Badi Mushkil Se Biwi Ko Teyar Kiya – Part 20

iloveall 2017-02-25 Comments

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मैंने थोड़ा झिझकते हुए कहा, “पर यह गलत बात है। यह तो अपने पति के साथ धोका हुआ न?”

अनिल, “हाँ यदि पति या पत्नी से छुप कर करते हों तो। पर अगर पति पत्नी दोनों की मर्जी से यह होता है तो फिर धोखा कैसे? बोलो? क्या तुम मानती हो?”

मैं अपने पति की और देखने लगी। मैंने पूछा, “तो बताओ, तुम क्या चाहते हो?”

अनिल ने तुरंत लपक कर कहा, “क्या तुम हमारे जीवन में नवीनीकरण की इच्छा पूरी करोगी? मेरी इच्छा है की हम दोनों कुछ प्रयोग करते हैं, अगर तुम्हें मुझ पर पूरा विश्वास हो तो।”

मैंने अनिल की विशाल छाती में अपना मुंह रगड़ते हुए कहा, “मुझे तुम पर पूरा विश्वास है। अब मैं तुमसे कोई दलील अथवा विरोध नहीं करुँगी। तुम मेरे लिए पति से भी अधिक एक दोस्त और शुभ चिंतक हो। तुम जैसा ठीक समझो ऐसा करो।”

अनिल ने कहा, “ऐसे नहीं, तुम यह कहो की तुम जो करोगी अपनी मर्जी से करोगी। दूसरी बात अपने आप को रोकोगी नहीं।”

मैंने अपनी मुंडी हिलाते हुए अनिल को “हाँ” कहा।

मुझे शत प्रतिशत पता नहीं था की मेरा पति नीना के साथ सो चुका था या नहीं। हालांकि नीना ने अश्पष्ट रूप से मुझे कह ही दिया था की उसने अपने आप को राज और अनिल दोनों को समर्पित कर दिया था। नीना के साथ बात में मैंने यह स्पष्टता से पूछना ठीक नहीं समझा की क्या वह मेरे पति के साथ सो चुकी थी या नहीं। । पर अनिल की बात तो सही थी। अगर अनिल ने नीना को चोदा भी था तो मुझे उसे धोकेबाज कहना को कोई हक़ नहीं था क्योंकि उसने मुझसे पहले से ही इजाजत ले रक्खी थी।

अनिल ने तुरन्त मेरे होंठ पर अपने होंठ रखे और मुझे एक घनिष्ठ चुम्बन किया और बोला, “अब मैं चाहता हूँ की अगर राज के साथ तुम्हें ऐसा दुबारा मौक़ा मिले तो तुम राज को और अपने आपको रोकोगी नहीं।”

मैं सोच में पड़ गई। अब मुझे समझ में आया की नीना मुझे सही कह रही थी। उसने मुझे कहा था की अनिल चाहता था मैं राज से करीबी बढाऊँ। नीना ने यह कहा था की मैं उसका विरोध न करूँ और उसको कहूँ की मुझे थोड़ा समय चाहिए।

तब मैंने हिचकिचाते हुए अनिल से कहा, “डार्लिंग, मैं थोड़ी नर्वस हो रही हूँ। मैं इतनी जल्दी बदल नहीं सकती। मुझे थोड़ा वक्त दो और थोड़ी धीरज रखो।”

मैंने यह क्या कह दिया, मेरे पति की जान में जैसे जान आगयी।

पहली बार मैंने अनिल के ऐसे विचारों का विरोध नहीं किया। सच पुछो तो राज के बारेमें मैं भी थोड़ा चिंतन कर रही थी और मैंने अनुभव किया की मैं भी तो राज से सेक्सुअली आकर्षित थी। पर मैं अपने आपको दोषी अनुभव कर रही थी। उस दिन मेरे पति ने मुझे उस दोष भाव से मुक्त कर दिया।

उस दिन उन्होंने मुझे यह एहसास दिलाया की मेरी भावनाओं का भी कोई वजूद है। मेरे मन में वास्तव में मेरे पति के प्रति और सम्मान और प्रेम और भी बढ़ गया। तब मैं यह सोचने लगी की वास्तव में ही मेरे पति यदि नीना को चोदना चाहते हैं तो मुझे उनको हतोत्साहित नहीं करना चाहिए बल्कि उन्हें इसमें सहायता करनी चाहिए। मुझे पता था की वह तो मेरे ही रहेंगे वह मुझे और मेरी बेटी को कभी नहीं छोड़ेंगे और राज नीना को नहीं छोड़ेंगे इसका मुझे पूरा यकीन था। दूसरे राज और अनिल हम पत्नियों की बड़ी इज्जत करते थे। वह हमारी बदनामी कैसे बर्दाश्त कभी नहीं होने देते। जब मैंने यह सब गहराई से सोचा तो फिर मैं एक आझाद पंछी की तरह महसूस करने लगी

मेरे पति अनिल ने मुझे अपनी बाहों में लेकर मेरे बदन के हर अंग अंग में चुम्बन करने लगे और ऐसे प्यार करने लगे जैसे वह मुझसे पहली बार प्यार कर रहें हो। इनका यह भाव देख कर मैं हैरान रह गयी। मेरा थोड़ी नरमी दिखने पर ही वह इतने कृतज्ञ अनुभव कर रहे थे। मैंने सोचा मैं अपने पति को ऐसे मौज करराउंगी की वह भी याद करेंगे।

मैंने उनसे कानोंमें फुसफुसाते हुए कहा, “एक बात कहूँ?” अनिल ने मेरी और देखा और बिना बोले अपना सर हिलाया।

मैंने कहा, “डार्लिंग सच बोलो, क्या तुम नीना से सेक्स करना नहीं चाहते? क्या तुम नीना की और कामुक भाव से आकर्षित नहीं हो ?”

मैंने देखा की मेरे पति के चेहरे पर हवाइयां उड़ने लगी। उनके चेहरे के भाव देखकर मैं हंसकर उनका हाथ थाम कर बोली, “अरे यार, इतना परेशान क्यों हो रहे हो? मैं जानती हूँ की तुम नीना पर फ़िदा हो। वह वास्तव में बहुत सुन्दर और सेक्सी है तो अच्छी तो लगेगी ही। और वह भी तो तुमसे आकर्षित है। यह मुझे नीना ने खुद बताया है। मैं तो तुम्हें कहती हूँ की जाओ और उसे पटाओ और अपना झंडा गाड़ दो और किला फ़तेह करो। मैं एक बार नीना को तुमसे चुदती देखना चाहती हूँ। अगर तुमने यह कर लिया तो मैं तुम्हारी कोई भी बात मानने के लिए तैयार हूँ।”

मेरी यह बात नीना के प्लान के मुताबिक़ नहीं थी। पर उस समय मैंने भी जोश में मेरे पति की सबसे प्रबल ललक की पूर्ती करने की आझादी दे दी। और फिर अगर मेरा पति मुझे राज से चुदवाना चाहता था तो फिर नीना को क्यों छोड़ दिया जाये?

मेरी बात सुनकर अनिल का चेहरा खिल उठा। उसने मेरी नाइटी के बटन खोलना शुरू किया। वह धीरेसे बोला, “पर मैं चाहता हूँ की पहले मैं राज और तुम्हे करीब लाना चाहता हूँ। तुम विरोध तो नहीं करोगी न?”

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