञा के समान है।” वक्त आ गया था की मैं अब सारे सामाजिक बंधनों को दूर दूर फैंक कर वह करूँ जो मेरा मन चाहता है और मेरे पति की इच्छा भी पूरी करूँ। मैं अपने पति को देखने लगी। उनकी आँखों में एक अजीब सा नशा था। मुझे राज के साथ एक बिस्तर में देख उनको जलन नहीं बल्कि एक तरह की उत्तेजना हो रही थी ऐसा मुझे लगा।

मेरे पति अनिल ने पलट कर एक झटके में मेरी रजाई को मेरे और राज के ऊपर से हटा दिया। मेरे स्तन खुले हुए थे और मेरी निप्पले ऐसी तनी हुई थी जैसे धनुष्य में तीर कसके रखा हो। अनिल ने मेरे एक स्तनको अपनी हथेली में उठाया और राज की और देखा और बोला, “राज, दोस्त, मेरी बीबी की चूंचियां भी नीना की चूँचियों से कोई कम नहीं हैं। आओ और खुद अनुभव करो।”

राज हमारे संवाद सुन रहा था। कुछ जिझक और कुछ शर्म के मारे डरते डरते थोड़ा खिसक कर और मेरे दूसरे स्तन पर हलके से हाथ फिराते हुए मेरी निप्पल को अपनी उँगलियों से दबाता हुआ एकदम धीमी आवाज में बोला, बोला, “अनीता वास्तव में तुम्हारे स्तन बहुत सुन्दर और सेक्सी हैं। मेरा मन करता है की मैं इन्हें चूमता और चूसता ही रहूँ।”

Comments

Scroll To Top