Papa Ke Sath Garma Garam Chudai
मैं बहुत चुद्दकड़ किस्म कई लड़की हूं, बहुत सारे लड़कों, शादीशुदा मर्दों और बुढ्ढों के लंड से अपनी चूत एवं गांड की प्यास बुझा चुकी हूं। मैं अब तक एक बार में
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मैं बहुत चुद्दकड़ किस्म कई लड़की हूं, बहुत सारे लड़कों, शादीशुदा मर्दों और बुढ्ढों के लंड से अपनी चूत एवं गांड की प्यास बुझा चुकी हूं। मैं अब तक एक बार में
उस शादी में अरुण के अन्य 2 दोस्त विकास, संजीव भी शामिल हुए थे। जो देखने में ही चालू किस्म के लफंगे लोफर लगते थे, उनके कानो में बालिया, गले में मोटी चांदी की
कैसे मैंने रिया को पटा कर अपने रुम बुला कर और उसके रुम जा कर चोदा, मैंने उसकी चूत अच्छे से बजा बजाया और तो और वो भी अंत में मेरे लंड पर कुतिया की तरह कूदी।
मैंने रमन से पूछा क्या तुम्हारी मम्मी और दीदी ऐसा नहीं करती। उसने कहा नहीं दीदी जब मम्मी और दीदी को दो दो मर्द एकसाथ चोदते हैं तो वो जल्दी झड़ जाती हैं।
ये कहानी मेरे और मेरे मामा के लड़के के बीच हुए सेक्स की कहानी है। रमन मेरे सगे मामा का बेटा नहीं है बल्कि मेरी मम्मी के रिश्ते में भाई का बेटा है।
एक दिन मैं बिजली का बिल भरने, बिजली घर गया हुआ था। वहाँ पर प्रदीप भी मुझसे पहले लाइन में खड़ा था। लाइन बड़ी होने की वजह से मैं उसे अपना बिल पकड़ा कर, खुद उसके
उसने पंजाबी सूट पहना था, और पंजाबन तो होती ही हॉट है. उस दिन तो ज्यादा बात बात नहीं हुई. अब मैं रोज उसको देखता और उसके नाम की मुठ मरता था, मेरे कमरे मैं
मेरे मम्मी पापा ने लव मेरिज की थी. इंटर-कास्ट मेरिज होने के कारन मेरे दादाजी ने पापा को घर से निकल दिया और नानाजी ने मम्मी से रिश्ता तोड़ दिया. मेरे दादाजी..
बात आज से लगभग 4 साल पूरानी है.. जब मैं 21 साल का था, तब मेरे बड़े चाचा के लडके की यानी मेरे भाई की शादी तय हो गई। शादी के बाद भाभी घर में आ गईं।
जब मैंने मंजू के नंगे स्तन देखे तो मैं पागल सा हो गया। मेरा मन किया की मैं भी अंदर घुस जाऊं और मंजू की चूचियों को चूसने लगूं और उसकी फूली हुई निप्पलों को
देव मंजू को उठाकर मेरे कमरे में ले आया। मंजू अपनी छटपटाहट से देव का काम मुश्किल बना रही थी। मंजू जैसे तैसे देव के चुंगल से छटकना चाहती थी। पर अब देव ज़रा भी
अंदर जाकर क्या देखता है के गौरी खाट पे पड़ी है। उसके पास उसके बेटे के इलावा कोई भी नही है। जिसे शयद स्तनपान कराते कराते सो गयी थी। उसके कपड़े नींद की वजह से
देव के वापस आने के बाद देव और मंजू की शरारत भरी मस्ती बढ़ती ही जा रही थी। करीब हर रोज, माँ की नजर चुका कर देव मंजू को जकड ने कोशिश में लगा रहता था और मंजू
बड़ी नटखट और चुलबुली सी लड़की मंजू (औरत ही लगती थी वह) उस समय करीब इक्कीस या बाइस साल की होगी। भरी जवानी उसके कपड़ों में से जैसे छलक रही थी। वैसे भी उनकी जमात
जब एक दिन मैं फेसबुक पे अपने खास दोस्त दीप बंगड़ से उसकी ही एक पोस्ट पे हंसी मज़ाक कर रहा था तो उसी पोस्ट पे एक अजनबी लड़की अमृता के भी कुछ कमेंट्स आये हुए थे।
मैं स्वयं अपने इस उच्चारण से आश्चर्य चकित हो रही थी। मैंने इस तरह इतनी गन्दी बातें मेरे पति राज से भी नहीं की थी। और मैं थी की उस वक्त एक गैर मर्द से एक
हम इतने करीबी से एक दूसरे के बाहु पाश में जकड़े हुए थे की जब मैंने समीर के लम्बे और मोटे लण्ड को अपनी हथली में लेने की कोशिश की तो बड़ी मुश्किल से हमारे दो
इंडियन हिन्दी सेक्स स्टोरी हिंदी चुदाई कहानी जब हम गाढ़ चुम्बन में लिपटे हुए थे की समीर का एक हाथ मेरी पीठ पर ऊपर निचे घूम रहा था। साथ साथ में मेरा गाउन भी
यह एक सच्ची घटना है, जब मैं बारहवीं में पढ़ता था तब की बात है. हम दोनों का १२वी का एक्जाम खत्म हुआ था.. हमारा इंजियरिंग का एग्जाम था जो भुवनेश्वर में सेंटर
मैंने जब समीर के गाल चूमे तो समीर की शक्ल देखने वाली थी। वह काफी समय तक अजीब ढंग से बिना कुछ बोले वहीं पर बैठा रहा। थोड़ी देर बाद समीर ने कहा, "जब तुम सो रही