Padosan Bhabhi Ke Saath Pehli Baar
मैं – भाभी दर्द हो रहा है। क्योंके आज मेरा पहला दिन है।
वो – कोई बात नही डार्लिंग तुम्हारी जान सन्ध्या है न।
मैं – मतलब ??
वो – मतलब ये के तुम्हारा कौमार्य भंग आज मैं ही करुँगी। एक बार दर्द तो होगा फेर मज़ा भी बहुत आएगा।
मैंने दर्द से डरते डरते हाँ बोल दिया।
वो मुंह में लण्ड लेकर चूसती रही। मेरा तो बुरा हाल हो गया था। एक तो मज़ा आ रहा था। ऊपर से दर्द को याद करके दिल भी घबरा रहा था। करीब 5 मिनट बाद मेरे लण्ड में गुदगुदी सी होने लगी और मुझे लगा मेरे पेट से लण्ड के राह से बूंदों में कुछ गर्म गर्म बाहर आ रहा है। मेने भाभी को सारा माज़रा बताया।
वो — घबराओ न डार्लिंग। इसी में मज़ा आने वाला है।
और वो और ज़ोर ज़ोर से मेरा लण्ड चूसने लगी। लण्ड की चमड़ी को जीभ से चाट चाट कर मेरा पहला रस्खलन कर दिया। जो के 2-4 बूंदों में ही आया था। उसे भाभी गटागट पी गयी और अपना मुह साफ करते हुए बोली,” क्यों डार्लिंग आया मज़ा या नही।
मैं – मज़ा तो आया पर?
वो – पर क्या ??
मैं- आपने बोला न के दर्द होगा तो उसकी टेंशन है। मेने ऐसा काम आज तक नही किया।
वो -आप तो डरपोक बहुत हो। वो देखो टीवी में जेसे लड़का लड़की की चूत में लण्ड घुसा रहा है। तुम्हे भी ऐसा करना है। पर उससे पहले तुम्हारा लण्ड दुबारा खड़ा करना पड़ेगा। जिसके लिए तुम्हे भी उस सीन की तरह मेरी चूत चाटनी पड़ेगी।
टीवी देखकर मेरा फेर से लण्ड झटके लेकर खड़ा हो रहा था। मुझे खुद पता नही चला कब मेरा हाथ मेरे लण्ड पे आ गया और मैं उस सीन में लड़के की तरह मुठ मारने लगा। शुरू के एक दो मिनट तो पता नही चला। पर जैसे जैसे मज़ा आ रहा था वैसे वैसे दर्द भी लण्ड की चमड़ी फटने से बढ़ता जा रहा था। मेने दर्द की परवाह न करते हुए लण्ड को ज़ोर ज़ोर से हिलाना शुरू कर दिया और एक लम्बी आह से थोड़ी बूंदे उनके फर्श पर गिरादी।
वो मेरी तरफ देखकर भाभी ताली बजाकर हसने लगी।
मैं – क्या हुआ अब आप हंसे क्यों ??
वो – मेरा भाषण दिया ऐसे ही गया न खुद ही अपना पानी निकल लिया। मेरा पानी कौन निकलेगा?
मैं – अब क्या हुआ है डार्लिंग, अब आपकी बारी है।
हम उस टीवी वाले जोड़े की तरह पोज़ीशन बनाकर लेट गए और मैं भाभी के ऊपर आकर उसके नरम नरम होंठो को चूसने लगा। वो भी बड़े प्यार से मेरे हर चुंबन का जवाब चुम्बन में दे रही थी।
फेर धीरे धीरे मैंने निचे भाभी के गोरे चिट्टे मम्मो को अपने हाथो में लेकर चूस रहा था। वैसे तो मैं उस वक़्त एक दम नौसिखिया खिलाडी था, परन्तु टीवी और दिमाग में चढे काम ने एक निपुण खिलाडी की तरह मेने अपना काम जारी रखने का होंसला बनाये रखा।
धीरे धीरे टीवी को देखते देखते मेने भी भाभी की शेव की हुई चूत चाटी। उसका स्वाद थोडा नमकीन और कुसैला सा था, पर काम के वेग से वो भी बढ़िया लग रहा था।
भाभी अपनी आँखे बन्द किये अपनी गांड हिला हिलाकर अपनी चूत चटवा रही थी और 5 मिनट बाद मेरा सिर अपनी चूत पे दबाकर एक आह्ह्ह्ह्ह् लेकर अपना पानी छोड़ गयी। जिससे मेरा चेहरा उसके गाढ़े सफेद पानी से एक दम भीग गया और थोडा मेरे मुँह में भी चला गया। मेने पहले कभी ऐसा अजीब सा स्वाद चखा नही था। सो मेने थूक दिया ओर गुस्से वाली नज़र से भाभी की तरफ देखा।
मेरा चेहरा देखकर भाभी की हंसी निकल गयी और बोली, ये तो शुरुआत है डार्लिंग आगे आगे देखिये आपके साथ क्या होता है??
उसने मुझे गुस्सा न होने का निवेदन किया और माफ़ी भी मांगी।
मैंने ठीक है कहकर उनको माफ़ कर दिया।
उसने इस बार मुझे लेटने का इशारा किया और खुद मेरे ऊपर आकर मेरे लण्ड को सहलाने और चूमने लगी। गर्मी में फूल की तरह मुरझाया लण्ड भाभी के होंठो का स्पर्श पाते हो एक दम फेरे खड़ा हो गया।
भाभी ने मुझे एक बार फेर समझाया के अब मैं तेरे लण्ड में बैठकर इसकी सील तोड़ रही हूँ। थोडा दर्द होगा बर्दाश्त कर लेना। आज का बर्दाश्त किया दर्द तुम्हे सारी उम्र चूत का मज़ा दिलवाएगा।
मेने भी भाभी की हाँ में हाँ मिला दी।
भाभी ने बेड की दराज़ से स्किन क्रीम निकाली और मेरे लण्ड पे मालिश करने लगी। जब मेरा लण्ड क्रीम लगने की वजह से चिकनाई वाला हो गया। भाभी ने मुझे बेस्ट आफ लक बोलकर मुझे तैयार रहने का इशारा किया। भाभी मेरी टाँगो पर मेरी तरफ मुह करके बैठ गयी और बोली,” मेरे राजा अपना ध्यान सिर्फ सेक्स में लगाये रखना, बहुत मज़ा आने वाला है।
मेने ठीक है बोलकर उनको आगे आने का इशारा किया।
भाभी अपने हाथ से लण्ड को अपनी चूत पे सेट करके हल्का हल्का निचे की और दबाव बनाने लगी।
भाभी की गीली और गर्म चूत एक अनोखा मज़ा दे रही थी। जब लण्ड भाभी की चूत के मुह में गया और भाभी के दबाव के कारण मेरे लण्ड की चमड़ी पीछे की तरफ सरकने लगी। मेने भाभी को दर्द होने का बोला।
Comments