Badi Mushkil Se Biwi Ko Teyar Kiya – Part 20

iloveall 2017-02-25 Comments

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अब आगे की कहानी – मैं आश्चर्य से स्तंभित सी हो गयी। क्या नीना का मतलब वही था जो मैंने सूना और समझा था? नीना जैसे मेरे भावों और मेरी आतंरिक मनोदशा को पढ़ रही थी। उसने कहा, “तुमने सही सूना और सही समझा। मैं यह कह रही हूँ की हमें हमारे पतियों की अदलाबदली करने के विचार को अस्वीकार नहीं करना चाहिए।“

मैंने हिचकिचाते हुए पूछा, :”नीना मैं तुम्हें दीदी कहूँ तो गलत न होगा. आप ही बताओ हम क्या करें?”

तब नीना ने मेरे और करीब आकर मेरे कानों में कुछ ऐसी बातें कहीं जिसे सुनकर मैं आश्चर्यचकित तो हुई, पर बात नीना की सटीक थी। मेरे पास उससे सहमत होने के अलावा और कोई चारा ही न था। यह कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे है।

नीना के जाने के बाद मैं कुछ तनाव में थी तो कुछ हद तक तनाव मुक्त भी थी। अब मुझे नीना और मेरे पति के बिच क्या हुआ था और क्या होगा उसकी चिंता नहीं रही थी। पर मैं मेरे और राज के बिच क्या होगा उसके तनाव में उलझी हुई थी।

मेरे लिए नीना वास्तव में एक सच्ची दोस्त और शुभचिंतक साबित हुई थी। दूसरी और मुझे उसकी वास्तविक दुनियादारी सूझ बुझ के प्रति सन्मान हुआ।

शामको अनिल जब आये तब तक मैं बिलकुल तनाव मुक्त थी। मैंने हंसकर अनिल से काफी बातचीत की और उसे यह अहसास दिलाने की कोशिश की की मैं उससे नाराज नहीं थी। अनिल भी खुश नजर आ रहे थे। रात को सोने से पहले मैंने अच्छी तैयारी की। मैंने मेरे पॉंवो के बीचमें से मेरी चूत पर से सारे बालोंकी सफाई की जैसा की अनिल को पसंद था। और अनिल की मन पसंद नाइटी पहन कर अनिल का इंतजार करने लगी।

उस रात मैंने कोशिश की की अनिल मेरे साथ सहजता अनुभव करे। जैसा की नीना दीदी ने बताया था, मैंने सबसे पहले अनिल को अपनी बाहों में लिया और धीरेसे उसके कानों में बोली, “डार्लिंग मुझे माफ़ कर दो? मैं उस दिन थोड़ी ज्यादा ही अकड़ गयी थी।”

मेरी बात सुनकर अनिल थोड़े मुस्कुराये और सकुचाते हुए बोले, “नहीं डार्लिंग मैं समझ सकता हूँ। मैं ऐसे ही मजाक कर रहा था।”

मैंने नीना की मार्गदर्शित बात को चालु रखते हुए अनिल की और घूम कर पति के सीने पर अपनी ठुड्डी (चिबुक) को रख कर पूछा, “डार्लिंग तुम उस दिन राज के बारे में क्या कह रहे थे? सच बताऊँ? जब तुम राज के बारें में बात कर रहे थे तब मैं अपने आपको गुनहगार अनुभव कर रही थी और इसी लिए मैं अपना आपा खो बैठी।”

राज ने मेरी और आश्चर्य से देखा और बोले, “गुनहगार, पर क्यों?”

तब मैंने कहा, “वह इसलिए की उस रात जब राज बाथरूम का नलका ठीक करने आये थे तब नलका टूटने से पानी के फव्वारे में हम दोनों ही भीग गए थे। मैंने अपने बदन पर वही पतली नाइटी पहनी थी और पुरे भीग जाने के कारण राज के सामने मैं जैसे पूरी नंगी दिख रही थी। वह मेरे नंगे बदन को घूर घूर कर ताक रहा था। मेरे स्तन और निप्पले खड़ी हुई थी। मेरी नाइटी मेरे पुरे बदन से चिपक कर पूरी तरह से पारदर्शी हो गयी थी। मैंने जब राज को देखा तो वह भी पूरा भीगा हुआ था और उसके पांवों के बिच उसका लन्ड खड़ा हो गया था। मैं बहुत उत्तेजित हो गयी थी। राज भी एकदम उन्माद में था। उस शाम को अगर राज ने थोड़ा सा भी आग्रह किया होता तो पता नहीं क्या हो जाता और आज मैं तुम्हें अपनी शक्ल दिखने के लायक न होती। मैं तुरंत वहां से भाग निकली। इसी कारण मैं अपने आप को गुनहगार अनुभव कर रही थी।”

तब अनिल ने मेरे स्तनों को प्यार से सहलाते हुए कहा, “डार्लिंग तुम्हें गुनहगार अनुभव करने की कोई जरुरत नहीं है। यह कोई भी स्त्री पुरुष के लिए स्वाभाविक है।”

फिर अनिल एकदम गंभीर से हो गए। उन्होंने मुझे अपने पास बिठाया और बोले, “देखो डार्लिंग, शादी के कुछ सालों बाद पति पत्नी में नवीनता ख़त्म हो जाती है। मैथुन में उत्सुकता, उत्कंठा और रहस्य नहीं रहता। तब फिर एक अलगता या नवीनता लाने की आवश्यकता होती है। अगर पति पत्नी में सम्पूर्ण विश्वास हो तो कुछ नवीनीकरण अथवा कुछ नया प्रयोग करने में कोई बुराई नहीं है। क्या मैंने गलत कहा?”

मैंने सहजता से ही जवाब दिया, “नहीं, बात तो आपकी सही है। पर नवीनीकरण से आपका मतलब क्या है?” यह कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे है।

तब अनिल ने कहा, “मेरा मतलब है मैथुन कार्य में विविधता। अथवा यूँ कहो की जिस व्यक्ति के साथ आपको वही पुरानी उत्तेजना का अनुभव हो जो पहली बार सेक्स करने से हुआ था अगर उसके साथ सहजता से सेक्स का अनुभव किया जाय तो उसे नवीनीकरण कह सकते है।”

मैंने फिर वही सवाल दुहराया, “क्या मतलब?”

अनिल ने जवाब दिया, “तुमने अभी अभी कहा की उस शाम को बाथरूम में राज के साथ खड़े हुए जब तुम दोनों भीग गए तो तुम और राज दोनों बड़े उत्तेजित अनुभव कर रहे थे। तुमने यह भी कहा की अगर राज उस समय कुछ कर बैठता, यानी अगर राज उस समय तुम्हारे कपडे निकाल कर अगर तुम्हें चोदने के लिए आग्रह करता तो तुम मना नहीं कर पाती क्योंकि तुम भी तो उत्तेजित थी। सही या गलत?”

इस बार मैं चुप रही। अनिल की बात तो सही थी। अनिल बोला, “तुम्हारा मौन ही तुम्हारी सहमति दर्शाता है। नवीनता से मेरा मतलब यह है की ऐसे समय में अगर तुमने राज के साथ सेक्स करने में सहमति दिखाई होती और राज से तुमने चुदवायी करवा ली होती वह तुम्हारे लिए नविन एवं अति उत्तेजक अनुभव होता और उसीको नवीनी करण कह सकते हैं।”

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