Papa Ke Dost Ki Naukri Bachayi
मैं पीछे होकर दीवार से सट गई और मेरी चूत ऊपर को उठ गई और उसका लंड पूरा अंदर तक जाने लगा। उसका लंड मेरी बच्चेदानी से टकरा कर बाहर आता और कामुक आवाजें आतीं। यह कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे है..
उसने मुझे दीवान पर कुतिया की जैसे गांड उठा कर बैठा दिया और मेरी गांड पर दारू की खाली बोतल उल्टी कर दी, जिस में से दारू की कुछ बूंदें मेरी गांड पर गिर गईं। उसने मेरे चूतडो़ं तथा गांड के छेद से दारू की बूंदें जीभ से चाट कर साफ कर दीं और गांड के छेद पर चुम्मा ले लिया। उसने पीछे से मेरी गांड में लंड दे दिया और ताबड़तोड़ झटकों से मेरी गांड चोदने लगा।
उसके हर झटके से मेरा बदन हिल रहा था। उसने मेरी गांड से लंड निकाल कर मेरी गांड को ऊपर किया और मेरी चूत ऊपर उठ गई। उसने पीछे से ही मेरी चूत में लंड पेल दिया और मेरी चूत ठोकने लगा। वो बहुत तेज़ी से मुझे चोद रहा था और उसकी तोंद मेरे चूतडो़ं से टकरा रही थी। मैं भी गांड पटक पटक कर चूत चुदाई का मजा ले रही थी।
कहानी पढ़ने के बाद अपने विचार निचे कोममेंट सेक्शन में जरुर लिखे.. ताकि देसी कहानी पर कहानियों का ये दोर आपके लिए यूँ ही चलता रहे।
मैं चुदते हुए सोच रही थी एक बूढ़ा भी इतने जोश से चोद सकता है। उसकी रफ्तार काफी बढ़ गई और उसने मुझे कहा कि मैं झड़ने वाला हूं माल कहां निकालूं। मैंने कहा जहां दिल चाहे और अच्छा लगे। उसने मुझे दीवान पर लेटा लिया और मेरे ऊपर आकर मेरे बूब्ज़ के बीच लंड रख दिया।
मैंने अपने दोनों बूब्ज़ को पकड़ कर उसका लंड बीच में ले लिया और वो मेरे बूब्ज़ चोदने लगा। थोड़ी देर बाद उसके लंड से एक के बाद एक वीर्य की पिचकारियां निकलीं और मेरी गर्दन पर गिर गईं। मेरी गर्दन और बूब्ज़ उसके वीर्य से सन गए। अब वो बहुत खुश था और उसने मुझे होंठों पर चूम कर थैंक्स बोला।
मैंने भी उसको चूमा और खड़ी हो गई। वो अपने कपड़े पहनने लगा और मैंने खुद को साफ किया। वो मुझे मेरे गांव तक अपनी गाड़ी में छोड़कर गया और रास्ते में मैंने एक बार फिर उसका लंड चूस कर उसका पानी निकाला। दूसरे दिन पापा का दोस्त मिठाई लेकर आया और मुझे थैंक्स बोला।
मैंने आगे किस के सिथ चुदाई की वो अगली कहानी में, तब तक सभी को चुद्दकड़ अर्श का सलाम। और मेरी मेल आई डी है “[email protected]”. desi sex stories
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